मेरठ: स्पोर्टस सिटी के तौर पर विश्व में अपनी पहचान रखने वाले मेरठ की जेल में अब कैदी भी आत्मनिर्भरता की किक मारते नजर आ रह हैं. जी हां एक जिला एक उत्पाद के तहत मेरठ जेल में भी बंदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. अब जेल में बंदियों के द्वारा तैयार स्पोर्ट्स आइटम आम आदमी भी खरीद सकेंगे, वो भी बाजार से काफी कम दामों पर. इसके लिए प्रॉपर प्लानिंग मेरठ में जेल प्रशासन और जिला उद्योग केंद्र की तरफ से की गई है.
जिला कारागार जेल अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि जिला कारागार मेरठ में पूर्व से ही बंदी पुनर्वास और सहकारी समिति पंजीकृत है. अब तक जेल में बाहर से रॉ मटेरियल आता था. उसके बाद सारा काम किया जाता था, जो भी रॉ मटेरियल लेकर आते थे, उन्हीं को वो काम दिया जाता था और उसी के आधार पर बंदियों को भुगतान होता था, क्योंकि जेल में कोऑपरेटिव सोसायटी रजिस्टर्ड है. राकेश कुमार ने बताया कि अब प्रत्येक कारागार में कल्याण पुनर्वास कौशल विकास के लिए संचालित उद्योगों के द्वारा जो भी प्रोडक्ट बनाए जाएंगे. उनके लिए जेल परिसर में ही एक आउटलेट स्थापित किया जाएगा. इसके संबंध में हाल ही में जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त ने जेल का निरीक्षण किया था. जेल में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत स्पोर्ट्स गुड्स का चयन हुआ है, जो कि यहां बनाएं जाएंगे और फिर आम जनता के लिए आऊटलेट खोला जाएगा.
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जेल अधीक्षक के मुताबिक वर्तमान में करीब 35 से 40 ऐसे बंदी जो कि कुछ न कुछ तैयार कर रहे हैं. लेकिन अब जिला उद्योग केंद्र के द्वारा इनको प्रशिक्षण दिलाकर पारंगत बनाया जाएगा. जेल प्रशासन का कहना है कि प्रशिक्षण के उपरांत वह जेल में तो ये सामान बनाएंगे ही उसके उपरांत जब भी जेल से रिहा होंगे तो उन्हें रोजगार भी आराम से मिल सकेगा, जिससे उनके परिवारीजन भी लाभान्वित होंगे.
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