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ए भाई जरा देख के चलो, यहां ट्रैफिक सिग्नल्स की बत्ती गुल है

पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े शहरों में से एक मेरठ जहां के चौक-चौराहों पर ट्रैफिक के पालन के लिए सिग्नल्स तो लगे हैं लेकिन, उनकी बत्ती गुल रहती है. ऐसे में लोगों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए आपाधापी करते देखे जा सकते हैं. देखिए ये खास रिपोर्ट...

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Published : Aug 31, 2021, 6:28 PM IST

मेरठ में ट्रैफिक सिग्नल्स खराब
मेरठ में ट्रैफिक सिग्नल्स खराब

मेरठ: शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल्स सालों से हैं, लेकिन कई जगहों पर ये सिग्नल्स शोपीस मात्र बनकर रह गए हैं. सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए सरकार तमाम स्लोगन और पोस्टर लगाए जाते हैं. यातायात माह, यातायात जागरूकता सप्ताह जैसे कई कार्यक्रम भी समय-समय पर होते हैं, लेकिन रुकने का इशारा देने वाले सिग्नल्स की जब खुद ही बत्ती गुल है तो सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद कैसे की जा सकती है.

नियम कायदे तक भूल जाते हैं लोग

मेरठ शहर के अधिकतर चौराहों पर ज्यादातर ट्रैफिक सिग्नल्स खराब हैं. शहर में हर दिन हजारों वाहनों की आवाजाही मुख्य चौराहों से होती है. ऐसे में सिग्नल्स खराब होने पर लोग जल्दबाजी में अपने गन्तव्य तक पहुंचने के लिए नियम कायदे कानून सब भूल जाते हैं. खासकर ऐसे चौराहों की हालत तो और भी दयनीय हो जाती है जहां कई बार ट्रैफिक कर्मचारी भी तैनात नहीं होते. लोग ट्रैफिक नियमों की अनदेखी न करें इसके लिए ट्रैफिक कर्मी लगातार डयूटी करते रहते हैं. फिर भी कई-कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि एम्बुलेंस तक को निकलने का रास्ता नहीं मिलता.

मेरठ के ट्रैफिक सिग्नल्स का हाल.

एम्बुलेंस भी जाम में फंस जाती है

वाहन चालकों ने ईटीवी भारत से बताया कि यह समस्या काफी समय से है. सिग्नल खराब होने की वजह से लोग आगे निकलने की जल्दबाजी करते हैं, जिसके चलते जाम लग जाता है. वाहन चालक आशुतोष यादव ने बताया कि जाम की समस्या से लगातार जूझना पड़ता है. ई-रिक्शा चलाने वाले पवन कुमार ने बताया कि सिग्नल्स लगाए तो गए थे जनता के फायदे के लिए लेकिन, ये कभी चलते हैं तो कभी बन्द रहते हैं. ऐसे में दिक्कतें बनी रहती हैं. आशीष चौधरी ने बताया कि क्योंकि मेरठ में अन्य स्थानों से लोग अपने मरीजों को लेकर भी उपचार के लिए आते हैं, ऐसे में एम्बुलेंस का जाम में फंसना स्वाभाविक है. उन्होंने बताया कि हालांकि ट्रैफिककर्मी भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं, अगर सिग्नल चालू हो तो सभी के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करना आसान हो जाता है.

जल्द दुरुस्त होंगे सभी सिग्नल्स

इस बारे में महकमे के जिम्मेदारों का कहना है कि शहर के प्रत्येक सिग्नल का ब्योरा दिया हुआ है, उम्मीद है जल्द ही सभी दुरुस्त हो जाएंगे. उसके बाद ये परेशानी समाप्त हो जाएगी. एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि चौराहों पर लगातार ट्रैफिक कर्मियों को अलर्ट रहने और यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए निर्देशित किया गया है. कहीं भी समस्या न आए इसके लिए वह स्वयं भी समय-समय पर चेकिंग करते रहते हैं.

मेरठ: शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल्स सालों से हैं, लेकिन कई जगहों पर ये सिग्नल्स शोपीस मात्र बनकर रह गए हैं. सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए सरकार तमाम स्लोगन और पोस्टर लगाए जाते हैं. यातायात माह, यातायात जागरूकता सप्ताह जैसे कई कार्यक्रम भी समय-समय पर होते हैं, लेकिन रुकने का इशारा देने वाले सिग्नल्स की जब खुद ही बत्ती गुल है तो सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद कैसे की जा सकती है.

नियम कायदे तक भूल जाते हैं लोग

मेरठ शहर के अधिकतर चौराहों पर ज्यादातर ट्रैफिक सिग्नल्स खराब हैं. शहर में हर दिन हजारों वाहनों की आवाजाही मुख्य चौराहों से होती है. ऐसे में सिग्नल्स खराब होने पर लोग जल्दबाजी में अपने गन्तव्य तक पहुंचने के लिए नियम कायदे कानून सब भूल जाते हैं. खासकर ऐसे चौराहों की हालत तो और भी दयनीय हो जाती है जहां कई बार ट्रैफिक कर्मचारी भी तैनात नहीं होते. लोग ट्रैफिक नियमों की अनदेखी न करें इसके लिए ट्रैफिक कर्मी लगातार डयूटी करते रहते हैं. फिर भी कई-कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि एम्बुलेंस तक को निकलने का रास्ता नहीं मिलता.

मेरठ के ट्रैफिक सिग्नल्स का हाल.

एम्बुलेंस भी जाम में फंस जाती है

वाहन चालकों ने ईटीवी भारत से बताया कि यह समस्या काफी समय से है. सिग्नल खराब होने की वजह से लोग आगे निकलने की जल्दबाजी करते हैं, जिसके चलते जाम लग जाता है. वाहन चालक आशुतोष यादव ने बताया कि जाम की समस्या से लगातार जूझना पड़ता है. ई-रिक्शा चलाने वाले पवन कुमार ने बताया कि सिग्नल्स लगाए तो गए थे जनता के फायदे के लिए लेकिन, ये कभी चलते हैं तो कभी बन्द रहते हैं. ऐसे में दिक्कतें बनी रहती हैं. आशीष चौधरी ने बताया कि क्योंकि मेरठ में अन्य स्थानों से लोग अपने मरीजों को लेकर भी उपचार के लिए आते हैं, ऐसे में एम्बुलेंस का जाम में फंसना स्वाभाविक है. उन्होंने बताया कि हालांकि ट्रैफिककर्मी भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं, अगर सिग्नल चालू हो तो सभी के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करना आसान हो जाता है.

जल्द दुरुस्त होंगे सभी सिग्नल्स

इस बारे में महकमे के जिम्मेदारों का कहना है कि शहर के प्रत्येक सिग्नल का ब्योरा दिया हुआ है, उम्मीद है जल्द ही सभी दुरुस्त हो जाएंगे. उसके बाद ये परेशानी समाप्त हो जाएगी. एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि चौराहों पर लगातार ट्रैफिक कर्मियों को अलर्ट रहने और यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए निर्देशित किया गया है. कहीं भी समस्या न आए इसके लिए वह स्वयं भी समय-समय पर चेकिंग करते रहते हैं.

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