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राज्यपाल आनंदी बेन बोलीं, देश में साढ़े तेरह करोड़ परिवार गरीबी से बाहर निकले

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय कृषि मेले का उद्घाटन करने पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि देश का 13 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से बाहर आ चुका है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 1:57 PM IST




मेरठ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मंगलवार को मेरठ पहुंचीं. इस मौके पर उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय कृषि मेले का उद्घाटन किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि देश के पीएम और प्रदेश के सीएम ऐसी-ऐसी योजनाएं ला रहे हैं. इससे हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं में उतना ही कौशल है, जितना पुरुषों में है. गरीबी से बाहर निकालने के लिए महिलाओं को भी काम करना होगा. 9 साल में देश में साढ़े 13 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं.

  • आज सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ में मा0राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया @CMOfficeUP @UPGovt pic.twitter.com/i3sVj9pz3m

    — DM Meerut (@DmMeerut) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गोल्डमेडल जीतने वाली बेटी के परिजन सम्मानित
मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार से तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी लगाई गई है. प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने केंद्रीय राज्यमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्री बलदेव ओलख की उपस्थिति में किसान मेले एवं उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस मौके पर राज्यपाल ने कृषि मेले में लगे अलग-अलग स्टॉल पर पहुंचकर लोगों से मुलाकात की. इसके साथ ही राज्यपाल ने एशियन गेम्स में गोल्डमेडल जीतने वाली मेरठ की बेटी पारुल चौधरी, कांस्य पदक विजेता किरण बालियान और उनके परिजनों को भी सम्मानित किया.


50 फीसदी मेडलों पर बेटियों का कब्जा
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने खेल को लेकर कहा कि पहले सभी सोचते थे कि ऐसे खेल में क्या मिलेगा. इसीलिए खेल-खेलना ही नहीं था. लेकिन अब स्थिति बदल गई है. अब गरीब घरों के किसानों के बच्चे आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीछले साल देश ने 60 मेडल प्राप्त किया था. लेकिन इस बार 107 मेडल देश में आए हैं. उन्होंने कहा कि इससे भी अधिक खुशी की बात यह है कि 50 फीसदी मेडल बेटियां लाई हैं.


प्रदेश के विश्वविद्यालयों में महिला वीसी
राज्यपाल ने कहा कि पूरे भारत में आज तक कोई भी विश्वविद्यालय उन्होंने ऐसा नहीं देखा कि, जहां वीसी महिला हो, लोगों की यही सोच थी कि महिला क्या काम करेगी. लेकिन आज महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास फर्जी डिग्री है तो आप आगे नहीं बढ़ सकती हैं. महिलाएं पढ़कर ही आगे बढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के 9 विश्वविद्यालयों में महिलाओं को वीसी बनाया गया है. जो विश्वविद्यालय में बेहतर काम कर रही हैं.


21वीं सदी की महिलाएं बढ़ रही हैं आगे
राज्यपाल ने कहा कि पीएम मोदी की वजह से आज विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत महिलओं का आरक्षण मिला है. राज्यपाल ने विश्वविद्यलयओं को लेकर कहा कि पूरे प्रदेश में 32 सरकारी विश्वविद्यालय हैं. विश्वविद्यालयों में जैसा काम हो रहा है, उससे उन्हें खुशी मिली है. उन्होंने कहा कि वह एक किसाने की बेटी हैं. उस समय कोई हॉस्टल भी नहीं था. लोग 10-10 किलोमीटर आते-जाते थे, साथ ही अपने घर के जानवरों के गोबर भी उठाकर सारा काम करते थे. उन्होंने कहा कि अगर कोई बेटी या बेटा आगे बढ़ता है तो गांव वालों को खुश होना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी की महिलाएं चंद्रयान-3 बना रही हैं.


पश्चिमी यूपी में चारों तरफ है गन्ना
राज्यपाल ने किसानों की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि आज बैंक आपके साथ है. भारत सरकार और संस्थाएं आपके साथ हैं. पहले किसान बाजरा उगाते, जिसमें से कुछ बेचते और कुछ खाते थे. उस समय कोई रिसर्च नहीं होता था. लेकिन आज सभी संस्थाएं मेहनत कर रही हैं. राज्यपाल ने कहा कि गुजरात में पहले कोई बाजरा और गेहूं की खेती करता ही नहीं था. लेकिन आज सभी तरह की खेती की जा रही है. आज लोग खुद ही सब्जियां भी उगा रहे हैं. पश्चिमी यूपी में तो चारों तरफ गन्ना ही दिखाई दे रहा है. किसानों को लेकर कहा कि वह फैक्ट्री लगाएं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) द्वारा किसानों का धन आवंटन किया जाएगा. किसानों के परिश्रम से ही कुछ नया हो सकता है.


विश्वविद्यालयों में रहा है रिसर्च
राज्यपाल ने कहा कि आज छात्र-छात्राएं नई-नई सोच के साथ रिसर्च कर आगे बढ़ रहे हैं. सभी समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालयों में रिसर्च होता है. उन्होंने कहा कि 236 गन्ने की प्रजातियां समाप्ति की तरफ है. आखिर क्यों खत्म होने की तरफ हैं ? इस पर भी रिसर्च होना चाहिए.

महिलाओं में पुरुषों के बराबर कौशल

राज्यपाल का भाषण अधिकतर महिलाओं पर ही केंद्रित रहा. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं काफी कुछ अलग कर रही हैं.जब वह गुजरात जाती हैं तो वहां महिलाएं काम करती हैं. पुरुष घरों में बीड़ी पीते हैं". यूपी में क्या ऐसा है, अगर है तो सोचिए ऐसा क्यों हैं". राज्यपाल ने कहा कि देश के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी बढ़नी चाहिए. महिलाओं में भी उतना ही कौशल है जितना पुरुषों में है. आज देश में 13 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से निकले हैं.

महिलाओं को दो तरह का टेंशन होता है
राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं को दो प्रकार का टेंशन होता है. वह महिलाओं की स्थिति समझती हैं. इसीलिए वह बात कर रही हैं. सर्वाइकल कैंसर का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह से देश में कोराना की वैक्सीन आई थी. इसी तरह एटीजी वैक्सीन महिलाओं के लिए आई है. उन्होंने 9 साल से लेकर 14 साल की सभी बेटियों को वैक्सीन लगवाने की अपील की. उन्होंने कहा इससे बेटी को जिंदगी में कभी कैंसर नहीं होगा. यदि बेटियां 14 से 18 साल की हैं तब भी वह वैक्सीन लगवा सकती हैं. इसके लिए उन्हें 3 डोज लेनी होगी. मात्र 2 हजार रुपये में आने वाली इस वैक्सीन को सभी बेटियों के लगवाना चाहिए.


यह भी पढ़ें- नैमिषारण्य में श्रीमदभागवत कथा सुनने पहुंची राज्यपाल, कहा- भगवान का ध्यान करने से आनन्द की होती है प्राप्ति

यह भी पढ़ें- जिस स्कूल में आप पढ़े, जहां बैठते थे, लड़ते-झगड़ते थे, उसे जरूर देखने जाएं: आनंदीबेन पटेल




मेरठ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मंगलवार को मेरठ पहुंचीं. इस मौके पर उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय कृषि मेले का उद्घाटन किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि देश के पीएम और प्रदेश के सीएम ऐसी-ऐसी योजनाएं ला रहे हैं. इससे हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं में उतना ही कौशल है, जितना पुरुषों में है. गरीबी से बाहर निकालने के लिए महिलाओं को भी काम करना होगा. 9 साल में देश में साढ़े 13 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं.

  • आज सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ में मा0राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया @CMOfficeUP @UPGovt pic.twitter.com/i3sVj9pz3m

    — DM Meerut (@DmMeerut) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गोल्डमेडल जीतने वाली बेटी के परिजन सम्मानित
मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार से तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी लगाई गई है. प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने केंद्रीय राज्यमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्री बलदेव ओलख की उपस्थिति में किसान मेले एवं उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस मौके पर राज्यपाल ने कृषि मेले में लगे अलग-अलग स्टॉल पर पहुंचकर लोगों से मुलाकात की. इसके साथ ही राज्यपाल ने एशियन गेम्स में गोल्डमेडल जीतने वाली मेरठ की बेटी पारुल चौधरी, कांस्य पदक विजेता किरण बालियान और उनके परिजनों को भी सम्मानित किया.


50 फीसदी मेडलों पर बेटियों का कब्जा
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने खेल को लेकर कहा कि पहले सभी सोचते थे कि ऐसे खेल में क्या मिलेगा. इसीलिए खेल-खेलना ही नहीं था. लेकिन अब स्थिति बदल गई है. अब गरीब घरों के किसानों के बच्चे आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीछले साल देश ने 60 मेडल प्राप्त किया था. लेकिन इस बार 107 मेडल देश में आए हैं. उन्होंने कहा कि इससे भी अधिक खुशी की बात यह है कि 50 फीसदी मेडल बेटियां लाई हैं.


प्रदेश के विश्वविद्यालयों में महिला वीसी
राज्यपाल ने कहा कि पूरे भारत में आज तक कोई भी विश्वविद्यालय उन्होंने ऐसा नहीं देखा कि, जहां वीसी महिला हो, लोगों की यही सोच थी कि महिला क्या काम करेगी. लेकिन आज महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास फर्जी डिग्री है तो आप आगे नहीं बढ़ सकती हैं. महिलाएं पढ़कर ही आगे बढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के 9 विश्वविद्यालयों में महिलाओं को वीसी बनाया गया है. जो विश्वविद्यालय में बेहतर काम कर रही हैं.


21वीं सदी की महिलाएं बढ़ रही हैं आगे
राज्यपाल ने कहा कि पीएम मोदी की वजह से आज विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत महिलओं का आरक्षण मिला है. राज्यपाल ने विश्वविद्यलयओं को लेकर कहा कि पूरे प्रदेश में 32 सरकारी विश्वविद्यालय हैं. विश्वविद्यालयों में जैसा काम हो रहा है, उससे उन्हें खुशी मिली है. उन्होंने कहा कि वह एक किसाने की बेटी हैं. उस समय कोई हॉस्टल भी नहीं था. लोग 10-10 किलोमीटर आते-जाते थे, साथ ही अपने घर के जानवरों के गोबर भी उठाकर सारा काम करते थे. उन्होंने कहा कि अगर कोई बेटी या बेटा आगे बढ़ता है तो गांव वालों को खुश होना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी की महिलाएं चंद्रयान-3 बना रही हैं.


पश्चिमी यूपी में चारों तरफ है गन्ना
राज्यपाल ने किसानों की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि आज बैंक आपके साथ है. भारत सरकार और संस्थाएं आपके साथ हैं. पहले किसान बाजरा उगाते, जिसमें से कुछ बेचते और कुछ खाते थे. उस समय कोई रिसर्च नहीं होता था. लेकिन आज सभी संस्थाएं मेहनत कर रही हैं. राज्यपाल ने कहा कि गुजरात में पहले कोई बाजरा और गेहूं की खेती करता ही नहीं था. लेकिन आज सभी तरह की खेती की जा रही है. आज लोग खुद ही सब्जियां भी उगा रहे हैं. पश्चिमी यूपी में तो चारों तरफ गन्ना ही दिखाई दे रहा है. किसानों को लेकर कहा कि वह फैक्ट्री लगाएं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) द्वारा किसानों का धन आवंटन किया जाएगा. किसानों के परिश्रम से ही कुछ नया हो सकता है.


विश्वविद्यालयों में रहा है रिसर्च
राज्यपाल ने कहा कि आज छात्र-छात्राएं नई-नई सोच के साथ रिसर्च कर आगे बढ़ रहे हैं. सभी समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालयों में रिसर्च होता है. उन्होंने कहा कि 236 गन्ने की प्रजातियां समाप्ति की तरफ है. आखिर क्यों खत्म होने की तरफ हैं ? इस पर भी रिसर्च होना चाहिए.

महिलाओं में पुरुषों के बराबर कौशल

राज्यपाल का भाषण अधिकतर महिलाओं पर ही केंद्रित रहा. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं काफी कुछ अलग कर रही हैं.जब वह गुजरात जाती हैं तो वहां महिलाएं काम करती हैं. पुरुष घरों में बीड़ी पीते हैं". यूपी में क्या ऐसा है, अगर है तो सोचिए ऐसा क्यों हैं". राज्यपाल ने कहा कि देश के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी बढ़नी चाहिए. महिलाओं में भी उतना ही कौशल है जितना पुरुषों में है. आज देश में 13 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से निकले हैं.

महिलाओं को दो तरह का टेंशन होता है
राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं को दो प्रकार का टेंशन होता है. वह महिलाओं की स्थिति समझती हैं. इसीलिए वह बात कर रही हैं. सर्वाइकल कैंसर का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह से देश में कोराना की वैक्सीन आई थी. इसी तरह एटीजी वैक्सीन महिलाओं के लिए आई है. उन्होंने 9 साल से लेकर 14 साल की सभी बेटियों को वैक्सीन लगवाने की अपील की. उन्होंने कहा इससे बेटी को जिंदगी में कभी कैंसर नहीं होगा. यदि बेटियां 14 से 18 साल की हैं तब भी वह वैक्सीन लगवा सकती हैं. इसके लिए उन्हें 3 डोज लेनी होगी. मात्र 2 हजार रुपये में आने वाली इस वैक्सीन को सभी बेटियों के लगवाना चाहिए.


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