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130 साल पुराना है मेरठ कॉलेज का इतिहास, इस कॉलेज ने देश को दिए पीएम समेत कई केंद्रीय मंत्री - one hundred and thirty years old college of UP

मेरठ कॉलेज (meerut college) यूपी के प्रसिद्ध महाविद्यालयों में से एक है. यूपी का यह 130 साल पुराना कॉलेज साल पुराना कॉलेज (one hundred and thirty years old college of UP) है. इस कॉलेज ने प्रधानमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्री देश को दी हैं. आइए जानते है इस कॉलेज के बारे में...

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मेरठ कॉलेज
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Published : Aug 5, 2022, 3:08 PM IST

Updated : Aug 5, 2022, 9:06 PM IST

मेरठ: जिले का एक ऐसा कॉलेज जो 130 साल पुराना (130 years old college of UP) है. हाल ही में मेरठ कॉलेज 130वां वर्षगांठ (Meerut College 130th Anniversary) मनाया. यह एक प्रदेश का जाना-मान कॉलेज है, जहां से वकालत करने वाले स्टूडेंट्स देश में जगह-जगह अपनी छाप छोड़ चुके हैं. इस कॉलेज ने देश को पीएम, कई केंद्रीय मंत्री दिए हैं.

मेरठ कॉलेज के बारे में जानकारी देतें प्रिंसिपल एस एन शर्मा और प्रोफेसर

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व उप राष्ट्रपति हिदायतुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, प्रदेश में पूर्व वित्त और शिक्षा मंत्री कैलाश प्रकाश, जनरल विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गवर्नर सत्यपाल मलिक, फिल्म अभिनेता भारत भूषण, फिल्म एक्टर शेखर, बशीर बद्र भी मेरठ कॉलेज के छात्र रह चुके हैं. इस कॉलेज का इतिहास बेहद ही गौरवशाली है. 100 एकड़ से भी अधिक का इस कॉलेज का क्षेत्रफल है. इस कॉलेज ने अंग्रेजी हुकूमत में स्थापित किए गए 1857 की क्रांति की हर चिंगारी को शोला बनते देखा है. इस कॉलेज में आजादी की लड़ाई में भी अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद भी की गई थी. महात्मा गांधी का समर्थन मेरठ कॉलेज के छात्रों ने भारत छोड़ो आंदोलन हो या फिर असहयोग आंदोलन, हर बार यहां के स्टूडेंट गांधी जी का साथ देते थे. बार बार वो अहसास कराते थे कि स्टूडेंट्स गांधी जी के साथ हैं.

मेरठ कॉलेज के प्रिंसिपल एस.एन. शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि कॉलेज की स्थापना सन 1892 में हुई थी. बीते जुलाई में ही कॉलेज की 130 वीं वर्षगांठ मनाई गई है. उन्हें गर्व है कि वो यहां सेवा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक इस कॉलेज के बेहद ही होनहार छात्र रहे हैं. प्रिंसिपल बताते हैं कि हर क्षेत्र में यहां के स्टूडेंट्स ने अपनी पहचान बनाई है और मेरठ कॉलेज का नाम रोशन किया है.

यह भी पढ़ें: मेरठ मेडिकल कॉलेज में बांधकर रखे गए मरीज़ की मौत, दो वार्ड ब्यॉय बर्खास्त, 4 नर्स का वेतन कटा

प्रोफेसर हरिशंकर राय बताते हैं कि उन्होंने खुद यहां से पीएचडी की है. उन्हें भी यहां का छात्र होने का गौरव मिला है. मेरठ कॉलेज पश्चिमी यूपी का बड़ा कॉलेज है. यहां प्रतिभाएं बहुत हैं. वे कहते हैं कि इस मिट्टी की एक ऐसी तासीर है कि यहां का छात्र पहचान बना ही लेती है. प्रोफेसर डॉक्टर प्रवीण दुबलिश कहते हैं कि वे यहां कभी पढ़ाई करने के लिए आया करते थे और अब वह यहां पढ़ा रहे हैं. वे बताते हैं कि पहले लॉ का कॉलेज या तो लाहौर में था या फिर कोलकाता में. इसके अलावा कोई दूसरा कॉलेज था तो वो सिर्फ मेरठ में था. 1893 में यहां लॉ की पढ़ाई की शुरू हुई थी. कॉलेज को 130 साल हो चुके है.

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मेरठ: जिले का एक ऐसा कॉलेज जो 130 साल पुराना (130 years old college of UP) है. हाल ही में मेरठ कॉलेज 130वां वर्षगांठ (Meerut College 130th Anniversary) मनाया. यह एक प्रदेश का जाना-मान कॉलेज है, जहां से वकालत करने वाले स्टूडेंट्स देश में जगह-जगह अपनी छाप छोड़ चुके हैं. इस कॉलेज ने देश को पीएम, कई केंद्रीय मंत्री दिए हैं.

मेरठ कॉलेज के बारे में जानकारी देतें प्रिंसिपल एस एन शर्मा और प्रोफेसर

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व उप राष्ट्रपति हिदायतुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, प्रदेश में पूर्व वित्त और शिक्षा मंत्री कैलाश प्रकाश, जनरल विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गवर्नर सत्यपाल मलिक, फिल्म अभिनेता भारत भूषण, फिल्म एक्टर शेखर, बशीर बद्र भी मेरठ कॉलेज के छात्र रह चुके हैं. इस कॉलेज का इतिहास बेहद ही गौरवशाली है. 100 एकड़ से भी अधिक का इस कॉलेज का क्षेत्रफल है. इस कॉलेज ने अंग्रेजी हुकूमत में स्थापित किए गए 1857 की क्रांति की हर चिंगारी को शोला बनते देखा है. इस कॉलेज में आजादी की लड़ाई में भी अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद भी की गई थी. महात्मा गांधी का समर्थन मेरठ कॉलेज के छात्रों ने भारत छोड़ो आंदोलन हो या फिर असहयोग आंदोलन, हर बार यहां के स्टूडेंट गांधी जी का साथ देते थे. बार बार वो अहसास कराते थे कि स्टूडेंट्स गांधी जी के साथ हैं.

मेरठ कॉलेज के प्रिंसिपल एस.एन. शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि कॉलेज की स्थापना सन 1892 में हुई थी. बीते जुलाई में ही कॉलेज की 130 वीं वर्षगांठ मनाई गई है. उन्हें गर्व है कि वो यहां सेवा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक इस कॉलेज के बेहद ही होनहार छात्र रहे हैं. प्रिंसिपल बताते हैं कि हर क्षेत्र में यहां के स्टूडेंट्स ने अपनी पहचान बनाई है और मेरठ कॉलेज का नाम रोशन किया है.

यह भी पढ़ें: मेरठ मेडिकल कॉलेज में बांधकर रखे गए मरीज़ की मौत, दो वार्ड ब्यॉय बर्खास्त, 4 नर्स का वेतन कटा

प्रोफेसर हरिशंकर राय बताते हैं कि उन्होंने खुद यहां से पीएचडी की है. उन्हें भी यहां का छात्र होने का गौरव मिला है. मेरठ कॉलेज पश्चिमी यूपी का बड़ा कॉलेज है. यहां प्रतिभाएं बहुत हैं. वे कहते हैं कि इस मिट्टी की एक ऐसी तासीर है कि यहां का छात्र पहचान बना ही लेती है. प्रोफेसर डॉक्टर प्रवीण दुबलिश कहते हैं कि वे यहां कभी पढ़ाई करने के लिए आया करते थे और अब वह यहां पढ़ा रहे हैं. वे बताते हैं कि पहले लॉ का कॉलेज या तो लाहौर में था या फिर कोलकाता में. इसके अलावा कोई दूसरा कॉलेज था तो वो सिर्फ मेरठ में था. 1893 में यहां लॉ की पढ़ाई की शुरू हुई थी. कॉलेज को 130 साल हो चुके है.

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Last Updated : Aug 5, 2022, 9:06 PM IST
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