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मेजर मयंक विश्नोई शहीद, शोपियां में मुठभेड़ के दौरान हुए थे घायल

मेरठ के लाल मेजर मयंक विश्नोई देश के लिए शहीद हो गए. शहीद मेजर कंकरखेड़ा शिवलोकपुरी के निवासी थे. वे 2010 में ही आईएमए से पास आउट हुए थे.

मेजर मयंक विश्नोई शहीद
मेजर मयंक विश्नोई शहीद
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Published : Sep 11, 2021, 4:28 PM IST

मेरठः जम्मु कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान घायल हुए मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी मेजर मयंक विश्नोई शहीद हो गए. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए उन्हें गोली लग गई थी, जिसकी वजह से वह गंभीर रुप से घायल हो गए थे. उन्हें 27 अगस्त को गोली लगी थी, जिसके बाद गम्भीर हालत में उन्हें उधमपुर के सेना के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. उपचार के दौरान उन्होंने वीरगति को प्राप्त हो गए.

मेजर मयंक के शहीद होने की सूचना के बाद कंकरखेड़ा के शिवलोकपुरी स्थित उनके आवास पर लोगों का तांता लगना शुरु हो गया. मेजर की पत्नी और माता-पिता पहले ही उधमपुर हॉस्पिटल में मौजूद थे. जबकि घर पर रिश्तेदार आए हुए थे. मेजर की बहन ने बताया कि 27 तारीख से ही वो घर पर आई हुई हैं. उन्होंने बताया कि मयंक NDA के जरिए सेना में भर्ती हुए थे. पूरे परिवार में बेटे के खोने का गम है.

मेजर मयंक विश्नोई शहीद.

जिलाधिकारी ने बताया कि हालांकि उन्हें जानकारी दी गई है, लेकिन सेना की तरफ से अभी आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है. माना जा रहा है कि रविवार को शहीद मेजर मयंक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर पहुंच जाएगा. उसके बाद सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. पड़ोसियों ने कहा कि, उन्हें गहरा आघात पहुंचा है. मयंक घर में सबसे छोटे सदस्य थे. जबकि उनसे बड़ी दो बहनें हैं.

इसे भी पढ़ें- शहीद जवान अनिल तोमर का राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार

परिजनों के अनुसार शहीद मेजर के पिता सेना से रिटायर हैं. वे सेना में सूबेदार रह चुके हैं. सूबेदार वीरेंद्र विश्नोई की प्रेरणा से ही उनका पुत्र देश सेवा के लिए आईएमए में चयनित हुए. 2010 में आईएमए से पास आउट होने पर घर में खुशियों का माहौल था. पूरे परिवार को मयंक की शहादत पर जहां एक ओर गर्व है, वहीं बेटे की शहादत की खबर सुनकर परिजन बेहाल हो गए हैं. परिवार के कई सदस्य उधमपुर रवाना हो चुके हैं. कंकरखेड़ा के लोगों का आवास पर तांता लगा हुआ है.

मेरठः जम्मु कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान घायल हुए मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी मेजर मयंक विश्नोई शहीद हो गए. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए उन्हें गोली लग गई थी, जिसकी वजह से वह गंभीर रुप से घायल हो गए थे. उन्हें 27 अगस्त को गोली लगी थी, जिसके बाद गम्भीर हालत में उन्हें उधमपुर के सेना के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. उपचार के दौरान उन्होंने वीरगति को प्राप्त हो गए.

मेजर मयंक के शहीद होने की सूचना के बाद कंकरखेड़ा के शिवलोकपुरी स्थित उनके आवास पर लोगों का तांता लगना शुरु हो गया. मेजर की पत्नी और माता-पिता पहले ही उधमपुर हॉस्पिटल में मौजूद थे. जबकि घर पर रिश्तेदार आए हुए थे. मेजर की बहन ने बताया कि 27 तारीख से ही वो घर पर आई हुई हैं. उन्होंने बताया कि मयंक NDA के जरिए सेना में भर्ती हुए थे. पूरे परिवार में बेटे के खोने का गम है.

मेजर मयंक विश्नोई शहीद.

जिलाधिकारी ने बताया कि हालांकि उन्हें जानकारी दी गई है, लेकिन सेना की तरफ से अभी आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है. माना जा रहा है कि रविवार को शहीद मेजर मयंक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर पहुंच जाएगा. उसके बाद सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. पड़ोसियों ने कहा कि, उन्हें गहरा आघात पहुंचा है. मयंक घर में सबसे छोटे सदस्य थे. जबकि उनसे बड़ी दो बहनें हैं.

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परिजनों के अनुसार शहीद मेजर के पिता सेना से रिटायर हैं. वे सेना में सूबेदार रह चुके हैं. सूबेदार वीरेंद्र विश्नोई की प्रेरणा से ही उनका पुत्र देश सेवा के लिए आईएमए में चयनित हुए. 2010 में आईएमए से पास आउट होने पर घर में खुशियों का माहौल था. पूरे परिवार को मयंक की शहादत पर जहां एक ओर गर्व है, वहीं बेटे की शहादत की खबर सुनकर परिजन बेहाल हो गए हैं. परिवार के कई सदस्य उधमपुर रवाना हो चुके हैं. कंकरखेड़ा के लोगों का आवास पर तांता लगा हुआ है.

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