मेरठ: जिले में आज एक तरफ जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आए हुए थे तो वहीं, दूसरी तरफ राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सर्किट हाउस में ही पुलिसकर्मियों की क्लास लगा दी. हुआ यूं कि राज्यसभा सांसद बिना किसी लाव लश्कर के स्कूटी पर सवार होकर सर्किट हाउस के अंदर दाखिल होने लगे. जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल सर्किट हाउस में आ चुके थे. सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने लक्ष्मीकांत वाजपेयी की स्कूटी को रोक लिया. बस फिर क्या था लक्ष्मीकांत वाजपेयी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
सर्किट हाउस में ही लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने स्कूटी पर बैठे-बैठे पुलिसवालों की क्लास लगा दी. उन्होंने कहा कि मैं कबड्डी खेलने का आदी हूं. मैं ट्रॉन्सफर नहीं कराता किसी का. यहीं छाती पर पैर रखकर नाचता हूं. राज्यसभा सांसद ने कहा कि हम न लेते न देते. ये नहीं पता फकीर जिस दिन पलट गया, जान बचानी भारी पड़ जाएगी. मैने बड़े बड़े तीसमारखां देखे हैं. ये मेरठ है रावण की ससुराल. मयदंत का खेड़ा. अच्छे-अच्छे उलट के चले गए यहां से. स्कूटी पर ही फोन पर लक्ष्मीकांत बात करने लगे. जैसे ही बात खत्म हुई लक्ष्मीकांत वाजपेयी पुलिसकर्मियों पर फिर बरसे.
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उन्होंने कहा कि जो इनको माल खिलाते हैं, वही इनको पसंद आते हैं. कुछ देर तक लक्ष्मीकांत वाजपेयी का गुस्सा सर्किट हाउस में पुलिसकर्मियों पर बरसता रहा. जैसे-तैसे पुलिसकर्मियों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका गुस्सा शांत कराया. इसके बाद वे जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलने सर्किट हाउस पहुंचे. यह मामला आज मेरठ में चर्चा का विषय बना रहा.
इधर, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा शायराना हो गए. मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कुछ शानदार पंक्तियां पढ़ीं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग तुम्हें समझाएंगे. वो तुम को खौफ दिलाएंगे. जो है वो भी खो सकता है. कुछ और यहां हो सकता है. पर तुम जिस लम्हे में ज़िंदा हो, ये लम्हा तुम से ज़िंदा है. तुम अपनी करनी कर गुज़रो. जो होगा देखा जाएगा.
मेरठ में आज 'बदलते भारत में निखरता कश्मीर' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि धारा 370 की समाप्ति के बाद आतंकवाद की कमर टूट चुकी है. उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब वहां शांति खरीदी जाती थी. लेकिन, अब Ecosystem पर नकेल कसी गई है.
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