मेरठः उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे वाले जनपदों में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, बिजनौर और मेरठ में गंगा किनारे वाले गावों को खाली कराया जा रहा है. रविवार शाम को मेरठ जिला अधिकारी ने सिंचाई विभाग और आपदा विभाग की टीम के साथ गंगा नदी का जायजा लिया है. अधिकारियों ने गंगा खादर इलाके में रहने वाले ग्रामीणों को नदी किनारे नहीं जाने की हिदायत दी है और लोगों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
उत्तराखंड में तबाही
उत्तराखंड में एक बार दैवीय आपदा ने मुश्किलें बढ़ा दी है. जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से चमोली के पास बन रहा पॉवर प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गया. इस आपदा ने 2013 में केदारनाथ में आई आपदा को ताजा कर दिया है. चमोली का डैम टूटने से पहाड़ों का पानी सैलाब बनकर मैदानी क्षेत्रों में निकल पड़ा है. उत्तराखंड में हुई इस घटना के बाद आसपास के इलाकों भारी नुकसान हुआ है, वहीं बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने की भी खबरें हैं.
गंगा खादर को कराया जा रहा खाली
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ समेत कई जिलों में सरकार ने गंगा के तटवर्तीय इलाकों में 1000 किलोमीटर तक हाईअलर्ट जारी कर दिया है. सूचना मिलते ही सभी जिलों के अधिकारी आसपास के इलाकों में हालत का जायजा ले रहे हैं. बाढ़ के खतरे के मद्देनजर बिजनौर जिले में गंगा किनारे इलाके से झोपड़ियां खाली कराई जा रही हैं. वहीं किसानों को खेतों में नहीं जाने की सलाह दी गई है. सीएम योगी ने सभी जिलों के अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. जानकारी के मुताबिक डैम से निकला पानी गंगा नदी के तटवर्तीय खादर इलाको में तबाही मचा सकता है.
डीएम ने खादर इलाके का लिया जायजा
मेरठ जिला अधिकारी के. बालाजी ने कई विभागों की टीम के साथ गंगा के तटवर्तीय इलाकों का जायजा लिया. गंगा नदी किनारे बसे गांवों एवं खेत खलियानों में काम कर रहे किसानों को सावधान कर दिया है. डीएम ने अगले तीन दिन तक खादर इलाके के खेतों में नही जाने की अपील की है. डीएम के. बाला जी ने बताया कि 24 घंटे में मेरठ इलाके में पानी पहुंचने की संभावना है. पहाड़ों से जल प्रलय का पानी तेज गति से गंगा नदी में आ रहा है. सुरक्षा के लिहाज से तटवर्तीय इलाके के दर्जनों गांवों को खाली कराया जा रहा है. सिंचाई विभाग समेत सभी विभागों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.