मेरठ: कृषि आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को लुभाने की एक पहल की है. सीएम योगी ने चीनी मिलों द्वारा गन्ना तौल केंद्रों पर हो रही घटतौली को लेकर फरमान जारी किया है. तौल केंद्रों पर घटतौली होने पर न सिर्फ जुर्माने की राशि को बढ़ाकर 50 हजार से 1 लाख रुपये कर दिया है बल्कि लिपिक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. खास बात ये है कि घटतौली पाए जाने पर जुर्माना चीनी मिल प्रबंधक से वसूलने को कहा गया है. आदेश में ये कहा गया कि तौल केंद्रों पर घटतौली करने में मिल प्रबंधक से लेकर लिपिक तक सभी अधिकारियों की मिलीभगत होती है. इतना ही नहीं जुर्माना जमा नहीं करने पर आरोपी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
घटतौली करने पर लगेगा 1 लाख का जुर्माना
मेरठ कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार का हमेशा किसान हित और किसानों को आय दोगुनी करने के साथ उनके होने वाले नुकसान को रोकने का प्रयास रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटतौली के खिलाफ जो निर्णय लिया है वह किसान हित में है. घटतौली करने पर पहले 50 हजार का जुर्माना लगाया जाता था, लेकिन अब सरकार ने जुर्माना राशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है.
बीजेपी विधायक ने बताया कि गन्ना तौल केंद्रों पर मिल प्रबंधक ही मालिक होता है. मिल प्रबंधक की मिलीभगत से किसानों के गन्ने पर डाका डाला जाता है. घटतौली के बाद जितना गन्ना बचता है उसे ऊपर से नीचे तक बंदरबांट होती है. सरकार का यह फैसला पूरी तरह किसान के हित में है. जिससे न सिर्फ किसानों की आय दोगुनी होगी बल्कि घटतौली पर अंकुश लगेगा. अगर तौल केंद्रों पर घटतौली नही रुकी तो आरोपी लिपिक और मिल के प्रबंधक को जेल भेजा जाएगा.
कृषि कानून के पक्ष में यूपी का किसान
किसान आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यूपी का किसान कृषि कानून के पक्ष में हैं. कुछ गिने चुने वे ही लोग ही आंदोलन में शामिल हुए है जो विपक्ष के बहकावे में आ गए हैं. किसान संगठन और राकेश टिकैत भी पीछे हट रहे हैं. विपक्ष के नेता युपी के किसान को बर्गलाकर भ्रमित कर रहे हैं. कृषि कानून बनने के बाद इससे न सिर्फ किसानों का हक मिलेगा बल्कि घटतौली करने वालो को भी सजा मिल सकेगी. सीएम योगी के आदेश पर जुर्माना राशि को एक लाख कर दिया है अगर फिर घटतौली की गई तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा.
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