मेरठ : जिले के थाना मवाना इलाके के भैसा गांव में आयोजित रालोद महापंचायत का है. यहां महापंचायत में कुछ लोगों ने मीडिया को टारगेट बनाकर उनके साथ न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि हाथापाई तक कर डाली.
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इतना ही नहीं, मीडिया संस्थान का नाम पूछ-पूछकर गिरेबान पर हाथ डाला गया. मीडिया गो बैक के नारे लगाकर मीडियाकर्मियों को दौड़ाया गया. आरएलडी कार्यकर्ताओं ने करीब एक किलोमीटर तक बाइकों से मीडियाकर्मियों की गाड़ी का पीछा किया. मीडियाकर्मियों ने बमुश्किल मौके से भागकर जान बचाई.
रालोद पंचायत की कवरेज पर पहुंची मीडिया पर हमला
शनिवार को मेरठ के भैसा गांव में राष्ट्रीय लोकदल की ओर से किसान महापंचायत आयोजित की गई थी. मेरठ की मीडिया आरएलडी के निमंत्रण पर महापंचायत की कवरेज के लिए पहुंची थी. प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों से जुड़े संवाददाता पंडाल के बाहर पहुंचे तो वहां मौजूद 40-45 रालोद कार्यकर्ताओं ने मीडियाकर्मियों पर तंज कसते हुए न सिर्फ बदसलूकी शुरू कर दी, बल्कि विरोध करने पर मारपीट पर उतर आए. मौके की नजाकत समझते हुए मीडियाकर्मियों ने संयम का परिचय दिया.
जबरन हुक्का पीने का बनाया दबाव
मीडियाकर्मियों से बदसलूकी करते हुए एक शख्स अंग्रेजी में बात कर रहा था. लगातार मीडियाकर्मियों को टारगेट बनाते हुए उन्हें उल्टी-सीधी बातें बोल रहा था. इतना ही नहीं, एक शख्स हुक्का लेकर आया और जबरन मीडियाकर्मियों पर इसे पीने का दबाव बनाने लगा. मीडियाकर्मियों से संस्थान का नाम पूछकर उनके साथ बदसलूकी और हाथापाई की गई. कई कार्यकर्ता मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी का वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी भी दे रहे थे.
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बदसलूकी के पीछे क्या वजह
पहले महापंचायत की कवरेज के लिए मीडिया को बैठने के लिए एक स्थान दिया गया, लेकिन जब मीडियाकर्मी वहां पर कवरेज के लिए बैठे तो उनके साथ बदसलूकी का सिलसिला शुरू हो गया. 40-45 लोगों की भीड़ ने धक्का-मुक्की करते हुए मीडियाकर्मियों से वहां से जाने के लिए भी कहा. यह लोग कौन थे, कहां से आए थे, इनका मीडिया के साथ बदसलूकी करने के पीछे क्या मकसद था, यह अभी पता नहीं चल पाया.
जांच में जुटी पुलिस
घटना के बाद जान बचाकर भागे मीडियाकर्मियों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में आईजी परवीन कुमार ने पीड़ित मीडियाकर्मियों को फोनकर उनका हालचाल जाना और पूरे मामले की गहनता से जांच करने का भरोसा दिया.