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मेरठ: बासमती निर्यात में बाधा बन रहे दो कीटनाशक दवाओं लगा बैन

देश के बासमती निर्यात में बाधा बन रहे दो पेस्टिसाइड यानि कीटनाशक दवाओं को केन्द्र सरकार ने पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है. सरकार ने विदेशों में बासमती का अधिक से अधिक निर्यात हो सके इसके लिए यह कदम उठाया है.

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बासमती निर्यात में बाधा बन रहे दो कीटनाशक दवाओं पर बैन
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Published : Feb 15, 2020, 3:55 AM IST

मेरठ: बासमती निर्यात में बाधा बन रहे दो पेस्टिसाइड केंद्र सरकार ने पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए हैं. प्रतिबंधित किए गए पेस्टीसाइड के इस्तेमाल करने के अलावा उनके भंडारण और लाने ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

भारत में उगाया जा रहा बासमती धान दुनियाभर में अपनी खुशबू बिखेर रहा है. यूरोपीय देशों में सबसे अधिक डिमांड भारतीय बासमती की बनी हुई है. ऐसे में किसानों द्वारा फसल में पेस्टीसाइड इस्तेमाल किए जाने से निर्यात को झटका लग रहा है. इसे देखते हुए भारत सरकार ने ऐसे दो पेस्टीसाइड प्रतिबंधित किए हैं जो बासमती के निर्यात में बाधा बन रहे थे.

बासमती निर्यात में बाधा बन रहे दो कीटनाशक दवाओं पर केंद्र सरकार ने लगाया बैन.
भारत सरकार ने 31 जनवरी 2020 को अधिसूचना जारी करते हुए दो कीटनाशक ट्राईसाईक्लाजोल और बुपरोफेजिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इन दोनों पर प्रतिबंध लगाए जाने से अब बासमती निर्यात में बाधा नहीं आएगी. वहीं किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. बासमती निर्यात विकास संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक रितेश शर्मा ने बताया कि भारत में पैदा किया जाने वाला बासमती धान, दुनिया के करीब 155 देशों में निर्यात किया जाता है. पेस्टीसाइड के इस्तेमाल से निर्यात में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. देश के अंदर सबसे अधिक बासमती पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी में उगाया जाता है. पंजाब और हरियाणा के किसान पेस्टीसाइड का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि यूपी के किसान कम इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में एक्सपोर्टर यूपी के किसानों से धान की खरीद पर प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 44लाख टन बासमती का निर्यात किया गया, जिससे करीब 30806 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई.डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि पिछले 2 साल से पेस्टीसाइड के अधिक इस्तेमाल को रोकने के लिए बासमती निर्यात विकास संस्थान और भारत सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही थी. किसानों को जागरूक करते हुए उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा था. पेस्टीसाइड पर प्रतिबंध लगने से अब यूरोपीय देशों में अधिक से अधिक बासमती का निर्यात किया जा सकेगा.

मेरठ: बासमती निर्यात में बाधा बन रहे दो पेस्टिसाइड केंद्र सरकार ने पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए हैं. प्रतिबंधित किए गए पेस्टीसाइड के इस्तेमाल करने के अलावा उनके भंडारण और लाने ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

भारत में उगाया जा रहा बासमती धान दुनियाभर में अपनी खुशबू बिखेर रहा है. यूरोपीय देशों में सबसे अधिक डिमांड भारतीय बासमती की बनी हुई है. ऐसे में किसानों द्वारा फसल में पेस्टीसाइड इस्तेमाल किए जाने से निर्यात को झटका लग रहा है. इसे देखते हुए भारत सरकार ने ऐसे दो पेस्टीसाइड प्रतिबंधित किए हैं जो बासमती के निर्यात में बाधा बन रहे थे.

बासमती निर्यात में बाधा बन रहे दो कीटनाशक दवाओं पर केंद्र सरकार ने लगाया बैन.
भारत सरकार ने 31 जनवरी 2020 को अधिसूचना जारी करते हुए दो कीटनाशक ट्राईसाईक्लाजोल और बुपरोफेजिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इन दोनों पर प्रतिबंध लगाए जाने से अब बासमती निर्यात में बाधा नहीं आएगी. वहीं किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. बासमती निर्यात विकास संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक रितेश शर्मा ने बताया कि भारत में पैदा किया जाने वाला बासमती धान, दुनिया के करीब 155 देशों में निर्यात किया जाता है. पेस्टीसाइड के इस्तेमाल से निर्यात में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. देश के अंदर सबसे अधिक बासमती पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी में उगाया जाता है. पंजाब और हरियाणा के किसान पेस्टीसाइड का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि यूपी के किसान कम इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में एक्सपोर्टर यूपी के किसानों से धान की खरीद पर प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 44लाख टन बासमती का निर्यात किया गया, जिससे करीब 30806 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई.डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि पिछले 2 साल से पेस्टीसाइड के अधिक इस्तेमाल को रोकने के लिए बासमती निर्यात विकास संस्थान और भारत सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही थी. किसानों को जागरूक करते हुए उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा था. पेस्टीसाइड पर प्रतिबंध लगने से अब यूरोपीय देशों में अधिक से अधिक बासमती का निर्यात किया जा सकेगा.

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