मेरठः हाल ही में टोक्यों पैरालम्पिक में जैवलिन थ्रो स्पर्धा में देश के लिए गोल्ड हासिल करने वाले सुमित आंतिल युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शी बने हैं. ईटीवी भारत से उन्होंने खास बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह तमाम बाधाओं को पार कर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करते हुए उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था.
टोक्यो पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो स्पर्धा में देश के लिए गोल्ड मेडल हासिल करने वाले युवा प्रतिभावान खिलाड़ी सुमित आंतिल पर आज पूरे देश को नाज है. टोक्यो में अपने बल पर शानदार प्रदर्शन कर सुमित ने भारत का झंडा बुलंद ही नहीं किया, बल्कि उन्होंने कठोर परिश्रम, मेहनत और लगन से ये सिद्ध भी कर दिया कि शारीरिक कमजोरी आपके होसले के सामने कहीं नहीं टिकती है.
आपको बता दें कि जेवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड दिलाने वाले सुमित आंतिल ने शारीरिक बाधाओं को पीछे छोड़ दिया था. उनका कहना है कि हालांकि पूर्व की तुलना में अब काफी परिवर्तन आया है. लेकिन खेल और खिलाड़ियों की ओर से सरकारों को गम्भीरता से ध्यान देने की जरूरत है.
सुमित बताते है कि वे हरियाणा के सोनीपत जिले के जिस गांव से आते हैं. वहां रेसलिंग को लेकर अधिकतर तैयारी युवा करते हैं. उन्होंने बताया कि वो भी रेसलिंग में ही अपना भविष्य मानकर चल रहे थे. 2015 में उनके साथ एक दुर्घटना हुई. जिसके बाद सब कुछ बदल गया. लेकिन नहीं बदला तो सिर्फ उनका इरादा. उन्होंने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपना गेम बदल दिया और खूब मेहनत और लगन से जैवलिन थ्रोअर के तौर पर अपनी पहचान बना डाली. बता दें कि एक सड़क दुर्घटना के बाद सुमित का पैर तब इलाज के बाद डॉक्टर्स को काटना पड़ा था.
सुमित हर युवा से यही कहना चाहेंगे कि सपने देखें, उन्हें पूरा करने को खूब मेहनत करने को तैयार रहें. कभी भी हार या नाकामी के डर से अपने आप को कमजोर न करें. उन्होंने बताया कि 2018 में एशियन पैरालंपिक में पांचवीं रैंकिंग पर रहे थे. उसके बाद 2019 में सिल्वर प्राप्त कर आगे बढ़ने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा. इस बार उन्होंने देश को गोल्ड मेडल दिलवाकर अपनी काबिलयत का लोहा मनवा दिया था.
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सुमित ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि वो युवाओं के लिए यही कहना चाहेंगे कि युवा कुछ भी करें. लेकिन जरूरत पड़ने पर सिर्फ अपना शत प्रतिशत दें. उनके मुताबिक अपनी कमजोरी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. वो कहते हैं कि कुछ लोग कई बार आपके स्ट्रगल को देखकर और डिसेबिलिटी को देखकर कमेंट भी कर सकते हैं. उनसे सीख लें लक्ष्य पर ध्यान दें. सुमित के मुताबिक आपको कोई आपके लक्ष्य से भटका नहीं सकता. सिर्फ मेहनत करें.