मेरठ: आजादी के 75 साल सम्पन्न होने पर शुक्रवार को मेरठ के शहीद स्मारक पर आजादी अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान के साथ योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शामिल हुए. इस दौरान जहां अमृत महोत्सव कार्यक्रम में देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए, बल्कि देश भक्ति गीतों पर छात्र छात्राओं ने नृत्य कर सबका मन मोह लिया. आजादी अमृत महोत्सव का शुभारंभ कैलाश प्रकाश स्टेडियम से 75 साइकिलों की रैली निकाल कर किया गया. साइकिल रैली शहर के मुख्य मार्गों से निकलते हुए दिल्ली रोड़ शहीद स्मारक पहुंची, जहां पर मुख्य अतिथि प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने रैली का स्वागत किया.
25 सालों में बनेगा देश का रोड़ मैप
केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि देश भक्ति के कार्यक्रम पूरे साल चलेंगे. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि देश की युवा पीढ़ी को यह पता होना चाहिए कि आजादी का आंदोलन रहा, आजादी कितनी मुश्किल से मिली. आजादी के बाद आज हिंदुस्तान कहां पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाना चाहिए, आने वाले 25 सालों में भारत का रोड़ मैप क्या होगा, इस पर भी सरकार विचार कर रही है. बीते एक साल में केंद्र सरकार यह निकाल कर लाई है कि देश को कहां ले जाना है. उन्होंने कहा कि आज तक अधिकारों की बात हुई है, कर्तव्य की भी बात हुई है. आम नागरिक के इस देश मे कर्तव्य क्या हैं. पीएम मोदी की यह सोच है कि पूरे भारत में एक साथ एक तरह से मंथन चले और इसके बारे में विचार विमर्श हो.
किसान आंदोलन पर कही ये बात
किसान आंदोलन के सवाल पर केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि बहुत सी बातें हैं. सभी किसान भाई अपने ही हैं, बाहर का कोई नहीं है. ये किसानों की सरकार है, यह मामला जल्द निपट जाएगा. इसकी हमें पूरी उम्मीद है. क्योंकि जो मुख्य मुद्दा था उसके लिए आपसी तालमेल में कहीं ना कहीं कमी रही है, जिस कमी के कारण सरकार कुछ नहीं कर पाई, जब सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने भी डेढ़ साल पर सहमति जताई है तो किसान संगठन की ओर से भी रिस्पांस आना चाहिए था. सरकार लगातार किसान से बातचीत के माध्यम से हल करना चाहती है. किसानों को सम्मान देना चाहती है. इसके लिए कहीं ना कहीं किसी स्तर पर दोबारा बातचीत शुरू होगी, जिससे किसान आंदोलन का हल निकलेगा.
दोबारा बातचीत से निकलेगा किसान आंदोलन का हल: संजीव बालियान
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में शहीद स्मारक पर आजादी अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में यूपी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान शामिल हुए. किसानों के मुद्दे पर बातचीत करते हुए बालियान ने कहा कि दोबारा बातचीत से ही किसान आंदोलन का हल निकलेगा.
मेरठ: आजादी के 75 साल सम्पन्न होने पर शुक्रवार को मेरठ के शहीद स्मारक पर आजादी अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान के साथ योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शामिल हुए. इस दौरान जहां अमृत महोत्सव कार्यक्रम में देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए, बल्कि देश भक्ति गीतों पर छात्र छात्राओं ने नृत्य कर सबका मन मोह लिया. आजादी अमृत महोत्सव का शुभारंभ कैलाश प्रकाश स्टेडियम से 75 साइकिलों की रैली निकाल कर किया गया. साइकिल रैली शहर के मुख्य मार्गों से निकलते हुए दिल्ली रोड़ शहीद स्मारक पहुंची, जहां पर मुख्य अतिथि प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने रैली का स्वागत किया.
25 सालों में बनेगा देश का रोड़ मैप
केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि देश भक्ति के कार्यक्रम पूरे साल चलेंगे. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि देश की युवा पीढ़ी को यह पता होना चाहिए कि आजादी का आंदोलन रहा, आजादी कितनी मुश्किल से मिली. आजादी के बाद आज हिंदुस्तान कहां पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाना चाहिए, आने वाले 25 सालों में भारत का रोड़ मैप क्या होगा, इस पर भी सरकार विचार कर रही है. बीते एक साल में केंद्र सरकार यह निकाल कर लाई है कि देश को कहां ले जाना है. उन्होंने कहा कि आज तक अधिकारों की बात हुई है, कर्तव्य की भी बात हुई है. आम नागरिक के इस देश मे कर्तव्य क्या हैं. पीएम मोदी की यह सोच है कि पूरे भारत में एक साथ एक तरह से मंथन चले और इसके बारे में विचार विमर्श हो.
किसान आंदोलन पर कही ये बात
किसान आंदोलन के सवाल पर केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि बहुत सी बातें हैं. सभी किसान भाई अपने ही हैं, बाहर का कोई नहीं है. ये किसानों की सरकार है, यह मामला जल्द निपट जाएगा. इसकी हमें पूरी उम्मीद है. क्योंकि जो मुख्य मुद्दा था उसके लिए आपसी तालमेल में कहीं ना कहीं कमी रही है, जिस कमी के कारण सरकार कुछ नहीं कर पाई, जब सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने भी डेढ़ साल पर सहमति जताई है तो किसान संगठन की ओर से भी रिस्पांस आना चाहिए था. सरकार लगातार किसान से बातचीत के माध्यम से हल करना चाहती है. किसानों को सम्मान देना चाहती है. इसके लिए कहीं ना कहीं किसी स्तर पर दोबारा बातचीत शुरू होगी, जिससे किसान आंदोलन का हल निकलेगा.