मेरठ: मेरठ जिले के कुढ़ला गांव की आबादी करीब 2500 है. गांव में पालतू मवेशियों की चोरी की वारदातों से तंग आकर गांव के लोगों ने अपने प्रधान से इस समस्या के समाधान की मांग उठाई. वहीं, विचार विमर्श के बाद प्रधान ने निर्णय लिया कि गांव में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए गांव की गली व चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और आखिरकार प्रधान के प्रयास से पूरे गांव में आज सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं.
ग्राम प्रधान ने बताया मवेशियों की चोरी की घटनाओं पर नियंत्रण लागने के लिए फिलहाल गांव में सीसीटीवी 50 कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि गांव के लोग चोरी की वारदातों से परेशान थे और उनके पास समस्या के समाधान के लिए आए थे. वहीं, विचार-विमर्श के बाद उन्होंने नजरदारी के लिए गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया और वे स्वयं कैमरों के फुटेज भी चेक करते हैं.
ग्राम प्रधान ने बताया सबसे पहले गांव के बाहरी रास्तों पर कैमरे लगवाने के बाद गांव के भीतरी चौराहों पर कैमरे लगाए गए. उन्होंने बताया कि चौराहों के नजदीक जो घर हैं, उन्हीं में पूरा सेटअप लगाया गया है. वहीं, विधुत आपूर्ति न होने की सूरत में इंवर्टर का इंतजाम किया गया है.
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गांव के रहने वाले बीएएमएस कर रहे वजाहत का कहना है कि सभी कैमरों को नेट से भी कनेक्ट किया गया है, ताकि हम गांव की गतिविधियों से अवगत रहने के साथ ही अपने घरों की पूरी निगरानी रख सके.
खैर, गांव के प्रधान युवा हैं और उनका कहना है कि इस महंगाई में अगर एक भैंस की चोरी होती है तो ग्रामीण को लाखों रुपये का नुकसान होता है. क्योंकि आज एक भैंस की कीमत लगभग एक लाख रुपये है और यहां भैंसों की खूब चोरी हो रही थी. उन्होंने कहा कि अगर किसी की भैंस चोरी हो गई तो दूसरी भैंस खरीदने का मतलब है दोहरा नुकसान.
जबकि कई पशुपालक इतने सम्पन्न भी नहीं होते कि वे दोबारा भैंस खरीद सके. इधर, ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कैमरों के लगने से अब न सिर्फ चोरी रुकेगी, बल्कि अन्य आपराधिक घटनाओं पर भी लगाम लगेगी.
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