मेरठ/लखनऊः हापुड़ की घटना के संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरठ कमिश्नर की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. जिसमें आईजी मेरठ और डीआईजी मुरादाबाद को शामिल किया गया है. यह कमेटी घटना के सभी पहलुओं की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. वहीं, हापुड़ घटना को लेकर यूपी बार काउंसिल ने बुधवार को कार्य बहिष्कार किया. इसके बाद प्रदेश भर के अधिवक्ताओं ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच हुए मामले को सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया है. अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सीएम ने मेरठ कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय स्पेशल जांच टीम का गठन कर दिया है. इस टीम में मेरठ कमिश्नर के अलावा आईजी मेरठ और डीआईजी मुरादाबाद को शामिल किया गया है. सीएम ने आदेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर हापुड़ में हुई घटना की पूरी रिपोर्ट अधिकारी सौंपगें.
बता दें कि एक महिला अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमे को वापस कराने के लिए अधिवक्ताओं ने मंगलवार को तहसील चौराहे पर धरना प्रदर्शन कर जाम लगाया था. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज कर दिया था. इस लाठी चार्ज के दौरान पुलिसकर्मी और अधिवक्ताओं समेत 6 से अधिक लोग घायल हो गए थे. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं, यूपी बार काउंसिल के आह्वान पर बुधवार की सुबह से मेरठ कचहरी परिसर में अधिवक्ता एकत्रित होने लगे. अधिवक्ताओं को एकत्रित होते देख मेरठ पुलिस अलर्ट हो गई. जहां लाठी और डंडे लेकर अधिवक्ता तहसील चौराहे पर पहुंच गए. इस दौरान अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया. जानकारी के अनुसार मेरठ में अधिवक्ताओं ने एक ट्रेनी आईएएस के गनर की पिटाई भी कर दी. इसके बाद कचहरी परिसर के बाहर भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया.
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