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मेरठ: बदलते मौसम के चलते आलू की फसल में लेट ब्लाइट रोग का खतरा

मौसम प्रतिकूल होने की वजह से फसलों में नुकसान की संभावना बनी हुई है. ऐसे में आलू की फसल का प्रबंधन करना जरूरी है, क्योंकि आलू की फसल में लेट ब्लाइट रोग होने की संभावना अधिक है.

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मौसम के चलते फसल को हो रहा खतरा
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Published : Jan 3, 2020, 11:14 PM IST

मेरठ: इस बार पड़ रही कड़ाके की ठंड और लगातार गिर रहे ओले के असर से आलू की फसल पर लेट ब्लाइट रोग का खतरा मंडराने लगा है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है यदि समय रहते फसल का प्रबंधन नहीं किया गया तो फसल में नुकसान हो सकता है.

बदलते मौसम की वजह से खेती को खतरा

मौसम की वजह से आलू की फसल पर खतरा
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सत्य प्रकाश के अनुसार इस बार ठंड का दौर सामान्य से अधिक चल रहा है. दिसंबर महीने में लगातार पारा सामान्य से नीचे रहा और धूप भी इस अवधि में कम निकली. रात में गिर रहे पाले से फसलों पर प्रतिकूल असर हो सकता है.

फसल का प्रबंधन करना है जरूरी
इस समय आलू की फलस का प्रबंधन करना सबसे अधिक जरूरी है. पाले के असर से इस समय आलू की फसल पर लेट ब्लाइट रोग आने का खतरा है, इसीलिए किसानों को इस रोग से बचाने के लिए फसल में हल्की सिंचाई जरूर कर देनी चाहिए. इसके अलावा वैज्ञानिक सलाह से फसल का उपचार करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें:- मेरठ: ब्याज के पैसे न देने पर दारोगा के बेटे ने युवक को पीटा

जो किसान आलू की फसल से बीज तैयार करने जा रहे हैं, उन्हें खासतौर पर सावधानी बरतनी होगी. यदि फसल में लेट ब्लाइट का असर आने की संभावना दिख रही है तो उन्हें फसल को ऊपर से काट देना चाहिए. ऐसा करने से रोग का असर फसल में नीचे तक नहीं पहुंचता.
-प्रो. सत्यप्रकाश, अध्यक्ष, उद्यान विभाग, कृषि विश्वविद्यालय

मेरठ: इस बार पड़ रही कड़ाके की ठंड और लगातार गिर रहे ओले के असर से आलू की फसल पर लेट ब्लाइट रोग का खतरा मंडराने लगा है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है यदि समय रहते फसल का प्रबंधन नहीं किया गया तो फसल में नुकसान हो सकता है.

बदलते मौसम की वजह से खेती को खतरा

मौसम की वजह से आलू की फसल पर खतरा
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सत्य प्रकाश के अनुसार इस बार ठंड का दौर सामान्य से अधिक चल रहा है. दिसंबर महीने में लगातार पारा सामान्य से नीचे रहा और धूप भी इस अवधि में कम निकली. रात में गिर रहे पाले से फसलों पर प्रतिकूल असर हो सकता है.

फसल का प्रबंधन करना है जरूरी
इस समय आलू की फलस का प्रबंधन करना सबसे अधिक जरूरी है. पाले के असर से इस समय आलू की फसल पर लेट ब्लाइट रोग आने का खतरा है, इसीलिए किसानों को इस रोग से बचाने के लिए फसल में हल्की सिंचाई जरूर कर देनी चाहिए. इसके अलावा वैज्ञानिक सलाह से फसल का उपचार करना चाहिए.

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जो किसान आलू की फसल से बीज तैयार करने जा रहे हैं, उन्हें खासतौर पर सावधानी बरतनी होगी. यदि फसल में लेट ब्लाइट का असर आने की संभावना दिख रही है तो उन्हें फसल को ऊपर से काट देना चाहिए. ऐसा करने से रोग का असर फसल में नीचे तक नहीं पहुंचता.
-प्रो. सत्यप्रकाश, अध्यक्ष, उद्यान विभाग, कृषि विश्वविद्यालय

Intro:मेरठ: आलू की फसल में लेट ब्लाइट का खतरा

मौसम प्रतिकूल होने की वजह से फसलों में नुकसान की संभावना बनी हुई है। ऐसे में फसल का प्रबंधन कर नुकसान को कम किया जा सकता है।

मेरठ। इस बार पड़ रही कड़ाके की ठंड और लगातार गिर रहे पाले के असर से आलू की फसल पर लेट ब्लाइट रोग का खतरा मंडराने लगा है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है यदि समय रहते फसल का प्रबंधन नहीं किया गया तो फसल में नुकसान हो सकता है।




Body:सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सत्य प्रकाश के अनुसार इस बार ठंड का दौर सामान्य से अधिक चल रहा है। दिसंबर महीने में लगातार पारा सामान्य से नीचे रहा। धूप भी इस अवधि में कम निकली। रात में गिर रहे पाले से फसलों पर प्रतिकूल असर हो सकता है। इस समय सबसे अधिक जरूरत आलू की फसल का प्रबंधन करने का है। पाले के असर से इस समय आलू की फसल पर लेट ब्लाइट रोग आने का खतरा है। इसलिए किसानों को इस रोग से बचाने के लिए प्रबंधन की आवश्यकता है। सबसे जरूरी यही है कि यदि पाला अपना असर दिखा रहा है तो बचाव के लिए फसल में हल्की सिंचाई जरूर कर देनी चाहिए। इसके अलावा वैज्ञानिक सलाह से फसल का उपचार करना चाहिए।




Conclusion:प्रोफेसर सत्य प्रकाश का कहना है कि जो किसान आलू की फसल से बीज तैयार करने जा रहे हैं उन्हें खासतौर पर सावधानी बरतनी होगी। यदि फसल में लेट ब्लाइट का असर आने की संभावना दिख रही है तो उन्हें फसल को ऊपर से काट देना चाहिए। ऐसा करने से रोग का असर फसल में नीचे तक नहीं पहुंचता।

बाइट- प्रोफेसर सत्यप्रकाश, विभागाध्यक्ष, उद्यान विभाग कृषि विश्वविद्यालय


अजय चौहान
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