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यात्रियों की सुविधा के लिए अब यूपी परिवहन निगम ने की ये पहल, प्रदेश भर में हुई शुरुआत

यूपी परिवहन निगम ने यात्रियों की सुविधा के लिए पहल की है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अब पूरे प्रदेश में अधिकारियों के पदनाम के साथ सीयूजी (Closed User Group) नंबर जारी किया है. इससे यात्रियों को क्या फायदा होगा? आइए जानते हैं.

Uttar Pradesh Transport Corporation
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Published : Apr 26, 2023, 12:52 PM IST

मेरठ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक जगदीश सिंह

मेरठः यूपी परिवहन निगम ने हर जिम्मेदार अधिकारी को अब सीयूजी (Closed User Group) नम्बर की सौगात दी गई है. इससे यात्रियों को अधिकारियों को अपने सुझाव और शिकायत देने में सुविधा होगी. राज्य मुख्यालय से प्रदेशभर में हर पद के लिए एक अलग नम्बर निर्धारित किया गया है. अभी तक निगम के जिम्मेदारों अफसरों से सम्पर्क करने में यात्रियों काफी परेशानी होती थी.

मेरठ परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा ने कहा कि परिवहन विभाग निरंतर यात्रियों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है. ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अब विभाग में जिम्मेदारों को पद नाम के साथ मोबाइल नम्बर उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक अधिकारी के नाम पर मोबाइल नम्बर थे. ये यात्रियों की सुविधा के लिए भी बसों में अंकित किए जाते थे. लेकिन, इससे डिपो में तैनात अधिकारी का तबादले या रिटायरमेंट में जिम्मेदार अफसरों से संपर्क करना मुश्किल हो जाता था. क्योंकि वो इस नंबर को अपने साथ लेकर चले जाते थे.

क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि प्रदेश मुख्यालय से प्रदेशभर में नए सीयूजी नम्बर जारी कर दिए हैं. अब प्रदेश की सड़कों पर चलने वाली बसों में संबंधित डिपो के आरएम, एआरएम के नए सीयूजी नम्बर हर बस में अंकित कराए जा रहे हैं. ताकि, किसी भी यात्री को यात्रा में कोई भी असुविधा है या फिर कोई भी सूचना अधिकारियों तक पहुंचानी हो तो वह आसानी से वह विभाग तक पहुंचा सके.

इस बारे में मेरठ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि जो पुराने नंबर होते थे. उसे अधिकारी अपने ट्रांसफर के दौरान साथ लेकर चले जाते थे. इससे समस्या यह होती थी कि जरूरत पड़ने पर यात्री उसी नम्बर से संपर्क करते थे. इससे उन्हें उचित जानकारी नहीं मिलती थी, जो यात्रियों के लिए काफी असुविधाजनक होता था. अब सब जगहों पर नए सीयूजी नम्बर दे दिए गए हैं. सभी बसों में भी नम्बर पद नाम के साथ लगाए गए हैं. ताकि अगर जनता का रोडवेज से सम्बंधित कोई असुविधा होने को लेकर बात करनी हो या सुझाव देना हो तो आसानी से उन नम्बरों पर सम्पर्क करके सुझाव दे सकते हैं. ट्रांसफर और रिटायरमेंट के बाद भी वह नंबर यथावत विभाग में बने रहेंगे.

ये भी पढ़ेंः आय में टॉप 10 में रहने वाला यूपी रोडवेज का लखनऊ रीजन अब प्रदेश में सबसे फिसड्डी

मेरठ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक जगदीश सिंह

मेरठः यूपी परिवहन निगम ने हर जिम्मेदार अधिकारी को अब सीयूजी (Closed User Group) नम्बर की सौगात दी गई है. इससे यात्रियों को अधिकारियों को अपने सुझाव और शिकायत देने में सुविधा होगी. राज्य मुख्यालय से प्रदेशभर में हर पद के लिए एक अलग नम्बर निर्धारित किया गया है. अभी तक निगम के जिम्मेदारों अफसरों से सम्पर्क करने में यात्रियों काफी परेशानी होती थी.

मेरठ परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा ने कहा कि परिवहन विभाग निरंतर यात्रियों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है. ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अब विभाग में जिम्मेदारों को पद नाम के साथ मोबाइल नम्बर उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक अधिकारी के नाम पर मोबाइल नम्बर थे. ये यात्रियों की सुविधा के लिए भी बसों में अंकित किए जाते थे. लेकिन, इससे डिपो में तैनात अधिकारी का तबादले या रिटायरमेंट में जिम्मेदार अफसरों से संपर्क करना मुश्किल हो जाता था. क्योंकि वो इस नंबर को अपने साथ लेकर चले जाते थे.

क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि प्रदेश मुख्यालय से प्रदेशभर में नए सीयूजी नम्बर जारी कर दिए हैं. अब प्रदेश की सड़कों पर चलने वाली बसों में संबंधित डिपो के आरएम, एआरएम के नए सीयूजी नम्बर हर बस में अंकित कराए जा रहे हैं. ताकि, किसी भी यात्री को यात्रा में कोई भी असुविधा है या फिर कोई भी सूचना अधिकारियों तक पहुंचानी हो तो वह आसानी से वह विभाग तक पहुंचा सके.

इस बारे में मेरठ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि जो पुराने नंबर होते थे. उसे अधिकारी अपने ट्रांसफर के दौरान साथ लेकर चले जाते थे. इससे समस्या यह होती थी कि जरूरत पड़ने पर यात्री उसी नम्बर से संपर्क करते थे. इससे उन्हें उचित जानकारी नहीं मिलती थी, जो यात्रियों के लिए काफी असुविधाजनक होता था. अब सब जगहों पर नए सीयूजी नम्बर दे दिए गए हैं. सभी बसों में भी नम्बर पद नाम के साथ लगाए गए हैं. ताकि अगर जनता का रोडवेज से सम्बंधित कोई असुविधा होने को लेकर बात करनी हो या सुझाव देना हो तो आसानी से उन नम्बरों पर सम्पर्क करके सुझाव दे सकते हैं. ट्रांसफर और रिटायरमेंट के बाद भी वह नंबर यथावत विभाग में बने रहेंगे.

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