मेरठ: UPSRTC की तरफ से रोडवेज की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में मेरठ परिक्षेत्र के सोहराबगेट रोडवेज स्टेशन और हापुड़ जनपद के गढ़मुक्तेश्वर रोडवेज स्टेशन के हालात बदलने वाले हैं. यहां अब यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधा मिल सकेंगी. पीपीपी मॉडल पर इन दोनों बस स्टेशन को विकसित किया जाएगा. जिससे इन दोनों स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी.
प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि प्रदेश की जनता को रोडवेज की बसों से यात्रा करने में आवाजाही में सहूलियत हो. देखा भी जा रहा है कि लगातार राज्य सरकार नई बसें भी अलग अलग जिलों में दे रही है. वहीं, रोडवेज बस स्टेशनों पर भी यात्रियों के लिए सुविधाएं लगातार बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. इसके अलावा प्रदेश सरकार रोडवेज स्टेशनों को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने को लेकर भी काम कर रही है. हाल ही में प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पीपीपी मॉडल पर रोडवेज बस स्टेशनों को शानदार ढंग से बनाने का निर्णय लिया है.
दोनों रोडवेज स्टेशनों के विकास पर सरकार लगभग 60 करोड़ रूपये खर्च करने वाली है. वहीं, अगर सोहराब गेट डिपो 11500 वर्ग मीटर एरिया में शानदार ढंग से तैयार होगा. जिसमें भूतल से बसें चलेंगी और ऊपरी तल पर शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, मल्टीप्लैक्स, होटल समेत विभिन्न तरह सुविधाएं मिलेंगी. वहीं, स्टेशन की बिल्डिंग में ही मार्केट आदि भी होंगे. मेरठ परिक्षेत्र के कार्यवाहक क्षेत्रीय प्रबंधक मुकेश अग्रवाल ने बताया प्रदेश में सरकार ने कुल 23 रोडवेज बस अड्डे पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए चिन्हित किए हैं. जिनमें मेरठ का सोहराबगेट डिपो बस अड्डा और हापुड़ जनपद का गढ़ मुक्तेश्वर बस अड्डा शामिल है.
यहां अत्याधुनिक सुविधाएं तो यात्रियों को मिलेंगी ही साथ ही मल्टीलेवल पार्किंग से लेकर मल्टीप्लेक्स समेत आलिशान बस अड्डे में मार्केट भी बनेगी. होटल के साथ बेहतरीन वेटिंग रूम एयरपोर्ट की तरह बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सोहराब गेट डिपो से ही अकेले हर दिन लगभग 500 बसें गुजरती हैं. जहां सोहराब गेट बस अड्डा जहां स्थित है वहां रोडवेज व सिटी बस वर्कशाप भी है, जो कि लगभग 17 हजार 580 वर्ग मीटर एरिया में हैं. जबकि जो पीपीपी मॉडल पर अत्याधुनिक बस अड्डा बनाया जाना है. उसके लिए 11500 वर्ग मीटर एरिया चाहिए. उसके अतिरिक्त जो शेष 6080 वर्ग मीटर एरिया है, उसमें वर्कशॉप रहेगी.
यह भी पढे़ं: पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगे यह बस अड्डे, पांच हजार बसों में लगेंगे पैनिक बटन