मेरठ : चरथावल से विधायक एवं योगी सरकार के राज्यमंत्री विजय कश्यप का मंगलवार को कोरोना से निधन हो गया. राज्यमंत्री के निधन के बाद जहां परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, वहीं भाजपाइयों और समर्थकों में शोक की लहर है. बुधवार को राज्यमंत्री का पार्थिव शरीर पैतृक कस्बा नानौता पहुंचा. जहां कोरोना प्रोटोकॉल का तहत श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया. राज्यमंत्री के 16 साल के बेटे कार्तिक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान स्थानीय नेता, विधायकगण, प्रशानिक अधिकारी और बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद रही. मंत्री जी के निधन की खबर से कस्बा नानौता में मातम पसर गया है.
बीजेपी नेताओं और समर्थकों में शोक की लहर
जानकारी के मुताबिक राज्यमंत्री विजय कश्यप को कोरोना संक्रमण के चलते गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां मंगलवार की शाम राज्यमंत्री कोरोना से जंग हार गए. इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. राज्यमंत्री के निधन की खबर मिलते ही जहां परिजनों में कोहराम मच गया वहीं भाजपा कार्यकर्ता, नेताओं, मंत्रियों समेत हाईकमान तक शोक की लहर दौड़ गई. पीएम मोदी और सीएम योगी से लेकर रक्षा मंत्री समेत सभी केंद्रीय एवं राज्य सरकार के मंत्रियों ने ट्वीट कर न सिर्फ शोक व्यक्त किया है बल्कि परिवार को सांत्वना दी है.
कोविड प्रोटोकॉल के तहत हुआ अंतिम संस्कार
बुधवार की सुबह राज्यमंत्री का पार्थिव शरीर कस्बा नानौता पहुंचा तो अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. हालांकि इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया. मौके पर आए हर व्यक्ति, नेता, कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों की आंखे नम थीं. कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मंत्री विजय कश्यप का पार्थिव शरीर अस्पताल से सीधे श्मशान घाट ले जाया गया. जहां विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. बेटे कार्तिक ने बिलखते हुए मुखाग्नि दी. मंत्री की अंतिम विदाई में स्थानीय नेता, प्रशानिक अधिकारी और विधायक समेत बड़ी संख्या में लोग शमिल हुए.
जानिए, कौन थे विजय कश्यप ?
आपको बता दें कि विजय कश्यप के पिता मूल रूप से मुजफ्फरनगर के लखनौती के रहने वाले थे. उनके पिता प्रकाशचंद कश्यप सिंचाई विभाग में सींचपाल नियुक्त थे और उनकी पोस्टिंग नानौता इलाके में की गई थी. जिसके बाद वे परिवार के साथ नानौता ब्लाक के गांव जैदपुरा में रहने लगे. यहां उनके घर में विजय कश्यप समेत चार बच्चों ने जन्म लिया. विजय कश्यप चारों भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. उनके बाद अजय कश्यप और दो बहनें रेखा रानी एवं संचिला थी. नजदीकी रिश्तेदारों के मुताबिक विजय कश्यप ने प्रारंभिक शिक्षा गांव जैदपुरा से प्राप्त की थी. जबकि हाईस्कूल एवं इंटर के लिए कस्बा नानौता के किसान सेवक इंटर कालेज में दाखिला लिया था. इंटर करने के बाद उन्होंने सहारनपुर के जेवी जैन डिग्री कालेज से एमए की डिग्री हासिल की थी. साल 2004 में कस्बा नानौता में मोटर साइकिल की एजेंसी ली थी.
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दो चुनाव हारने के बाद बने विधायक
विजय कश्यप बीजेपी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. उनका पूरा परिवार नानौता कस्बे में रहता था, बावजूद इसके उनकी कर्मस्थली मुजफ्फरनगर की विधानसभा चरथावल रही. यही वजह है कि चरथावल से ही उनको विधायक चुना गया था. सीएम योगी ने विजय कश्यप सरकार में बाढ़ एवं नियंत्रण राज्यमंत्री बनाया था. उनकी निष्ठा और कार्यशैली को देखते हुए बीजेपी हाईकमान ने 2007 के विधानसभा चुनाव में चरथावल से पहली बार मैदान में उतारा था, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया तो हार गए थे. फिर 2012 में दूसरी बार भी हार का सामना करना पड़ा. 2017 में एक बार फिर बीजेपी ने चरथावल से प्रत्याशी बनाया था. 2017 के चुनाव में मेहनत और जनता का विश्वास मिला तो विधायक चुने गए थे. सामाजिक सेवा और कार्यशैली को देखते हुए सीएम योगी ने 21 अगस्त 2019 में विजय कश्यप को राज्यमंत्री बनाया था.