मेरठ: जिले के थाना फलावदा इलाके के रसूलपुर तिगरी गांव में हुए धमाके की हकीकत अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है. धमाके के बाद जहां पूरा गांव सदमे में है वहीं, ATS और फॉरेंसिक टीम दो दिन से घटना स्थल पर डेरा डाले हुए है. ATS की पूछताछ में ग्रामीणों ने बताया कि मृतक निसार के चाचा अब्दुल के नाम से आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस था जो 31 मार्च 2017 को समाप्त हो गया था, लेकिन निसार ने दिवाली और शादियों के लिए आतिशबाजी का सामान बनाना बंद नहीं किया. पिछली साल दिवाली पर भी उसके इसी मकान से करीब 54 लाख रुपये का अवैध पटाखा बरामद हुआ था. इतना ही नहीं बगल के मकान में डेढ़ साल पहले भी धमाका हो चुका है. निसार के घर मे चल रहा पटाखा कारोबार में इंटेलिजेंस ने स्थानीय पुलिस की मिली भगत होने की भी बात कही है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने चौंकी इंचार्ज महलका को लाइन हाजिर कर एक ओर जांच बिठा दी है.
20 साल से हो बन रहा आतिशबाजी का सामान
ATS टीम ने घटना स्थल पहुंच कर न सिर्फ फोटोग्राफी की बल्कि विस्फोटक सामग्री के सैंपल लेकर हादसे के सबूत जुटाए. ग्रामीणों से पता चला कि निसार के चाचा अब्दुल करीब 20 वर्षों से आतिशबाजी का सामान बनाते आ रहे हैं. चाचा अब्दुल ने बाकायदा आतिशबाजी का लाइसेंस भी बनवाया हुआ था. 31 मार्च 2017 को उनके नाम का लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई. निसार के चाचा सब कुछ छोड़ कर मुजफ्फरनगर के कस्बा खतौली में जाकर रहने लगे, लेकिन निसार ने चाचा अब्दुल के एक्सपायर लाइसेंस के नाम पर अवैध आतिशबाजी का सामान बनाना जारी रखा. बारूद लाने के लिए उसके पास न तो कोई लाइसेंस था और ना ही कोई अनुमति थी. ग्रामीणों के मुताबिक निसार शादियों के लिए भी आतिशबाजी बनाया करता था और दिवाली के बाद घटना वाले दिन उसके घर में शादी समारोह के लिए बनाए गए गोले रखे हुए थे. हालांकि कुछ ग्रामीणों ने जांच टीम को गुमराह करते हुए यह भी बताया कि घर मे रखे तीन सिलेंडरों की वजह से धमाका हुआ है.
पिछली दिवाली पर पकड़ा गया था 54 लाख का बारूद
एसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि पिछले साल दिवाली से पहले निसार के इसी मकान से करीब 54 लाख का अवैध पटाखा पकड़ा गया था, जिसके चलते निसार और उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. चौकाने वाली बात तो ये भी है कि निसार के भाई शादाब के मकान में करीब डेढ़ साल पहले आतिशबाजी के अवैध सामान के चलते धमाका हुआ था, जिंसमे एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. बुधवार की सुबह जब फॉरेंसिक और ATS की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की तो मौके से गंधक और पोटाश मिलने से धमाके की हकीकत सामने आई है.
दिवाली पर हो सकता था बड़ा हादसा
मंगलवार की रात हादसे के बाद बताया जा रहा था कि धमाका गैस सिलेंडर में आग लगने से हुआ है, लेकिन अगले दिन फॉरेसिंक और जांच टीम ने मलबे से गंधक और पोटाश बरामद की तो हादसे का खुलासा हुआ. गांव में पहुंची जांच टीम को ग्रामीणों ने बताया कि दिवाली के मौके पर निसार के घर मे पटाखों का बहुत बड़ा जखीरा भरा हुआ था. उस वक्त अगर यह हादसा हो जाता तो परिणाम बहुत गंभीर हो सकते थे. दिवाली के मौके पर निसार द्वारा बनाया गया आतिशबाजी का सामान बिक गया था, जबकि वह अब शादियों के लिए पटाखें बनाकर तैयार कर रहा था, जिसके लिए उसके घर मे भारी मात्रा में बारूद का सामान रखा हुआ था. बारूद में आग लगने से बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें निसार समेत तीन की जान चली गई 8 लोग घायल हो गए और चार मकान जमींजद हो गए.