मेरठ: जिले के रामनगर की रहने वाली एक महिला पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी. बुधवार को बीमार महिला की मौत हो गई. परिवार वालों ने महिला के अंतिम संस्कार की तैयारी लगभग पूरी कर ली थी. लेकिन, जब अर्थी को कंधा देने का वक्त आया तो कोरोना के डर से सभी रिश्तेदार पीछे हट गए. घंटों इंतजार के बाद जब महिला का शव यूं ही पड़ा रहा तो फिर कुछ मुस्लिम युवक महिला की अर्थी को कंधा देने आगे आए.
मुस्लिम युवकों ने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की
युवकों ने मेरठ के सूरजकुंड श्मशान घाट में महिला का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से किया. श्मशान घाट पर महिला के अंतिम-संस्कार में रिश्तेदारों से ज्यादा गैरधर्म के लोग शामिल हुए. इस घटना ने पूरे प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम एकता की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे शायद ही लोग भुला पाएंगे.
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कोरोना के डर से रिश्तेदार नहीं आए आगे
इन दिनों कोरोना वायरस ने पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा रखा है. डर से लोग अपने परिजनों की अर्थी को भी कंधा देने से बच रहे हैं. ऐसे में मेरठ में धर्म का बंधन तोड़कर मानवता की मिसाल कायम करने वाली यह तस्वीर निश्चित रूप से दिल को सूकुन देती है.