मेरठः शहर से बहुप्रतिक्षित विमान सेवा शुरू करने की मांग जल्द ही पूरी होने वाली है. जल्द ही मेरठ से घरेलू विमान सेवा (Domestic Airlines in Meerut) की शुरुआत होगी. दरअसल, राज्यसभा सांसद डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Rajya Sabha MP Laxmikant Bajpai) के सुझाव पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Airport Authority of India) ने नए रनवे के निर्माण की स्थिति में मेरठ से एटीआर-72 (ATR-72 Aircraft) के उड़ान भरने पर सहमति दे दी है. अब प्रदेश सरकार को उपलब्ध जमीन के आधार पर नए रनवे का निर्माण करना है. राज्यसभा सांसद का कहना है कि जल्द ही मेरठ से हवाई यात्रा की शुरुआत होगी.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि मेरठ की जनता की लंबे समय से चली आ रही यह मांग पूरी हो. इस काम को वह पूरा कर रहे हैं. जल्द ही एक नई हवाई पट्टी मानक के अनुसार बन जाएगी. वह बोले कि मेरठ के जिलाधिकारी, हवाई पट्टी प्रभारी, एसडीएम और मेरठ विकास प्राधिकरण भी इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है. उनका पूरा सहयोग मिल रहा है. इस मांग का ये सारे अधिकारी भी समर्थन कर रहे हैं.
वाजपेयी कहते हैं कि इन कोशिशें का परिणाम यह है कि जो कभी कल्पना मात्र था वह अब धरती पर उतरने की स्थिति में आ गया है. जब 2280 मीटर हवाई पट्टी बन जाएगी, उसके बाद भी ईस्ट और वेस्ट एरिया में जमीन बची रहेगी. जल्द ही 72 सीटर हवाई जहाज मेरठ से उड़ान भरेगा इसके लिए दो चरण में मेरठ हवाई अड्डे की स्वीकृति प्रदान की है.
पहले चरण में ATR -72 उड़ेगा. वर्तमान जमीन पर ही 1800 मीटर लंबी और 45 मीटर छोड़ी हवाई पट्टी बनेगी. साथ ही उसकी बाउंड्री भी बनेगी. इसके अतिरिक्त एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया ने बड़े हवाई जहाज के लिए भी जमीन मांगी है. उनका कहना यह है कि सरकार से स्वीकृति मिलते ही टेंडर और निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अब सर्वे भी हो गया. सर्वे की रिपोर्ट भी दिल्ली भेज दी गई है.
बुधवार को AAI (Airport Authority of India) के चेयरमैन संजीव कुमार ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल को मेरठ में हवाई अड्डे को लेकर मास्टर प्लान जारी कर दिया. इसमें मेरठ से विमानों के उड़ान के लिए दो चरणों में मास्टर प्लान पर निर्माण कार्य को करने को कहा गया है. उन्होंने कहा है कि एटीआर- 72 विमान के उड़ान के लिए 200 मीटर चौड़े और 2280 मीटर लंबे रनवे की जरूरत है. यूपी सरकार से अनुमति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.
वहीं, मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी अभिषेक पांडेय का कहना है कि एमडीए और एयरपोर्ट अथॉरिटी की संयुक्त टीम ने अपने स्तर से आवश्यक कार्रवाई करके केंद्र को रिपोर्ट भेज दी थी. वहीं, एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी अमित कुमार ने भी ईटीवी भारत से पहले ही बताया था कि 200 मीटर चौड़ा और 2280 मीटर लंबा जो रनवे होना चाहिए उसके लिए पर्याप्त जमीन है. छोटे एयरपोर्ट के लिए 53.03 हेक्टेयर जमीन को विकसित भी किया जा चुका है.
कब और कैसे फंसा था पेंच
जुलाई 2014 में मेरठ में हवाई अड्डा बनाने के लिए यूपी सरकार समझौता करने के बाद शांत हो गई थी. AAI ने 2015 में मेरठ में हवाई अड्डा बनाने को घाटे का सौदा माना था. इसके बाद ये मांग कई मंचों से उठी थी. मेरठ से खास तौर से लखनऊ और प्रयागराज के लिए फ्लाइट की मांग की गई थी. इसके अलावा मुंबई और जम्मू के लिए भी विमान सेवा शुरू करने की मांग की गई थी.