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मेरठ: गोशाला जमीन विवाद मामले में बोले विधायक, भू माफियाओं से मुक्त कराई गई जमीन

यूपी के मेरठ में गोशाला जमीन विवाद के मामले में हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि एसडीम ने साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की. विधायक ने डीएम से उच्च स्तरीय जांच और भू माफियाओं पर कार्रवाई की मांग की है.

गोशाला जमीन विवाद
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Published : Sep 14, 2019, 11:46 PM IST

मेरठ: मिर्जापुर में अरबों रुपये की गोशाला की जमीन विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. दरअसल करीब 600 बीघा जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को हापुड़ के भाजपा कार्यालय पर हंगामा किया गया था. इसमें साफ तौर पर हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक के इशारे पर कब्जा कराने का आरोप लगाया गया था. इसमें एसडीएम मवाना पर भी लोगों ने गंभीर आरोप लगाए थे.

विधायक दिनेश खटीक ने की प्रेस कांफ्रेंस.

इसी मामले को लेकर विधायक हस्तिनापुर दिनेश खटीक ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक की मानें तो यह जमीन मेरठ गोशाला की थी, जिसका लेखा-जोखा पुराने कागजों में दर्ज है. इसी मामले की शिकायत उन्होंने एसडीएम से की थी.

विधायक ने कहा कि शिकायत सही पाए जाने पर और विपक्षी दल के पास कोई सबूत न होने पर एसडीएम ने करीब 295 बीघा जमीन मेरठ गोशाला के नाम पर दर्ज करा दी. इसके साथ ही 300 बीघा जमीन सीलिंग के रूप में सरकारी जमीन के रूप में दर्ज करा दी.

हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक ने कहा कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप निराधार हैं. वह खुद जिलाधिकारी मेरठ से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे. विधायक ने आरोप लगाया कि समाजवादी सरकार के दौरान भू माफियाओं ने मिलकर धोखे से जमीन हापुड़ गोशाला के नाम कराई थी. भू माफिया जमीन से लाखों की रकम कमाने लगे, लेकिन अब उनकी शिकायत पर जमीन को वापस करा लिया गया है.

बता दें कि हापुड़ में शुक्रवार को भाजपा कार्यालय पर लोगों ने विधायक पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. इसके बाद आज विधायक को अपनी सफाई पेश करनी पड़ी. हकीकत क्या है यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगी, लेकिन अरबों की जमीन के मामले में विधायक और हापुड़ गोशाला के लोग आमने-सामने आ गए हैं.

मेरठ: मिर्जापुर में अरबों रुपये की गोशाला की जमीन विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. दरअसल करीब 600 बीघा जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को हापुड़ के भाजपा कार्यालय पर हंगामा किया गया था. इसमें साफ तौर पर हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक के इशारे पर कब्जा कराने का आरोप लगाया गया था. इसमें एसडीएम मवाना पर भी लोगों ने गंभीर आरोप लगाए थे.

विधायक दिनेश खटीक ने की प्रेस कांफ्रेंस.

इसी मामले को लेकर विधायक हस्तिनापुर दिनेश खटीक ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक की मानें तो यह जमीन मेरठ गोशाला की थी, जिसका लेखा-जोखा पुराने कागजों में दर्ज है. इसी मामले की शिकायत उन्होंने एसडीएम से की थी.

विधायक ने कहा कि शिकायत सही पाए जाने पर और विपक्षी दल के पास कोई सबूत न होने पर एसडीएम ने करीब 295 बीघा जमीन मेरठ गोशाला के नाम पर दर्ज करा दी. इसके साथ ही 300 बीघा जमीन सीलिंग के रूप में सरकारी जमीन के रूप में दर्ज करा दी.

हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक ने कहा कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप निराधार हैं. वह खुद जिलाधिकारी मेरठ से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे. विधायक ने आरोप लगाया कि समाजवादी सरकार के दौरान भू माफियाओं ने मिलकर धोखे से जमीन हापुड़ गोशाला के नाम कराई थी. भू माफिया जमीन से लाखों की रकम कमाने लगे, लेकिन अब उनकी शिकायत पर जमीन को वापस करा लिया गया है.

बता दें कि हापुड़ में शुक्रवार को भाजपा कार्यालय पर लोगों ने विधायक पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. इसके बाद आज विधायक को अपनी सफाई पेश करनी पड़ी. हकीकत क्या है यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगी, लेकिन अरबों की जमीन के मामले में विधायक और हापुड़ गोशाला के लोग आमने-सामने आ गए हैं.

Intro:मेरठ- गौशाला जमीन विवाद के मामले पर हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक का बयान , भू माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई गई , गौशाला की जमीन पहले भी मेरठ गौशाला के नाम पर दर्ज   थी, उनके ऊपर जमीन पर कब्जा कराने के आरोप निराधार, एसडीम ने साक्ष्यों के आधार पर की कार्रवाई, डीएम से उच्च स्तरीय जांच और भू माफियाओं पर कार्रवाई की मांग की, हापुड़ की भाजपा कार्यालय पर कल हुआ था हंगामा, विधायक दिनेश खटीक के इशारे  पर जमीन कब्जाने का लगा था आरोप,


Body:मेरठ के मिर्जापुर में अरबों की गौशाला की जमीन विवाद में अब राजनीतिक रंग ले लिया है। दरअसल करीब 600 बीघा जमीन पर कब्जे कराने का आरोप लगाते हुए कल हापुड़ के  भाजपा के कार्यालय पर हंगामा किया गया था। जिसमें साफ तौर पर हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक के इशारे पर कब्जा कराने का आरोप लगाया गया था ।इसमें एसडीएम मवाना पर भी लोगों ने गंभीर आरोप लगाए थे ।इसी मामले को लेकर विधायक हस्तिनापुर दिनेश खटीक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।  हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक की मानें तो यह जमीन मेरठ गौशाला की थी जिस का लेखा-जोखा पुराने कागजों में दर्ज है। इसी मामले की शिकायत उन्होंने एसडीएम से की थी। शिकायत सही पाए जाने पर और विपक्षी दल पर कोई सबूत ना होने पर एसडीएम ने करीब 295 बीघा जमीन मेरठ गौशाला के नाम पर दर्ज करा दी साथ ही 300 बीघा जमीन सीलिंग के रूप में सरकारी जमीन के रूप में दर्ज करा दी । उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप निराधार हैं साथ ही कहा कि वह खुद जिलाधिकारी मेरठ से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। समाजवादी सरकार के दौरान भू माफियाओं ने मिलकर धोखे से जमीन हापुड़ गौशाला के नाम कराई थी। जिस पर कब्जा करके उन्होंने फसल बोनी शुरू कर दी और जमीन से लाखों की रकम कमाने लगे ।लेकिन अब उनकी शिकायत पर जमीन को वापस करा लिया गया है। आपको बता दें कि हापुड़ में कल भाजपा कार्यालय पर लोगों ने विधायक पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। जिसके बाद आज विधायक को अपनी सफाई पेश करनी पड़ी साथियों ने हंगामा करने वाले लोगों को ही भूमाफिया बता दिया। हकीकत क्या है यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगा ।लेकिन अरबों की जमीन के मामले पर विधायक और हापुड़ गौशाला के लोग आमने-सामने आ गए हैं । बाइट -दिनेश खटीक, विधायक हस्तिनापुर ,भाजपा


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