मेरठ: मिर्जापुर में अरबों रुपये की गोशाला की जमीन विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. दरअसल करीब 600 बीघा जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को हापुड़ के भाजपा कार्यालय पर हंगामा किया गया था. इसमें साफ तौर पर हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक के इशारे पर कब्जा कराने का आरोप लगाया गया था. इसमें एसडीएम मवाना पर भी लोगों ने गंभीर आरोप लगाए थे.
इसी मामले को लेकर विधायक हस्तिनापुर दिनेश खटीक ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक की मानें तो यह जमीन मेरठ गोशाला की थी, जिसका लेखा-जोखा पुराने कागजों में दर्ज है. इसी मामले की शिकायत उन्होंने एसडीएम से की थी.
विधायक ने कहा कि शिकायत सही पाए जाने पर और विपक्षी दल के पास कोई सबूत न होने पर एसडीएम ने करीब 295 बीघा जमीन मेरठ गोशाला के नाम पर दर्ज करा दी. इसके साथ ही 300 बीघा जमीन सीलिंग के रूप में सरकारी जमीन के रूप में दर्ज करा दी.
हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक ने कहा कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप निराधार हैं. वह खुद जिलाधिकारी मेरठ से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे. विधायक ने आरोप लगाया कि समाजवादी सरकार के दौरान भू माफियाओं ने मिलकर धोखे से जमीन हापुड़ गोशाला के नाम कराई थी. भू माफिया जमीन से लाखों की रकम कमाने लगे, लेकिन अब उनकी शिकायत पर जमीन को वापस करा लिया गया है.
बता दें कि हापुड़ में शुक्रवार को भाजपा कार्यालय पर लोगों ने विधायक पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. इसके बाद आज विधायक को अपनी सफाई पेश करनी पड़ी. हकीकत क्या है यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगी, लेकिन अरबों की जमीन के मामले में विधायक और हापुड़ गोशाला के लोग आमने-सामने आ गए हैं.