मेरठ: जिले में पुलिस ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके पास से फर्जी ऑफर लेटर और मोहरों के साथ ठगी की नगदी भी बरामद की है. तीनों अभियुक्त बुलंदशहर जिले के रहने वाले हैं और मेरठ मंडल के सभी जनपदों में बेरोजगार युवकों को अपने झांसे में फंसाकर नौकरी के नाम पर लाखों रुपये ठग लेते थे. पुलिस ने तीनों अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
कोरोना काल में बेरोजगार युवको को बना रहे थे शिकार
आपको बता दें कि पकड़े गए अभियुक्त कोरोना काल मे बेरोजगार युवकों को अपना शिकार बना रहे थे. कृषि विभाग में किसान सहायक पद पर नौकरी दिलाने के लिए 4 से 6 लाख रुपये की सौदेबाजी कर रहे थे. बेरोजगारी से जूझ रहे युवक इनके झांसे में आसानी से फंस जाते थे. इन्होंने ऑफर लेटर पर गोमतीनगर लखनऊ के सरकारी विभाग का पता छपवाया हुआ हुआ था, जिससे किसी को इनकी जालसाजी पर शक भी नहीं होता था.
पीड़ित की शिकायत पर हुआ खुलासा
एसओ थाना मेडिकल ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त बुलंदशहर जिले रहने वाले हैं.बुलंदशहर निवासी विकास ने अपने साथ ठगी होने की शिकायत की थी. शिकायत में विकास ने बताया था कि तीन युवकों ने नौकरी के नाम पर 3 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए हैं और जानी ब्लॉक में किसान सहायक पद के लिए जॉइनिंग लेटर के नाम पर पचास हजार रुपये और मांग रहे हैं. इस बाबत जब विकास ने विभूतिखंड लखनऊ में पता किया तो उसके होश उड़ गए. पुलिस ने मामले को गंभीरता लेते हुए पीड़ित की निशानदेही पर तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. इसके पास से लखनऊ के पते छपे ऑफर और जॉइनिंग लेटर बरामद हुए हैं.
'किसान कुंभ' योजना का विज्ञापन भेजकर बनाते शिकार
पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि ये लोग मोबाइल फोन पर 'किसान कुंभ' यूपी सरकार की योजना बताकर युवाओं को अपने जाल में फंसाकर ठगी का शिकार बना रहे थे. किसान कुंभ के विज्ञापन को देखकर नौकरी की चाहत रखने वाले युवक उनसे संपर्क करते थे, जिसके बाद नौकरी दिलाने के नाम पर सौदेबाजी की जाती थी. एक युवक से 4 से 6 लाख रुपये में नौकरी का सौदा किया जाता था. पैसे लेने के बाद ये लोग न सिर्फ ऑफर लेटर भेजते थे, बल्कि आधे से ज्यादा पैसा मिलने के बाद जॉइनिंग लेटर भी भेज देते थे.
एसओ थाना मेडिकल प्रमोद कुमार गौतम ने बताया कि बुलंदशहर में गुलावठी इलाके के नयाबांस निवासी विकास को इन ठगों ने जानी ब्लॉक में तहसील सहायक का नियुक्ति पत्र दिया, जब वह तहसील में जॉइन करने पहुंचा तो वहां पता चला कि ऐसी कोई भर्ती ही नहीं हुई. जांच कराई तो उसका नियुक्ति पत्र भी फर्जी मिला है. पांच लाख की ठगी होने पर शास्त्रीनगर एल ब्लॉक के पंकज तोमर ने मेडिकल थाने में शिकायत दर्ज कराई. एसओ ने बताया कि पकड़े गए आरोपी दीपक चौधरी निवासी राजनगर प्रथम कोर्ट रोड बुलंदशहर, सचिन निवासी मोहल्ला सैदुर गुलावठी व कौशल निवासी गांव बराल गुलावठी बुलंदशहर हैं.