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Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप - corona virus update news

नगर निगम से रिटायमेंट के बाद वकार हुसैन का परिवार हंसी खुशी जिंदगी जी रहा था. अचानक कोरोना महामारी ने पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया. इसके बाद वकार हुसैन के परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा. कोरोना संक्रमण से 22 मई को 28 वर्षीय रजा हुसैन की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया.

Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप
Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप
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Published : May 28, 2021, 5:49 PM IST

मेरठ : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है. इस महामारी से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है. कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. किल्लर कोरोना लोगों की जिंदगियां निगल रहा है. कई परिवार उजड़ गए हैं. ऐसा ही एक मामला शास्त्री नगर इलाके के सेक्टर-10 में सामने आया है जहां पांच दिन के भीतर दो इंजीनियर भाइयों की मौत हो गई. जवान बेटों की मौत के सदमे से बूढ़े मां-बाप पूरी तरह टूट चुके हैं. वहीं, परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप
Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप

पिता ने जमीन बेच कर बनाये थे इंजीनियर

बता दें कि मेरठ के शास्त्रीनगर इलाके के सेक्टर-10 निवासी वकार हुसैन नगर निगम में नौकरी करते थे जो पिछले दिनों रिटायर्ड हो चुके हैं. वकार हुसैन के रजा हुसैन, शुजा हुसैन और मुर्तजा हुसैन तीन बेटे थे. मेहनत से रजा और शुजा को पढ़ाकर इंजीनियर बनाया था. खास बात ये है कि बेटों की पढ़ाई के लिए उनके पिता को गांव की जमीन तक बेचनी पड़ी। लेकिन उन्होंने कभी बेटों की पढ़ाई में कमी नहीं आने दी. रजा हुसैन ने कंप्यूटर साइंस और शुजा ने केमिकल सांइस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कंप्लीट की जबकि छोटे बेटे मुर्तजा को एक प्राइवेट बैंक में नौकरी मिल गई.

Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप
Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप


यह भी पढ़ें : मेरठ में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी, मरीज की मौत के बाद थमा दिया 70 हजार का बिल

4 दिन के भीतर दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया कोरोना

नगर निगम से रिटायमेंट के बाद वकार हुसैन का परिवार हंसी खुशी जिंदगी जी रहा था. अचानक कोरोना महामारी ने पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया. इसके बाद वकार हुसैन के परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा. कोरोना संक्रमण से 22 मई को 28 वर्षीय रजा हुसैन की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां दो घंटे बाद ही डॉक्टरों ने रज़ा को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने बताया कि फेफड़ों में संक्रमण फैलने से उसकी मौत हुई है. रजा हुसैन की कब्र अभी सूखी भी नहीं थी कि 26 मई को छोटे बेटे शुजा हुसैन ने भी दम तोड़ दिया. हैरानी की बात ये है कि शुजा हुसैन की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आने के बाद वह ठीक हो गया था और अब वह निगेटिव था. बावजूद इसके, शुजा हुसैन के फेफड़ों में संक्रमण फैल गया जिससे उसकी मौत होने की बात बताई जा रही है.

मातम में बदल गई बेटी पैदा होने की खुशियां

जानकारी के मुताबिक वकार हुसैन के घर में कोई बेटी नहीं थी. रजा हुसैन के निकाह के बाद उनके घर में 4 माह पहले बेटी पैदा हुई तो घर में खुशी का माहौल था. उन्हें क्या पता था कि किल्लर कोरोना उनकी सारी खुशियों को लील जाएगा. कोरोना संक्रमण से रज़ा और शुजा की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में हैं. पत्नी और बूढ़े मां-बाप समेत प्रियजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

मेरठ : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है. इस महामारी से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है. कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. किल्लर कोरोना लोगों की जिंदगियां निगल रहा है. कई परिवार उजड़ गए हैं. ऐसा ही एक मामला शास्त्री नगर इलाके के सेक्टर-10 में सामने आया है जहां पांच दिन के भीतर दो इंजीनियर भाइयों की मौत हो गई. जवान बेटों की मौत के सदमे से बूढ़े मां-बाप पूरी तरह टूट चुके हैं. वहीं, परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप
Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप

पिता ने जमीन बेच कर बनाये थे इंजीनियर

बता दें कि मेरठ के शास्त्रीनगर इलाके के सेक्टर-10 निवासी वकार हुसैन नगर निगम में नौकरी करते थे जो पिछले दिनों रिटायर्ड हो चुके हैं. वकार हुसैन के रजा हुसैन, शुजा हुसैन और मुर्तजा हुसैन तीन बेटे थे. मेहनत से रजा और शुजा को पढ़ाकर इंजीनियर बनाया था. खास बात ये है कि बेटों की पढ़ाई के लिए उनके पिता को गांव की जमीन तक बेचनी पड़ी। लेकिन उन्होंने कभी बेटों की पढ़ाई में कमी नहीं आने दी. रजा हुसैन ने कंप्यूटर साइंस और शुजा ने केमिकल सांइस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कंप्लीट की जबकि छोटे बेटे मुर्तजा को एक प्राइवेट बैंक में नौकरी मिल गई.

Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप
Meerut : 4 दिन में दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया किल्लर कोरोना, सदमे में बूढ़े मां-बाप


यह भी पढ़ें : मेरठ में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी, मरीज की मौत के बाद थमा दिया 70 हजार का बिल

4 दिन के भीतर दो इंजीनियर भाइयों को निगल गया कोरोना

नगर निगम से रिटायमेंट के बाद वकार हुसैन का परिवार हंसी खुशी जिंदगी जी रहा था. अचानक कोरोना महामारी ने पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया. इसके बाद वकार हुसैन के परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा. कोरोना संक्रमण से 22 मई को 28 वर्षीय रजा हुसैन की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां दो घंटे बाद ही डॉक्टरों ने रज़ा को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने बताया कि फेफड़ों में संक्रमण फैलने से उसकी मौत हुई है. रजा हुसैन की कब्र अभी सूखी भी नहीं थी कि 26 मई को छोटे बेटे शुजा हुसैन ने भी दम तोड़ दिया. हैरानी की बात ये है कि शुजा हुसैन की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आने के बाद वह ठीक हो गया था और अब वह निगेटिव था. बावजूद इसके, शुजा हुसैन के फेफड़ों में संक्रमण फैल गया जिससे उसकी मौत होने की बात बताई जा रही है.

मातम में बदल गई बेटी पैदा होने की खुशियां

जानकारी के मुताबिक वकार हुसैन के घर में कोई बेटी नहीं थी. रजा हुसैन के निकाह के बाद उनके घर में 4 माह पहले बेटी पैदा हुई तो घर में खुशी का माहौल था. उन्हें क्या पता था कि किल्लर कोरोना उनकी सारी खुशियों को लील जाएगा. कोरोना संक्रमण से रज़ा और शुजा की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में हैं. पत्नी और बूढ़े मां-बाप समेत प्रियजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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