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विशेषज्ञों ने कहा-कृषि निर्यात की नई संभावनाओं की तलाश जरूरी, एक दिवसीय कार्यशाला में रखे अपने विचार

मेरठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कृषि निर्यात की संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University) के बृहस्पति भवन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कृषि निर्यात निति (Agriculture Export Policy) के बिंदुओं पर सहायक विपणन अधिकारी (assistant marketing officer) ने प्रकाश डाला.

कृषि निर्यात की सम्भावनाओं पर आयोजित हुयी एक दिवसीय कार्यशाला
कृषि निर्यात की सम्भावनाओं पर आयोजित हुयी एक दिवसीय कार्यशाला
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Published : Dec 15, 2021, 10:49 PM IST

मेरठ : आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के तहत एपीडा, बासमती निर्यात संवधर्न केंद्र, मोदीपुरम, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार एवं कृषि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University) में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यशाला की अध्यक्षता सुरेंद्र सिंह, आयुक्त मेरठ मंडल ने की. मेरठ एवं सहारनपुर मंडल के कृषि संबंधित विभाग के अधिकारियों तथा फील्ड स्टॉफ, कृषि निर्यातक, कृषि निवेश विक्रेता, एफ.पी.ओ, एफपीसी एवं प्रगतिशील कृषकों की उपस्थिति में 'पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कृषि निर्यात की संभावनाएं एवं चुनौतियां' विषय पर इस कार्यशाला का आयोजन हुआ.

मुख्य अतिथि कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार (Agricultural Marketing & Foreign Trade) के निदेशक ऋषिरेंद्र कुमार (Director Rishirendra Kumar) रहे जबकि विशेष अतिथि बीईडीएफ (एपीडा) के निदेशक डॉ. डीडीके शर्मा एवं उप महाप्रबंधक, एपीडा विनीता सुधांशु द्वारा विषय पर संक्षिप्त प्रजेंटेशन दिया गया.

इसे भी पढ़ेः भाषा विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

कृषि निर्यात निति (Agriculture Export Policy) के बिंदुओं पर सहायक विपणन अधिकारी (assistant marketing officer) राहुल यादव ने प्रकाश डाला. एफपीओ की व्यवहारिक उपयोगिता एवं संचालन प्रक्रिया के विषय में रचित उप्पल, जिला विकास प्रबंधक नावार्ड ने विस्तार से जानकारी दी.

कार्यक्रम के अध्यक्ष मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में रोड, रेल एवं वायु की सभी आवागमन की सुविधाओं में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है व पर्याप्त विकास किया जा रहा है. उत्पादकता एवं कृषि तकनीक के मामले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा है.

डॉ. डीडीके शर्मा ने प्रतिबंधित कीटनाशकों का प्रयोग न करने के साथ-साथ कृषकों को बीज उत्पादन में सहभागी बनने का आमंत्रण दिया. विनिता सुधांशू ने एपीडा तथा उनकी योजनाओं और निर्यात संवर्धन नियमों तथा योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया.

संयुक्त कृषि निदेशक, मेरठ मंडल, डॉ. अमरनाथ मिश्र ने भी भारत में कृषि के भविष्य पर चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन और कृषि विदेश व्यापार में बासमती की भूमिका का वर्णन बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने किया. कार्यक्रम का समन्वयक और आयोजन का दायित्व प्रमोद सिरोही जिला कृषि अधिकारी ने किया. जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल, जिला कृषि अधिकारी प्रमोद सिरोही सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी, कृषक आदि उपस्थित रहे.

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मेरठ : आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के तहत एपीडा, बासमती निर्यात संवधर्न केंद्र, मोदीपुरम, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार एवं कृषि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University) में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यशाला की अध्यक्षता सुरेंद्र सिंह, आयुक्त मेरठ मंडल ने की. मेरठ एवं सहारनपुर मंडल के कृषि संबंधित विभाग के अधिकारियों तथा फील्ड स्टॉफ, कृषि निर्यातक, कृषि निवेश विक्रेता, एफ.पी.ओ, एफपीसी एवं प्रगतिशील कृषकों की उपस्थिति में 'पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कृषि निर्यात की संभावनाएं एवं चुनौतियां' विषय पर इस कार्यशाला का आयोजन हुआ.

मुख्य अतिथि कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार (Agricultural Marketing & Foreign Trade) के निदेशक ऋषिरेंद्र कुमार (Director Rishirendra Kumar) रहे जबकि विशेष अतिथि बीईडीएफ (एपीडा) के निदेशक डॉ. डीडीके शर्मा एवं उप महाप्रबंधक, एपीडा विनीता सुधांशु द्वारा विषय पर संक्षिप्त प्रजेंटेशन दिया गया.

इसे भी पढ़ेः भाषा विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

कृषि निर्यात निति (Agriculture Export Policy) के बिंदुओं पर सहायक विपणन अधिकारी (assistant marketing officer) राहुल यादव ने प्रकाश डाला. एफपीओ की व्यवहारिक उपयोगिता एवं संचालन प्रक्रिया के विषय में रचित उप्पल, जिला विकास प्रबंधक नावार्ड ने विस्तार से जानकारी दी.

कार्यक्रम के अध्यक्ष मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में रोड, रेल एवं वायु की सभी आवागमन की सुविधाओं में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है व पर्याप्त विकास किया जा रहा है. उत्पादकता एवं कृषि तकनीक के मामले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा है.

डॉ. डीडीके शर्मा ने प्रतिबंधित कीटनाशकों का प्रयोग न करने के साथ-साथ कृषकों को बीज उत्पादन में सहभागी बनने का आमंत्रण दिया. विनिता सुधांशू ने एपीडा तथा उनकी योजनाओं और निर्यात संवर्धन नियमों तथा योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया.

संयुक्त कृषि निदेशक, मेरठ मंडल, डॉ. अमरनाथ मिश्र ने भी भारत में कृषि के भविष्य पर चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन और कृषि विदेश व्यापार में बासमती की भूमिका का वर्णन बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने किया. कार्यक्रम का समन्वयक और आयोजन का दायित्व प्रमोद सिरोही जिला कृषि अधिकारी ने किया. जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल, जिला कृषि अधिकारी प्रमोद सिरोही सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी, कृषक आदि उपस्थित रहे.

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