मेरठ: वेस्टर्न यूपी के मेरठ में अब कान्हाजी की ड्रेस तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह पहला मौका है जब किसी संस्थान में भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप के अलग-अलग स्वरूपों को लेकर तरह-तरह की डिजाइनर ड्रेस तैयार हो रही हैं. बता दें कि मेरठ की एक पहचान यह भी है कि यह लंकापति रावण की ससुराल है. रावण की ससुराल में अब महिलाएं कान्हा जी की पोशाक बनाकर आत्मनिर्भर बनने को आगे आई हैं.
देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भगवान श्रीकृष्ण की खूब फैन फॉलोइंग हैं. इतना ही नहीं मथुरा में जन्मे श्रीकृष्ण के दुनिया भर में अनुयायी हैं. भगवान श्रीकृष्ण के बाल्य रूप की यदि बात की जाए तो देखा जाता हैं कि विशेष तौर पर भक्त कान्हा जी की पूजा-अर्चना तो करते ही हैं. साथ ही उनके बाल्य रूप की सेवा घर में किसी शिशु की देखभाल की तरह भी की जाती है. निश्चित ही ऐसे में कान्हा जी के लिए उनकी सेवा में लगे भक्त एक से बढ़कर एक ड्रेस का भी इंतजाम करते हैं. साथ ही उनकी जरूरत की हर चीज के इंतजाम में लोग लगे रहते हैं.
तमाम जरूरतों को ध्यान में रखकर जिले के लीड बैंक ने संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की तरफ जरूरतमंद युवतियों और महिलाओं के लिए यह विशेष कोर्स शुरू किया है. इस कोर्स में 35 महिलाओं और युवतियों ने रुचि दिखाई है और प्रशिक्षण भी प्राप्त कर रही हैं. बता दें कि यूपी में मथुरा के बाद दूसरी जगह मेरठ है, जहां कान्हा जी की पोशाक (मुकुट, माला, बासुरी, नाइट सूट, झूला, बेड, टोकरी) इत्यादि का बैच संचालित किया जाता है.
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ईटीवी भारत ने प्रशिक्षण ले रहीं महिलाओं से बात की. वे बताती हैं कि श्रीकृष्ण के हर जगह दुनिया में भक्त हैं. ऐसे में उनकी पोशाक बनाने का प्रशिक्षण मेरठ में कराया जा रहा है. जब उन्हें इस बारे में मालूम हुआ तो उन्हें भी लगा कि ड्रेस बनाकर वह आगे काम भी कर सकती हैं. इसी वजह से इस कोर्स में उन्होंने रुचि दिखाई है. ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली गीता रानी कहती हैं कि सिलाई तो उन्हें आती ही है. अगर ऐसे में उन्हें कान्हा जी की ड्रेस की सिलाई और आ जाएगी तो निश्चित ही इससे उन्हें लाभ होगा. लीड बैंक की तरफ से निशुल्क मिल रहे प्रशिक्षण से सभी बेहद खुश हैं. यही वजह है कि इस विशेष ट्रेनिंग को कर रहीं महिलाओं और युवतियों को लगता है कि इसके बाद उनका हुनर और बढ़ेगा. इससे वे अपने परिवार को आर्थिक तौर पर मदद करने में सहायक भी होंगी.
लीड बैंक की तरफ से आयोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में इस कोर्स के प्रति दीवानगी और दिलचस्पी का आलम यह है कि इस कोर्स को करने के लिए कई और भी आवेदन आ चुके हैं. कुछ समय के बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भी आने वाला है. लोग अपने कन्हैया जी के लिए अलग-अलग खूबसूरत ड्रेस से लेकर उनसे सम्बन्धित कई सामान लेते हैं. संस्थान के निदेशक शिव सिंह भारती ने बताया कि शॉर्ट टर्म कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. इस कोर्स को यहां बेहद पसंद किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाहर से खास ट्रेनर प्रशिक्षण को बुलाई गईं हैं. संस्थान की फैकल्टी का भी इस कार्य में सहयोग है.
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