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मेरठ: एनजीटी के आदेश का नहीं दिखा असर, खूब हुई आतिशबाजी - Noise pollution test

मेरठ में क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड हर साल दिवाली से पहले और दीवाली के दिन ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग कर डाटा एकत्र करता है. इस बार भी शहर के आठ स्थानों पर दिवाली की रात ध्वनि प्रदूषण की मॉनीटिरिंग की गई.

noise pollution increased on Diwali
प्रतीकात्मक
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Published : Nov 15, 2020, 8:29 PM IST

मेरठ: दिवाली पर शहर में पटाखों की बिक्री और चलाने पर रोक के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। यही कारण रहा कि इस बार ध्वनि प्रदूषण पिछले साल के मुकाबले अधिक रहा। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि जब पटाखें बिके नहीं तो फिर आतिशबाजी कहां से हुई. दीवाली की रात शहर में सबसे अधिक पटाखों का शोर थापर नगर क्षेत्र में हुआ.

आठ स्थानों पर की गई थी मॉनीटिरिंग
क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड हर साल दीवाली से पहले और दीवाली के दिन होने वाले ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग कर डाटा एकत्र करता है. इस बार भी शहर के आठ स्थानों पर दिवाली की रात होने वाले ध्वनि प्रदूषण की मॉनीटिरिंग की गई. इन आठ स्थानों में दो स्थान कामर्शियल और दो स्थान सेंसिटव क्षेत्र रहे, जबकि चार स्थान आवासीय क्षेत्र रहे, जहां मॉनीटिरिंग की गई. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 7 नवंबर को शहर में ध्वनि प्रदूषण की स्थिति का डाटा लिया और उसके बाद दीवाली की रात यानि 14 नवंबर को रात में ध्वनि प्रदूषण का डाटा लिया गया. मॉनीटिरिंग के दौरान सामने आया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार अधिक प्रदूषण फैला. सभी स्थानों पर सामान्य से अधिक प्रदूषण रिकार्ड किया गया.

थापर नगर में सबसे अधिक प्रदूषण
शहर में सबसे अधिक खराब स्थिति थापरनगर क्षेत्र में रही। यहां रात में पटाखों का शोर 83.4 डेसीबल रिकार्ड किया गया. यह आवासीय इलाका है, दूसरे नबंर पर कामर्शियल क्षेत्र रेलवे रोड रहा, यहां का ध्वनि प्रदूषण 82.2 डेसीबल रिकार्ड किया गया. सबसे कम कैंट एरिया में 62.6 डेसीबल रिकार्ड किया गया, हालांकि यह भी पिछले साल के मुकाबले अधिक रहा. ध्वनि प्रदूषण के साथ साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स भी बढ़ गया. पटाखों से हुए प्रदूषण की वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स 373 तक पहुंच गया.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ योगेंद्र कुमार ने बताया कि पटाखों के अलावा बढ़ते वाहनों की संख्या भी प्रदूषण को बढ़ा रही है. दिवाली की रात सबसे अधिक पटाखों का शोर थापर नगर में रहा. बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए जनमानस को भी जागरूक होना होगा.

कहां कितना रहा ध्वनि प्रदूषण

स्थान वर्ष 2019 7 नवंबर 2020 14 नवंबर 2020
कैंट एरिया 66.8 53.4 68.1
कलेक्ट्रेट 78.6 63.6 77.6
रेलवे रोड 86.477.8 82.2
बेगमपुल 84.2 75.9 81.6
थापरनगर 81.2 68.2 83.4
शास्त्रीनगर 71.5 63.3 73.2
कैंटोमेंट बोर्ड 64.2 50.5 62.6
पल्लवपुरम 76.7 66.9 78.8

ये है मानक

क्षेत्रदिनरात
सेंसिटिव क्षेत्र 5040
आवासीय क्षेत्र5545
कार्मिशियल क्षेत्र6555

सभी मात्रा डेसीबल में है

मेरठ: दिवाली पर शहर में पटाखों की बिक्री और चलाने पर रोक के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। यही कारण रहा कि इस बार ध्वनि प्रदूषण पिछले साल के मुकाबले अधिक रहा। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि जब पटाखें बिके नहीं तो फिर आतिशबाजी कहां से हुई. दीवाली की रात शहर में सबसे अधिक पटाखों का शोर थापर नगर क्षेत्र में हुआ.

आठ स्थानों पर की गई थी मॉनीटिरिंग
क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड हर साल दीवाली से पहले और दीवाली के दिन होने वाले ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग कर डाटा एकत्र करता है. इस बार भी शहर के आठ स्थानों पर दिवाली की रात होने वाले ध्वनि प्रदूषण की मॉनीटिरिंग की गई. इन आठ स्थानों में दो स्थान कामर्शियल और दो स्थान सेंसिटव क्षेत्र रहे, जबकि चार स्थान आवासीय क्षेत्र रहे, जहां मॉनीटिरिंग की गई. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 7 नवंबर को शहर में ध्वनि प्रदूषण की स्थिति का डाटा लिया और उसके बाद दीवाली की रात यानि 14 नवंबर को रात में ध्वनि प्रदूषण का डाटा लिया गया. मॉनीटिरिंग के दौरान सामने आया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार अधिक प्रदूषण फैला. सभी स्थानों पर सामान्य से अधिक प्रदूषण रिकार्ड किया गया.

थापर नगर में सबसे अधिक प्रदूषण
शहर में सबसे अधिक खराब स्थिति थापरनगर क्षेत्र में रही। यहां रात में पटाखों का शोर 83.4 डेसीबल रिकार्ड किया गया. यह आवासीय इलाका है, दूसरे नबंर पर कामर्शियल क्षेत्र रेलवे रोड रहा, यहां का ध्वनि प्रदूषण 82.2 डेसीबल रिकार्ड किया गया. सबसे कम कैंट एरिया में 62.6 डेसीबल रिकार्ड किया गया, हालांकि यह भी पिछले साल के मुकाबले अधिक रहा. ध्वनि प्रदूषण के साथ साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स भी बढ़ गया. पटाखों से हुए प्रदूषण की वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स 373 तक पहुंच गया.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ योगेंद्र कुमार ने बताया कि पटाखों के अलावा बढ़ते वाहनों की संख्या भी प्रदूषण को बढ़ा रही है. दिवाली की रात सबसे अधिक पटाखों का शोर थापर नगर में रहा. बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए जनमानस को भी जागरूक होना होगा.

कहां कितना रहा ध्वनि प्रदूषण

स्थान वर्ष 2019 7 नवंबर 2020 14 नवंबर 2020
कैंट एरिया 66.8 53.4 68.1
कलेक्ट्रेट 78.6 63.6 77.6
रेलवे रोड 86.477.8 82.2
बेगमपुल 84.2 75.9 81.6
थापरनगर 81.2 68.2 83.4
शास्त्रीनगर 71.5 63.3 73.2
कैंटोमेंट बोर्ड 64.2 50.5 62.6
पल्लवपुरम 76.7 66.9 78.8

ये है मानक

क्षेत्रदिनरात
सेंसिटिव क्षेत्र 5040
आवासीय क्षेत्र5545
कार्मिशियल क्षेत्र6555

सभी मात्रा डेसीबल में है

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