मेरठः कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद (Minister Sanjay Nishad ) ने गुरुवार को मेरठ में कहा है कि प्रदेश में मौजूद सभी मदरसों का सर्वे होना चाहिए. मंत्री ने कहा कि मुसलामानों को चाहिए कि इस भारतीय संस्कृति की स्थापना में साथ देकर राष्ट्र निर्माण में साथ दें. जिस धर्म में आस्था है. वहां पड़े रहकर अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए काम करें. पूर्व सीएम अखिलेश यादव के द्वारा लखीमपुर खीरी की घटना पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने शासनकाल में हुई घटनाओं पर ही गौर कर लें.
बता दें कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मछुआरा समुदाय को जो सम्मान भारतीय जनता पार्टी ने दिया है वह सम्मान पहले किसी पार्टी ने नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने मछुआरा समुदाय को ठगा है. मंत्री ने कहा कि मछुआरा समुदाय के साथ पूर्व में उसी तरह से अन्याय किया गया. जिस तरह से अंग्रेजों ने भारतीयों पर अन्याय किया था. मंत्री ने कहा कि मछुआरा समुदाय के लिए आज तरह-तरह की सरकार के द्वारा योजनाएं चलाई जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि मछुआ कल्याण कोष (fishermen welfare fund) की स्थापना हुई है. ताकि इनकी स्थिति संभले और उनके बच्चे भी आईएएस आईपीएस बन सकें. उन्होंने कहा कि मछुआरा समुदाय के बच्चों के भविष्य को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि उनके लिए आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत होनी बाकी है. उन्होंने कहा कि 70 सालों में मछुआरा समुदाय की तरफ कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट (Sachar Committee Report) में भी मुसलमानों को ही गरीब बताकर लाभ पहुंचाया गया. लेकिन अब देश में मोदी सरकार ने गरीब व वंचित वर्ग के विकास करने की पहल की है. मदरसों में हो रहे सर्वे को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार अगर सर्वे करा रही है तो वे बधाई देते हैं. क्योंकि उन्हें भी आगे बढ़ने का अधिकार है. उन्हें भी आईएएस आईपीएस बनने का अधिकार है.
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सर्वे को लेकर ओवैसी के बयानों पर उन्होंने कहा कि सभी ने उन्हें गंभीरता से लेना बंद कर दिया है. मुसलमानों ने उन्हें पसंद करना बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि जिसको जनता ने अस्वीकार कर दिया. उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है. मुसलामान को चाहिए कि इस भारतीय संस्कृति की स्थापना में साथ दें. राष्ट्र निर्माण में साथ दें. जिस धर्म में आस्था है वहां पड़े रहें और अपने बच्चो के लिए आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए काम करें.
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