मेरठ : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर के बीच लगातार नजदीकियां बढ़ रहीं हैं. दोनों पार्टियों के नेता लगातार एक साथ इन दिनों दिखाई दे रहे हैं. पश्चिमी यूपी में खास पहचान वाली पार्टी रालोद और आजाद समाज पार्टी का ये रिश्ता धीरे-धीरे सुर्खियां भी बटोर रहा है. भविष्य में इनके एक साथ होने के संकेत भी दिखाई दे रहे हैं.
साल दर साल चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अपनी विरोधी पार्टियों को भी बहुत कुछ सिखा दिया है. तभी तो आम तौर पर चुनावों के बाद साल दो साल तक नजर न आने वाले नेता और पार्टियां अब एक चुनाव खत्म होता नहीं और दूसरे चुनाव की तैयारी में लग जाती हैं. इसका ताजा उदाहरण राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर के बीच बढ़ती नजदीकियों के रूप में देखा जा रहा है.
विधानसभा चुनाव 2022 खत्म होने के साथ ही यूपी की सियासत में नए समीकरण बनते दिखाई देने लगे हैं. पिछले दो सालों से यूपी में राजनीति में अपने कदम जमाने की कोशिश कर रही आजाद समाज पार्टी को प्रदेश में यूं तो इन चुनावों में कोई खास रिस्पांस नहीं मिला लेकिन अब रालोद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष के बीच नजदीकियां जरूर आने वाले समय के लिए कुछ नए संकेत दे रहीं हैं.
खासतौर से राष्ट्रीय लोकदल के वर्तमान में यूपी विधानसभा में 8 विधायक प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार एक्टिव दिखाई दे रहे हैं. पिछले महीने में राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख चौधरी जयंत सिंह और चंद्रशेखर की मुलाकात हूई थी. इसके बाद से इन दोनों नेताओं में अचानक एकाएक नजदीकियां बढ़नी शुरू हो गईं हैं. वहीं, बीते रविवार को राजस्थान में दोनों दलों के नेता एक साथ दिखाई भी दिए. राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत सिंह ने स्वीकार भी किया था कि समाजिक ताना-बाना बनाए रखने के लिए जो भी ऐसी शक्तियां हैं जो कि जमीन पर काम करती हैं. हमें उन शक्तियों को साथ लाना है.
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आजाद समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं में भी इस नए रिश्ते के बाद से उत्साह दिखाई देता है. आजाद समाज पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर को नजरअंदाज न किया होता तो शायद परिणाम आज कुछ और होते. ऐसे में अब जयंत सिंह ने इस दिशा में गंभीरता दिखाई है. भविष्य में ये नया साथ यूपी में एक साथ देखने को मिल सकता है. रालोद प्रवक्ता रोहित जाखड़ का कहना है कि उन्हें रुकना नहीं है बल्कि जो भी समान विचारधारा के नेता हैं, उनके साथ आगे बढ़ना है.
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