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मेरठ की महापंचायत में गरजे भाकियू अराजनैतिक के नेता, कही ये खास बातें

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Published : Mar 15, 2023, 9:15 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 10:39 PM IST

मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले हुई महापंचायत में कई मुद्दे उठाए गए. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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मेरठः भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले बुधवार को महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान उमड़े. किसान नेताओं ने टिकैत गुट को जमकर कोसा और किसानों के मुद्दे उठाए. इस महापंचायत को संगठन की ओर से एक तरह का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है.

महापंचायत में उमड़े किसान.

मेरठ एसएसपी के कैंप कार्यालय के ठीक सामने और मेरठ कॉलेज के सामने से लेकर मेरठ कमिश्नरी चौराहा तक सड़क पर टेंट लगाकर महापंचायत का आयोजन किया गया. इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने किसानों के हक के लिए यहीं से हुंकार भरी थी. इस वजह से यहीं पर महापंचायत का फैसला लिया है. हम अराजनैतिक रहते हुए किसानों के हक की लड़ाई लड़ेंगे. किसी दल की न राजनीति करते हैं और न करें. न ही किसी दल का चुनाव प्रचार करेंगे.

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सभी जानते हैं कि किन लोगों ने राजनीति की और किन लोगों ने वोट की चोट जैसी बातें कहीं. किन लोगों ने राजनीतिक दलों का साथ देने की कोशिश की. इशारों इशारों में उन्होंने भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट पर हमला बोला. संगठन के दो फाड़ होने की वजह क्या थी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस पाठशाला के हम विधार्थी थे उस पाठशाला के महेंद्र सिंह टिकैत प्रधानाचार्य थे. उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह टिकैत ने हमें राजनीति पढाई ही नहीं थी. वह कहते हैं कि अगर हमें राजनीति पढ़ाओगे तो हम राजनीति क्यों पढ़ेंगे.

उन्होंने कहा कि क्योंकि हम लोगों को राजनीति पसंद नहीं थी, इसीलिए हम सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया था कि हम किसी राजनीतिक दल की कठपुतली नहीं बनेंगे. इस वजह से यह संगठन अलग बनाया. उनका इशारा सीधे-सीधे टिकैत फैमिली की तरफ था.


वहीं, महापंचायत में आवारा पशुओं का समस्या, बकाया गन्ना भुगतान व नलकूप मीटर जैसे मुद्दे उठाए गए. गन्ना मूल्य में वृद्धि, बकाया गन्ना भुगतान, सामान्य योजना में स्वीकृत निजी नलकूप के कनेक्शन का सामान देने, आवारा पशुओं का समस्या के समाधान की मांग को लेकर संगठन ने महापंचायत की थी.

महापंचायत में भाकियू अराजनैतिक के संस्थापक सदस्य गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह मलिक, हरीराम सिंह वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष युवा भाकियू दिगंबर सिंह सहित कई बड़े किसान नेता पहुंचे थे. इसमें किसान बड़ी संख्या में भाग लेने पहुंचे थे.


वहीं, गठवाला खाप के अध्यक्ष राजेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि संगठन अलग बनाने की मूल वजह यह थी कि इस संगठन को सभी ने मिलकर मजबूत किया था, लेकिन संगठन का दुरुपयोग किया गया. किसानों को ठगा गया था. वहीं, भाकियू (अराजनैतिक) के प्रदेश उपाध्यक्ष राजवीर सिंह ने कहा कि वह पहले संगठन में भी प्रदेश उपाध्यक्ष थे और अब भी उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने भी टिकैत गुट को लेकर आरोप लगाए.

ये भी पढ़ेंः सोनभद्र के जाम में घंटों फंसी एंबुलेंस, बच्चे की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

मेरठः भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले बुधवार को महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान उमड़े. किसान नेताओं ने टिकैत गुट को जमकर कोसा और किसानों के मुद्दे उठाए. इस महापंचायत को संगठन की ओर से एक तरह का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है.

महापंचायत में उमड़े किसान.

मेरठ एसएसपी के कैंप कार्यालय के ठीक सामने और मेरठ कॉलेज के सामने से लेकर मेरठ कमिश्नरी चौराहा तक सड़क पर टेंट लगाकर महापंचायत का आयोजन किया गया. इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने किसानों के हक के लिए यहीं से हुंकार भरी थी. इस वजह से यहीं पर महापंचायत का फैसला लिया है. हम अराजनैतिक रहते हुए किसानों के हक की लड़ाई लड़ेंगे. किसी दल की न राजनीति करते हैं और न करें. न ही किसी दल का चुनाव प्रचार करेंगे.

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सभी जानते हैं कि किन लोगों ने राजनीति की और किन लोगों ने वोट की चोट जैसी बातें कहीं. किन लोगों ने राजनीतिक दलों का साथ देने की कोशिश की. इशारों इशारों में उन्होंने भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट पर हमला बोला. संगठन के दो फाड़ होने की वजह क्या थी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस पाठशाला के हम विधार्थी थे उस पाठशाला के महेंद्र सिंह टिकैत प्रधानाचार्य थे. उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह टिकैत ने हमें राजनीति पढाई ही नहीं थी. वह कहते हैं कि अगर हमें राजनीति पढ़ाओगे तो हम राजनीति क्यों पढ़ेंगे.

उन्होंने कहा कि क्योंकि हम लोगों को राजनीति पसंद नहीं थी, इसीलिए हम सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया था कि हम किसी राजनीतिक दल की कठपुतली नहीं बनेंगे. इस वजह से यह संगठन अलग बनाया. उनका इशारा सीधे-सीधे टिकैत फैमिली की तरफ था.


वहीं, महापंचायत में आवारा पशुओं का समस्या, बकाया गन्ना भुगतान व नलकूप मीटर जैसे मुद्दे उठाए गए. गन्ना मूल्य में वृद्धि, बकाया गन्ना भुगतान, सामान्य योजना में स्वीकृत निजी नलकूप के कनेक्शन का सामान देने, आवारा पशुओं का समस्या के समाधान की मांग को लेकर संगठन ने महापंचायत की थी.

महापंचायत में भाकियू अराजनैतिक के संस्थापक सदस्य गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह मलिक, हरीराम सिंह वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष युवा भाकियू दिगंबर सिंह सहित कई बड़े किसान नेता पहुंचे थे. इसमें किसान बड़ी संख्या में भाग लेने पहुंचे थे.


वहीं, गठवाला खाप के अध्यक्ष राजेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि संगठन अलग बनाने की मूल वजह यह थी कि इस संगठन को सभी ने मिलकर मजबूत किया था, लेकिन संगठन का दुरुपयोग किया गया. किसानों को ठगा गया था. वहीं, भाकियू (अराजनैतिक) के प्रदेश उपाध्यक्ष राजवीर सिंह ने कहा कि वह पहले संगठन में भी प्रदेश उपाध्यक्ष थे और अब भी उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने भी टिकैत गुट को लेकर आरोप लगाए.

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Last Updated : Mar 15, 2023, 10:39 PM IST
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