मेरठ: शहरों के बाद अब गांवों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में किसानों को अब और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होगी. इस समय धान की रोपाई का कार्य शुरू हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि धान की रोपाई के समय किसान और मजदूरों को सामाजिक दूरी बनाकर रखनी होगी. जरा सी लापरवाही से यह संक्रमण गांव में फैल सकता है.
बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते सब कुछ बदल रहा है. शहर में कोरोना संक्रमण फैला और गांव इससे बचे रहे, लेकिन अब लाॅकडाउन में मिली छूट के बाद ये संक्रमण गांव में फैलने लगा है. धान की रोपाई का समय चल रहा है. ऐसे में किसानों को अब रोपाई के समय खास ध्यान रखना होगा. डॉ. रितेश शर्मा का कहना है कि रोपाई के समय खेत में तो किसान-मजदूर दूरी बनाकर रखते हैं, लेकिन ये लोग खाना खाते समय एक-दूसरे के नजदीक बैठते हैं. ये संक्रमण फैलने का कारण बन सकता है. इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल गंभीरता के साथ किसान और मजदूर को करना होगा.
पोषक तत्वों की कराएं जांच
वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा का कहना है कि इस समय नर्सरी पूरी तरह तैयार है और कुछ किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है. किसानों को रोपाई के समय कुछ बातें याद रखनी होगी. नर्सरी से पौधे निकालते समय नर्सरी में पानी में भरकर ही पौधे निकालना चाहिए. खेत में रोपाई से पहले पौधों को दवा से उपचारित करना चाहिए. खेत में पोषक तत्वों की यदि पहले ही जांच करा ली जाएगी तो किसान अधिक उत्पादन खेत में कर सकेंगे. खेत में रोपाई करते समय पौधों को एक से डेढ़ इंच की गहराई में लगाना चाहिए. एक लाइन से दूसरी लाइन की दूरी 20 सेमी. रखनी चाहिए.
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समय से पहले आ रहे मानसून से मिलेगा लाभ
डॉ. रितेश शर्मा का कहना है कि मानसून के समय से पहले आने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है. मानसून यदि समय से पहले आता है तो इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा. अच्छी बारिश होने से धान की उपज अच्छी होगी. किसानों की सिंचाई की लागत कम हो जाएगी. इस समय किसानों को मानसून से पहले की सभी तैयारी अपने खेत में कर लेनी चाहिए.