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मेरठ धमाका: चाचा के लाइसेंस पर चल रहा था बारूद का कारोबार, जांच में खुलासा - expire license

मेरठ के रसूलपुर तिगरी गांव में हुए धमाके की जांच ATS कर रही है. ATS की अब तक की जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. मृतक निसार के चाचा अब्दुल के नाम से आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस समाप्त हो चुका था.

meerut blast case
धमाके में तीन मकान जमींदोज हो गए
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Published : Nov 20, 2020, 9:29 AM IST

मेरठ: जिले के थाना फलावदा इलाके के रसूलपुर तिगरी गांव में हुए धमाके की हकीकत अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है. धमाके के बाद जहां पूरा गांव सदमे में है वहीं, ATS और फॉरेंसिक टीम दो दिन से घटना स्थल पर डेरा डाले हुए है. ATS की पूछताछ में ग्रामीणों ने बताया कि मृतक निसार के चाचा अब्दुल के नाम से आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस था जो 31 मार्च 2017 को समाप्त हो गया था, लेकिन निसार ने दिवाली और शादियों के लिए आतिशबाजी का सामान बनाना बंद नहीं किया. पिछली साल दिवाली पर भी उसके इसी मकान से करीब 54 लाख रुपये का अवैध पटाखा बरामद हुआ था. इतना ही नहीं बगल के मकान में डेढ़ साल पहले भी धमाका हो चुका है. निसार के घर मे चल रहा पटाखा कारोबार में इंटेलिजेंस ने स्थानीय पुलिस की मिली भगत होने की भी बात कही है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने चौंकी इंचार्ज महलका को लाइन हाजिर कर एक ओर जांच बिठा दी है.

20 साल से हो बन रहा आतिशबाजी का सामान
ATS टीम ने घटना स्थल पहुंच कर न सिर्फ फोटोग्राफी की बल्कि विस्फोटक सामग्री के सैंपल लेकर हादसे के सबूत जुटाए. ग्रामीणों से पता चला कि निसार के चाचा अब्दुल करीब 20 वर्षों से आतिशबाजी का सामान बनाते आ रहे हैं. चाचा अब्दुल ने बाकायदा आतिशबाजी का लाइसेंस भी बनवाया हुआ था. 31 मार्च 2017 को उनके नाम का लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई. निसार के चाचा सब कुछ छोड़ कर मुजफ्फरनगर के कस्बा खतौली में जाकर रहने लगे, लेकिन निसार ने चाचा अब्दुल के एक्सपायर लाइसेंस के नाम पर अवैध आतिशबाजी का सामान बनाना जारी रखा. बारूद लाने के लिए उसके पास न तो कोई लाइसेंस था और ना ही कोई अनुमति थी. ग्रामीणों के मुताबिक निसार शादियों के लिए भी आतिशबाजी बनाया करता था और दिवाली के बाद घटना वाले दिन उसके घर में शादी समारोह के लिए बनाए गए गोले रखे हुए थे. हालांकि कुछ ग्रामीणों ने जांच टीम को गुमराह करते हुए यह भी बताया कि घर मे रखे तीन सिलेंडरों की वजह से धमाका हुआ है.

meerut blast case
धमाके में तीन मकान जमींदोज हो गए

पिछली दिवाली पर पकड़ा गया था 54 लाख का बारूद
एसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि पिछले साल दिवाली से पहले निसार के इसी मकान से करीब 54 लाख का अवैध पटाखा पकड़ा गया था, जिसके चलते निसार और उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. चौकाने वाली बात तो ये भी है कि निसार के भाई शादाब के मकान में करीब डेढ़ साल पहले आतिशबाजी के अवैध सामान के चलते धमाका हुआ था, जिंसमे एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. बुधवार की सुबह जब फॉरेंसिक और ATS की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की तो मौके से गंधक और पोटाश मिलने से धमाके की हकीकत सामने आई है.

दिवाली पर हो सकता था बड़ा हादसा
मंगलवार की रात हादसे के बाद बताया जा रहा था कि धमाका गैस सिलेंडर में आग लगने से हुआ है, लेकिन अगले दिन फॉरेसिंक और जांच टीम ने मलबे से गंधक और पोटाश बरामद की तो हादसे का खुलासा हुआ. गांव में पहुंची जांच टीम को ग्रामीणों ने बताया कि दिवाली के मौके पर निसार के घर मे पटाखों का बहुत बड़ा जखीरा भरा हुआ था. उस वक्त अगर यह हादसा हो जाता तो परिणाम बहुत गंभीर हो सकते थे. दिवाली के मौके पर निसार द्वारा बनाया गया आतिशबाजी का सामान बिक गया था, जबकि वह अब शादियों के लिए पटाखें बनाकर तैयार कर रहा था, जिसके लिए उसके घर मे भारी मात्रा में बारूद का सामान रखा हुआ था. बारूद में आग लगने से बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें निसार समेत तीन की जान चली गई 8 लोग घायल हो गए और चार मकान जमींजद हो गए.

meerut blast case
दो किलोमीटर दूर तक धमाके की आवाज सुनी गई
धमाके में गिरे 4 मकान, निसार समेत 3 कई मौत हुईमंगलवार की रात रसूलपुर गांव में निसार के घर रखे आतिशबाजी के सामान में इतना भयंकर हुआ था कि चार मकान जमींजद हो गए. मलबे दबने से निसार और उसके बेटे की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई और भतीजे श्यान ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि बीवी शायदा, बेटी अर्शी, बेटे हारून समेत आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. निसार की पत्नी शायदा को गंभीर हालत के चलते दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर किया गया है. इतना ही नही पड़ोसियों के मकान के लैंटर टूटने से कई मवेशी भी धमाके की भेंट चढ़ गए, जिसके चलते गांव में मातम पसरा हुआ है. मलबा ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है. मलबे को देख कर हर कोई सिहर उठता है. आस-पास के कई मकान खंडर में तब्दील हो चुके हैं.चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर, हैडकॉन्सटेबल निलंबितएसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि ATS और फॉरेसिंक टीम की जांच में मौके से मिले आतिशबाजी के सबूत स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्द पाई गई है. मकान में हुए धमाके के मामले में चौंकी इंचार्ज की लापरवाही भी सामने आई है, जिसके चलते महलका चौंकी इंचार्ज और एक सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया, जबकि बीट हेड कॉन्स्टेबल पर निलंबन की कार्रवाई की गई है.

मेरठ: जिले के थाना फलावदा इलाके के रसूलपुर तिगरी गांव में हुए धमाके की हकीकत अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है. धमाके के बाद जहां पूरा गांव सदमे में है वहीं, ATS और फॉरेंसिक टीम दो दिन से घटना स्थल पर डेरा डाले हुए है. ATS की पूछताछ में ग्रामीणों ने बताया कि मृतक निसार के चाचा अब्दुल के नाम से आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस था जो 31 मार्च 2017 को समाप्त हो गया था, लेकिन निसार ने दिवाली और शादियों के लिए आतिशबाजी का सामान बनाना बंद नहीं किया. पिछली साल दिवाली पर भी उसके इसी मकान से करीब 54 लाख रुपये का अवैध पटाखा बरामद हुआ था. इतना ही नहीं बगल के मकान में डेढ़ साल पहले भी धमाका हो चुका है. निसार के घर मे चल रहा पटाखा कारोबार में इंटेलिजेंस ने स्थानीय पुलिस की मिली भगत होने की भी बात कही है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने चौंकी इंचार्ज महलका को लाइन हाजिर कर एक ओर जांच बिठा दी है.

20 साल से हो बन रहा आतिशबाजी का सामान
ATS टीम ने घटना स्थल पहुंच कर न सिर्फ फोटोग्राफी की बल्कि विस्फोटक सामग्री के सैंपल लेकर हादसे के सबूत जुटाए. ग्रामीणों से पता चला कि निसार के चाचा अब्दुल करीब 20 वर्षों से आतिशबाजी का सामान बनाते आ रहे हैं. चाचा अब्दुल ने बाकायदा आतिशबाजी का लाइसेंस भी बनवाया हुआ था. 31 मार्च 2017 को उनके नाम का लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई. निसार के चाचा सब कुछ छोड़ कर मुजफ्फरनगर के कस्बा खतौली में जाकर रहने लगे, लेकिन निसार ने चाचा अब्दुल के एक्सपायर लाइसेंस के नाम पर अवैध आतिशबाजी का सामान बनाना जारी रखा. बारूद लाने के लिए उसके पास न तो कोई लाइसेंस था और ना ही कोई अनुमति थी. ग्रामीणों के मुताबिक निसार शादियों के लिए भी आतिशबाजी बनाया करता था और दिवाली के बाद घटना वाले दिन उसके घर में शादी समारोह के लिए बनाए गए गोले रखे हुए थे. हालांकि कुछ ग्रामीणों ने जांच टीम को गुमराह करते हुए यह भी बताया कि घर मे रखे तीन सिलेंडरों की वजह से धमाका हुआ है.

meerut blast case
धमाके में तीन मकान जमींदोज हो गए

पिछली दिवाली पर पकड़ा गया था 54 लाख का बारूद
एसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि पिछले साल दिवाली से पहले निसार के इसी मकान से करीब 54 लाख का अवैध पटाखा पकड़ा गया था, जिसके चलते निसार और उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. चौकाने वाली बात तो ये भी है कि निसार के भाई शादाब के मकान में करीब डेढ़ साल पहले आतिशबाजी के अवैध सामान के चलते धमाका हुआ था, जिंसमे एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. बुधवार की सुबह जब फॉरेंसिक और ATS की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की तो मौके से गंधक और पोटाश मिलने से धमाके की हकीकत सामने आई है.

दिवाली पर हो सकता था बड़ा हादसा
मंगलवार की रात हादसे के बाद बताया जा रहा था कि धमाका गैस सिलेंडर में आग लगने से हुआ है, लेकिन अगले दिन फॉरेसिंक और जांच टीम ने मलबे से गंधक और पोटाश बरामद की तो हादसे का खुलासा हुआ. गांव में पहुंची जांच टीम को ग्रामीणों ने बताया कि दिवाली के मौके पर निसार के घर मे पटाखों का बहुत बड़ा जखीरा भरा हुआ था. उस वक्त अगर यह हादसा हो जाता तो परिणाम बहुत गंभीर हो सकते थे. दिवाली के मौके पर निसार द्वारा बनाया गया आतिशबाजी का सामान बिक गया था, जबकि वह अब शादियों के लिए पटाखें बनाकर तैयार कर रहा था, जिसके लिए उसके घर मे भारी मात्रा में बारूद का सामान रखा हुआ था. बारूद में आग लगने से बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें निसार समेत तीन की जान चली गई 8 लोग घायल हो गए और चार मकान जमींजद हो गए.

meerut blast case
दो किलोमीटर दूर तक धमाके की आवाज सुनी गई
धमाके में गिरे 4 मकान, निसार समेत 3 कई मौत हुईमंगलवार की रात रसूलपुर गांव में निसार के घर रखे आतिशबाजी के सामान में इतना भयंकर हुआ था कि चार मकान जमींजद हो गए. मलबे दबने से निसार और उसके बेटे की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई और भतीजे श्यान ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि बीवी शायदा, बेटी अर्शी, बेटे हारून समेत आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. निसार की पत्नी शायदा को गंभीर हालत के चलते दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर किया गया है. इतना ही नही पड़ोसियों के मकान के लैंटर टूटने से कई मवेशी भी धमाके की भेंट चढ़ गए, जिसके चलते गांव में मातम पसरा हुआ है. मलबा ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है. मलबे को देख कर हर कोई सिहर उठता है. आस-पास के कई मकान खंडर में तब्दील हो चुके हैं.चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर, हैडकॉन्सटेबल निलंबितएसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि ATS और फॉरेसिंक टीम की जांच में मौके से मिले आतिशबाजी के सबूत स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्द पाई गई है. मकान में हुए धमाके के मामले में चौंकी इंचार्ज की लापरवाही भी सामने आई है, जिसके चलते महलका चौंकी इंचार्ज और एक सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया, जबकि बीट हेड कॉन्स्टेबल पर निलंबन की कार्रवाई की गई है.
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