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गाजीपुर बॉर्डर की ओर रवाना हुए सपा नेता, कहा- जाया नहीं जाएंगे आंसू

यूपी के मेरठ में किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को समाजवादी पार्ट के नेता अतुल प्रधान गाजीपुर बॉर्डर की ओर रवाना हो गए हैं. उन्होंने कहा कि भाकियू नेता राकेश टिकैत के आंसू जाया नहीं जाएंगे.

गाजीपुर बॉर्डर की ओर रवाना हुए सपा नेता
गाजीपुर बॉर्डर की ओर रवाना हुए सपा नेता
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Published : Jan 30, 2021, 9:39 PM IST

मेरठ: राकेश टिकैत की आंखों से निकले आंसूओं के बाद समूचे पश्चमी उत्तर प्रदेश में पंचायतों का दौर शुरू हो गया है. वहीं विपक्षी दलों ने आंदोलन को समर्थन देकर अपनी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी हैं. मेरठ से सपा नेता अतुल प्रधान की अगुवाई में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर के लिए निकल चुके हैं. हाथों में तिरंगा लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर राकेश टिकैत का समर्थन किया है.

विपक्षी दलों ने किया समर्थन
किसान आंदोलन में दम भरने के लिए विपक्षी दलों ने भी अपनी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी हैं. मेरठ से सपा नेता अतुल प्रधान के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर के लिए निकल गए हैं. सपा नेता अतुल प्रधान अपने आवास से हाथों में तिरंगे लेकर गाजीपुर बॉर्डर की ओर रवाना हो गए हैं. अतुल प्रधान ने बताया कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी कानून बनाकर किसानों को नुकसान पहुंचा रही है. सपा मुखिया अखिलेश यादव पहले दिन से ही इन कानूनों की मुखालफत कर रहे हैं.

राकेश टिकैत की तारीफ में पढ़े कसीदे
आंदोलन कर रहे राकेश टिकैत की तारीफ में कसीदे कसते हुए कहा कि राकेश टिकैत के आंसू जाया नहीं जाएंगे. किसान आंदोलन को मजबूती के साथ बढ़ाने वाले हर किसान को बहादुरी के तौर पर गदा भी भेंट करेंगे.

पिछले दो महीने से आंदोलनरत हैं किसान
आपको बता दें कि कृषि संबंधी तीनों कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र सरकार किसान संगठनों के साथ बैठक कर जहां कानूनों में संशोधन करने का आश्वासन दे रही है, वहीं किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. जिसके चलते किसान संगठनों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने का आह्वान किया था. किसान नेताओं के आह्वान पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और किसानों ने परेड की थी.

किसान नेताओं को हटाने की कोशिश
लाल किले पर हुई करतूत के बाद आधे से ज्यादा किसान वापस लौट गए जबकि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहे. गुरुवार की रात दिल्ली पुलिस के साथ पीएसी, सीआरपीएफ समेत भारी फोर्स लगा दी थी. आलम यह था कि राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की संभावनाएं बन गई थीं. जिसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए राकेश टिकैत न सिर्फ भावुक हो गए बल्कि फूट फूट कर रो पड़े.

मेरठ: राकेश टिकैत की आंखों से निकले आंसूओं के बाद समूचे पश्चमी उत्तर प्रदेश में पंचायतों का दौर शुरू हो गया है. वहीं विपक्षी दलों ने आंदोलन को समर्थन देकर अपनी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी हैं. मेरठ से सपा नेता अतुल प्रधान की अगुवाई में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर के लिए निकल चुके हैं. हाथों में तिरंगा लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर राकेश टिकैत का समर्थन किया है.

विपक्षी दलों ने किया समर्थन
किसान आंदोलन में दम भरने के लिए विपक्षी दलों ने भी अपनी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी हैं. मेरठ से सपा नेता अतुल प्रधान के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर के लिए निकल गए हैं. सपा नेता अतुल प्रधान अपने आवास से हाथों में तिरंगे लेकर गाजीपुर बॉर्डर की ओर रवाना हो गए हैं. अतुल प्रधान ने बताया कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी कानून बनाकर किसानों को नुकसान पहुंचा रही है. सपा मुखिया अखिलेश यादव पहले दिन से ही इन कानूनों की मुखालफत कर रहे हैं.

राकेश टिकैत की तारीफ में पढ़े कसीदे
आंदोलन कर रहे राकेश टिकैत की तारीफ में कसीदे कसते हुए कहा कि राकेश टिकैत के आंसू जाया नहीं जाएंगे. किसान आंदोलन को मजबूती के साथ बढ़ाने वाले हर किसान को बहादुरी के तौर पर गदा भी भेंट करेंगे.

पिछले दो महीने से आंदोलनरत हैं किसान
आपको बता दें कि कृषि संबंधी तीनों कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र सरकार किसान संगठनों के साथ बैठक कर जहां कानूनों में संशोधन करने का आश्वासन दे रही है, वहीं किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. जिसके चलते किसान संगठनों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने का आह्वान किया था. किसान नेताओं के आह्वान पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और किसानों ने परेड की थी.

किसान नेताओं को हटाने की कोशिश
लाल किले पर हुई करतूत के बाद आधे से ज्यादा किसान वापस लौट गए जबकि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहे. गुरुवार की रात दिल्ली पुलिस के साथ पीएसी, सीआरपीएफ समेत भारी फोर्स लगा दी थी. आलम यह था कि राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की संभावनाएं बन गई थीं. जिसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए राकेश टिकैत न सिर्फ भावुक हो गए बल्कि फूट फूट कर रो पड़े.

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