मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक 11 माह के मासूम बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -1 नामक दुर्लभ बीमारी हो गई है. बच्चे को जल्द से जल्द इलाज की आवश्यकता है. परिजनों ने बताया कि एक इंजेक्शन की कीमत साढ़े 17 करोड़ रुपये है. उनके पास इतनी रकम नहीं है कि वह अपने बच्चे का इलाज करा सकें. वहीं बच्चे को जल्द से जल्द एक इंजेक्शन लगने से उसे नवजीवन मिल सकता है. परिजनों ने बच्चे के इलाज के लिए केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
बच्चे में धीरे-धीरे हुआ बदलाव
दरअसल, मेरठ के किदवई नगर निवासी मोहम्मद दिलशाद अपने परिवार के साथ रहते हैं. पेशे से कंप्यूटर ऑपरेटर दिलशाद को 11 माह पहले एक बेटा हुआ था. परिजनों ने बेटे का नाम जैन रखा, वहीं, बेटा होने से पूरे परिवार में जश्न का माहौल था, लेकिन धीरे-धीरे बच्चे के शरीर में कुछ बदलाव दिखने लगा. बच्चे के शरीर में बदलाव देख परिजन परेशान हो गए. बच्चे को लेकर परिजन चिकित्सक के पास पहुंचे. यहां बच्चे की बीमारी जानकर चिकित्सक भी हैरान हो गए. चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -1 नामक दुर्लभ बीमारी हो गई है. बीमारी की बात सुन बच्चे के माता-पिता की नींद उड़ गई.
17.5 करोड़ रुपये का लगेगा इंजेक्शन
पीड़ित बच्चे के पिता दिलशाद ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब उनका बेटा 5 से 6 माह का था तो अचानक उसके हाथ पैर का मुवमेंट कम होने लगा. इस दौरान मेरठ के डॉक्टर भी इस बीमारी को नहीं जान पाए. जिसके बाद वह बच्चे को लेकर दिल्ली एम्स पहुंच गए. यहां एक लंबी जांच के पता चला कि बच्चा स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -1 नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. इसके इलाज के लिए चिकित्सकों ने 17.5 करोड़ रुपये के एक इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी. चिकित्सकों ने बताया कि 2 साल के अंदर ही बच्चे को इंजेक्शन लगवाना होगा, नहीं तो उसकी जान जोखिम में पड़ जाएगी.
सांसद से लगाई मदद की गुहार
दिलशाद ने बताया कि इस बीमारी को लेकर उन्होंने देश और देश के बाहर तमाम एनजीओ से संपर्क किया. वह सभी एनजीओ से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने बीते दिनों मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल मिलकर मदद की गुहार लगाई. साथ ही डीएम से मिलकर भी मदद की गुहार लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि सांसद राजेंद्र अग्रवाल से मिलकर जब मदद की अपील की तो सांसद ने उनके बच्चे की मदद के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह अपना सबकुछ बेचने के बाद भी पैसों का इंतजाम नहीं कर सकते हैं. उनकी एक बेटी भी है, जो पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है. उन्होंने बताया कि वह बीइंग ह्यूमन संस्था समेत अभिनेता सोनू सूद की संस्था से भी मदद की गुहार लगाने की कोशिश की है, लेकिन अभी उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली है.
मोदी और योगी सरकार से परिजनों को उम्मीद
वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़ित बच्चे की मां रो पड़ती हैं, उन्होने कहा कि उनके बच्चे की मदद भारत सरकार और योगी सरकार ही कर सकती है. उनके बेटे को सरकार बचा ले. इसके साथ ही दिलशाद ने कहा कि वह योगी सरकार से चाहते हैं कि जैसे सहारनपुर के एक बच्चे की जिंदगी बची है, उसी तरह उनके मासूम बच्चे की भी जान बच जाए. उन्होंने कहा कि वह अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ही मदद की उम्मीद करते हैं. बता दें कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -1 नामक बीमारी होने से बच्चों का शरीर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है, एक समय बाद वह चलने में भी असमर्थ हो जाता है. साथ ही बच्चे अपनी मांसपेशियों की गतिविधियों पर भी काबू नहीं कर पाते है. अगर कोई भी संस्था आगे आकर दिलशाद की मदद करना चाहती है तो उनसे 9997867879 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है.
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