मेरठ: इन दिनों देशभर में भगवान श्रीराम और अयोध्या में बन रहा उनका भव्य मंदिर सुर्खियों में हैं. शहर-शहर, गली-गली में रामभक्त कुछ न कुछ गतिविधियां कर रहे हैं. वहीं, मेरठ की एक राम भक्त ममता गोयल भी अपने अलग औऱ अनोखे हुनर से चर्चा में हैं. 62 वर्षीय ममता यूं तो एक गृहणी हैं. लेकिन, अपने खास हुनर की वजह से हर कोई उन्हें जानने को आतुर है. ममता गोयल ने अपने हुनर से भगवान श्री राम के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा लेने, सीता स्वयंवर, वनवास जाने, रावण का वध करने और अयोध्या के मंदिर समेत तमाम प्रसंगों को बेहद ही खूबसूरत ढंग से अलग-अलग पेड़ पौधों की पतियों और पत्तों पर उकेरा है.
अपनी कला औऱ इस हुनर के बल पर गंगानगर की रहने वाली ममता गोयल ने गुलाब की पत्ती पर जहां श्री रामजी के हाथ में धनुष औऱ बाण लिए आकृति को तैयार किया है. वहीं, अलग-अलग पौधे और पेड़ों की पत्तियों पर राम दरबार और उनसे जुड़े विविध प्रसंगों को प्रस्तुत किया है. उनके इस अनोखे हुनर के बारे में पूछे जाने पर ममता बताती हैं कि अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होने जा रहा है. ऐसे में हर कोई भगवान श्रीराम के प्रति अपने-अपने अंदाज में अपने भावों को प्रकट कर रहा है. वह कहती हैं कि भगवान श्रीराम उनके अराध्य हैं. वह कहती हैं कि यूं तो वह 2016 से मॉर्डन आर्ट से जुड़ी तमाम तरह की विधाओं में काफी कुछ कर चुकी हैं. लेकिन, 2018 से उन्होंने लीफ आर्ट का इस्तेमाल शुरू किया. वह बताती हैं कि शुरुआत में काफी कठिनाई भी आईं. क्योंकि, अगर किसी भी पत्ते या पत्ती पर अगर कोई तश्वीर बनाने की कोशिश की जाए औऱ वहां अगर जरा सी चूक हो जाए तो सारी मेहनत बेकार ही समझिए.
ममता बताती हैं कि उनके पति अरुण गोयल और उनके दोनों बच्चों ने भी प्रोत्साहित किया. निरंतर अभ्यास करती रहीं औऱ स्वयं से ही लीफ आर्ट को समझकर अब तक सैंकड़ों अलग-अलग तरह की आकृतियां पत्तियों पर उकेर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि ज़ब अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण का निर्णय आया तो वे बेहद खुश हुईं और बीते दो साल से तो भगवान श्रीराम के जीवन को पत्तियों पर उकेरा है. लीफ आर्ट के माध्यम से अपनी भवानाओं को व्यक्त करते हुए ममता कहती हैं कि उन्होंने तय किया है कि वह लीफ आर्ट के अपने इस हुनर के माध्यम से भगवान श्रीराम से जुड़े प्रत्येक प्रसंग को पत्तियों पर उकेरेंगी औऱ लीफ बेस (पत्तियों पर आधारित) एक संग्रह तैयार करेंगी.
ममता के पति अरुण गोयल कहते हैं कि ईश्वर की कृपा से दोनों बच्चों की अच्छे से परवरिश हुई और वे दोनों आत्मनिर्भर हैं. ऐसे में अब इस काम से न सिर्फ ईश्वर के प्रति अपने भाव प्रकट करने का अवसर मिलता है, बल्कि उनकी पत्नी व्यस्त भी रहती हैं. अपनी पत्नी के हुनर के बारे में अरुण गोयल बताते हैं कि ममता फाइन आर्ट की स्टूडेंट रही हैं. उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई भी की हुई है. पूर्व में कुछ समय पत्रकारिता से जुड़ी रहीं. उसके बाद ज़ब बच्चे हो गए तो अपने शौक औऱ हुनर को उन्होंने एक तरफ रखकर पहले बच्चों की परवरिस पर पूरा फोकस किया.
बता दें कि भगवान श्रीराम से जुड़े प्रसंगों के अलावा और भी काफी कुछ अब तक ममता अपने हुनर से कर चुकी हैं. उन्हें विभिन्न मंचों पर अब तक सम्मान भी मिल चुका है. वहीं, लोग उनसे मिलने और उनके साथ सेल्फी लेने व उनसे इस हुनर को सीखने के लिए भी सम्पर्क करते हैं. ममता सभी को सहयोग करती हैं. उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम से जुड़ी सम्पूर्ण रामायण के बाद भगवान श्रीकृष्ण को केंद्र में रखकर उनसे जुड़े तमाम प्रसंगों को पत्तियों पर उकेरेंगी.
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