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मेरठ के जिलाधिकारी का अनोखा फरमान, बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर होगी कार्रवाई - मेरठ में जिलाधिकारी के आदेश

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसके साथ ही कोरोना वायरस का संक्रमण फिर तेजी से फैलने लगा है. पंचायत चुनाव को लेकर मेरठ जिलाधिकारी के. बालाजी एक्शन मोड में आ गए हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और पंचायत चुनाव के मद्देनजर उन्होंने सभी अधिकारियों के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. पढ़ें कि जिलाधिकारी ने कौन सा फरमान जारी किया है.

जिलाधिकारी के. बालाजी.
जिलाधिकारी के. बालाजी.
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Published : Mar 31, 2021, 6:01 AM IST

मेरठ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसके साथ ही कोरोना वायरस का संक्रमण फिर तेजी से फैलने लगा है. पंचायत चुनाव को लेकर मेरठ जिलाधिकारी के. बालाजी एक्शन मोड में आ गए हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और पंचायत चुनाव के मद्देनजर उन्होंने सभी अधिकारियों के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. जिलाधिकारी ने अधिकारियों के मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है. इसके साथ ही मुख्यालय छोड़ने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है. जिलाधिकारी के अनुसार पंचायत चुनाव सबंधी कार्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. छुट्टी के दिनों में भी चुनाव से संबंधित कार्यालय खोले जाएंगे।

कोरोना काल में पंचायत चुनाव बड़ी चुनौती
निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. मेरठ जिले में 26 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है. मेरठ में कोरोना संक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना संक्रमण के बीच एक महीने से कम समय में पंचायत चुनाव कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है.

यह भी पढ़ेंः मेरठ मेंं तेंदुए की दस्तक से ग्रामीणों में दहशत, तीन नवजात शावक मिले


मतदान से पहले मुख्यालाय छोड़ने पर होगी कार्रवाई
26 अप्रैल को निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराने के लिए जिला अधिकारी ने सार्वजनिक अवकाश के दिनों में भी सरकारी कार्यालय खुले रखने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी के. बालाजी ने अधीनस्थ अधिकारियों को पंचायत चुनाव से पहले जिला मुख्यालय नही छोड़ने का फरमान सुनाया है. कोरोना और पंचायत चुनाव की तैयारियों को देखते हुए डीएम ने अधिकारियों के मुख्यालय छोड़ने पर पाबंधी लगा दी है. अब अगले आदेश तक जिले के कोई अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा. यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

मेरठ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसके साथ ही कोरोना वायरस का संक्रमण फिर तेजी से फैलने लगा है. पंचायत चुनाव को लेकर मेरठ जिलाधिकारी के. बालाजी एक्शन मोड में आ गए हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और पंचायत चुनाव के मद्देनजर उन्होंने सभी अधिकारियों के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. जिलाधिकारी ने अधिकारियों के मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है. इसके साथ ही मुख्यालय छोड़ने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है. जिलाधिकारी के अनुसार पंचायत चुनाव सबंधी कार्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. छुट्टी के दिनों में भी चुनाव से संबंधित कार्यालय खोले जाएंगे।

कोरोना काल में पंचायत चुनाव बड़ी चुनौती
निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. मेरठ जिले में 26 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है. मेरठ में कोरोना संक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना संक्रमण के बीच एक महीने से कम समय में पंचायत चुनाव कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है.

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मतदान से पहले मुख्यालाय छोड़ने पर होगी कार्रवाई
26 अप्रैल को निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराने के लिए जिला अधिकारी ने सार्वजनिक अवकाश के दिनों में भी सरकारी कार्यालय खुले रखने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी के. बालाजी ने अधीनस्थ अधिकारियों को पंचायत चुनाव से पहले जिला मुख्यालय नही छोड़ने का फरमान सुनाया है. कोरोना और पंचायत चुनाव की तैयारियों को देखते हुए डीएम ने अधिकारियों के मुख्यालय छोड़ने पर पाबंधी लगा दी है. अब अगले आदेश तक जिले के कोई अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा. यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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