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RSS प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे मेरठ, जल बचाने पर दिया जोर

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत बुधवार को मेरठ में आयोजित नीर फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जल बचाने पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जल संपदा, वन संपदा, जन संपदा, जैव संपदा सब मिलकर देश बनता है.

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Published : Jun 15, 2022, 10:56 PM IST

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RSS प्रमुख मोहन भागवत

मेरठः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत बुधवार को मेरठ पहुंचे. मोहन भागवत ने मोदीपुरम स्थित सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय में नीर फांउडेशन की ओर से आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जल बचाने पर जोर दिया. लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जल संपदा, वन संपदा, जन संपदा, जैव संपंदा सब मिलकर देश बनता है. कृषि के पश्चिमी तंत्र में कई बातों की अनदेखी हुई है. इस मौके पर उन्होंने परंपरागत कृषि और आधुनिक खेती में फर्क समझाया. साथ ही पानी बचाने पर भी जोर दिया.

पढ़ेंः RLD राष्ट्रीय महासचिव बोले, बच्चों ने अनजाने में पत्थर फेंक दिया तो क्या उनका घर ढहा देंगे?
सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जल संसाधन से जुड़े मुद्दे, चुनौतियां और समाधान विषय पर अपने विचार रखे. मोहन भागवत ने कहा कि पानी के साथ जंगल और वृक्ष भी चाहिए. वर्षा का जल कैसे साधा जाए ये जरूरी है. जंगल को कैसे वापस लाया जाए इस पर भी चिंतन जरूरी है. उन्होंने कहा कि जल संपदा, वन संपदा, जन संपदा और जैव सम्पदा सब मिलकर देश बनता है. कृषि के पश्चिमी तंत्र में कई बातों की अनदेखी हुई हैं. नई दृष्टि से विज्ञान को साथ लेकर अध्ययन करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि वो नेता जैसे भाषण की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि ऐसी ही जानकारी है इसलिए कह रहे हैं. भागवत ने कहा कि हमारे बौद्धिक जगत का ध्यान ऐसे मुद्दों पर जाना चाहिए, ताकि हम तरक्की कर सकें.

मेरठः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत बुधवार को मेरठ पहुंचे. मोहन भागवत ने मोदीपुरम स्थित सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय में नीर फांउडेशन की ओर से आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जल बचाने पर जोर दिया. लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जल संपदा, वन संपदा, जन संपदा, जैव संपंदा सब मिलकर देश बनता है. कृषि के पश्चिमी तंत्र में कई बातों की अनदेखी हुई है. इस मौके पर उन्होंने परंपरागत कृषि और आधुनिक खेती में फर्क समझाया. साथ ही पानी बचाने पर भी जोर दिया.

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सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जल संसाधन से जुड़े मुद्दे, चुनौतियां और समाधान विषय पर अपने विचार रखे. मोहन भागवत ने कहा कि पानी के साथ जंगल और वृक्ष भी चाहिए. वर्षा का जल कैसे साधा जाए ये जरूरी है. जंगल को कैसे वापस लाया जाए इस पर भी चिंतन जरूरी है. उन्होंने कहा कि जल संपदा, वन संपदा, जन संपदा और जैव सम्पदा सब मिलकर देश बनता है. कृषि के पश्चिमी तंत्र में कई बातों की अनदेखी हुई हैं. नई दृष्टि से विज्ञान को साथ लेकर अध्ययन करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि वो नेता जैसे भाषण की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि ऐसी ही जानकारी है इसलिए कह रहे हैं. भागवत ने कहा कि हमारे बौद्धिक जगत का ध्यान ऐसे मुद्दों पर जाना चाहिए, ताकि हम तरक्की कर सकें.

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