मेरठ: जिले में नगर निगम ने आय बढ़ाने के लिए एक पहल की है. अब शहर की सफाई भी होगी और सूखे कचरे से करीब 15 लाख रुपये की इनकम भी होगी. इसके लिए प्रत्येक दिन कूड़े को इकठ्ठा किया जाएगा और एक कमोनी उसे ले जाएगी.
मेरठ के अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने बताया कि शहर की साफ-सफाई को लेकर प्लान तैयार किया गया है. मेरठ नगर निगम में प्रतिदिन लगभग 700 से 750 मीट्रिक टन कूड़ा जेनरेट होता है. उसकी सफाई के लिए नगर को जोन में बांटा गया हैं. इसके लिए तीन जोन बनाए हैं. जोन वाइज डिपो भी बनाए गए हैं. शहर के तीन जोनों में करीब 450 वाहन हैं. यह वाहन डोर टू डोर वाहन हैं. इनमें शामिल जेसीबी और अन्य आवश्यक मशीनरी हैं. कूड़े के भंडार के लिए स्थान चिन्हित किया है. वहां लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. यह सारा कूड़ा वाहन से सीधा डंपिंग ग्राउंड में जाता है. उसके बाद शहर के बाहरी इलाकों में कम्पोस्ट होता है, जो कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के जारिए किया जाता है.
इस सूखे कूड़े के लिए एक निजी कंपनी से करार किया है. यह कंपनी सूखे कूड़े को लेकर बदले में मेरठ नगर निगम को प्रतिमाह 15 लाख (Meerut Municipal Corporation earn from dry garbage) रुपये देगी. कंपनी इस ड्राई वेस्ट को बेचेगी. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि इससे सालाना 1 करोड़ 80 लाख रुपये की आय होगी.
मेरठ नगर निगम के अफसरों ने बताया कि अब सूखे कूड़े और ठोस पदार्थ की बिक्री ठेका शहर को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से किया गया है. गली मोहल्लों में ज्यादातर लोग कूड़े में से ड्रई वेस्ट बीनने पहुंच जाते है. वहीं, कूड़े में जो प्लास्टिक समेत अन्य ठोस पदार्थ होते हैं, वे वातावरण को दूषित करते हैं. लेकिन अब कंपनी सूखे कूड़े को रिसाइकिल करेगी.
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