ETV Bharat / state

गर्वनर आनन्दी बेन पटेल बोलीं- हर महिला में होता है कौशल बस पहचानने की जरूरत

उत्तर प्रदेश की गर्वनर आनन्दी बेन पटेल सरदार बल्लभभाई कृषि विश्वविद्यालय में पहुंची. इस दौरान उन्होंने महिला किसानों को सम्मानित किया. साथ ही कहा कि हर महिला में कौशल होता है. बात सिर्फ उसे पहचान ने की होती है.

गर्वनर आनन्दी बेन पटेल
गर्वनर आनन्दी बेन पटेल
author img

By

Published : Mar 19, 2023, 4:22 PM IST

Updated : Mar 19, 2023, 4:48 PM IST

संबोधित करते हुए गर्वनर आनन्दी बेन पटेल

मेरठ: जनपद में सरदार बल्लभभाई कृषि विश्वविद्यालय में रविवार को प्रदेश की गर्वनर आनन्दी बेन पटेल पहुंचीं. इस दौरान हुनर से रोजगार कार्यक्रम में पहुंचकर उन्होंने महिला किसानों को सम्मानित किया. कहा कि पहले यूपी और एमपी में बेटी का पता चलने पर डॉक्टर दो हजार रुपये में गर्भपात कर देते थे. लेकिन आज वक्त बदला है. इतना ही नहीं आने वाले समय में और भी ज्यादा परिवर्तन किया जाएगा.

प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि देश भर में बड़ा बदलाव हुआ है. बीते 10 से 15 साल से महिलाएं घर से निकलकर आत्मनिर्भर बन रही हैं.
2003 में गुजरात में स्वयं सहायता समूहों का नाम बदलकर हमने सखी ग्रुप बनाए थे. आज घर में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है. एक समय ऐसा था कि हमारे घर की बेटी और बहु बाहर नहीं जा सकती थी. पहले लोग घबराते थे. जबकि आज वही महिलाएं अपनी बहुओं बेटियों के साथ काम कर रही है.

यूपी और एमपी का नाम लेकर गवर्नर ने कहा कि बेटियां को गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ाना और बेटे को प्राइवेट स्कूल में अधिक पैसा खर्च करके पढ़ाना यह असमानता मेंने यूपी और एमपी में देखा है. कहा कि यूपी में 32 यूनिवर्सिटी हैं, लेकिन जब दीक्षांत समारोह में जाती हूं तो 80 प्रतिशत गोल्ड मेडल लड़कियां ले जाती हैं. बेटे 20 प्रतिशत भी नहीं रह जाते. जिससे साफ पता चलता है कि 80 प्रतिशत लड़कियां और 20 प्रतिशत लड़के आगे बढ़ रहे हैं.

आत्मनिर्भर बन रही महिला समूहों से संवाद स्थापित करते हुए गवर्नर ने कहा कि वह किसान की बेटी हैं. 25 साल तक खेतों के काम किया है. बेटी को खेती के काम में मत लगाईए. राज्यपाल ने बताया कि जब वह 2003 में गुजरात सरकार में थीं, तब आबादी का सर्वे हुआ तो उसमें यह सब सर्वे हुए थे कि बेटे कितने हैं बेटी कितनी हैं , तो जो सर्वे रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि पूर्व के गुजरात में 59 प्रतिशत महिला पढ़ी लिखी थीं. आज महिलाएं अधिक शिक्षित हुई हैं. हमारा सबका दायित्व ये था कि बेटियां पढ़ें और आगे बढ़ें. उन्होंने बताया कि उस वक्त एक हजार बेटों के सामने 804 बेटियां थीं. मतलब ये हुआ कि 5 साल की बेटी या बेटे जब बड़े होंगे तो 200 बेटों को तो बेटियां मिलने वाली नहीं हैं. तब सीएम योगी ने गुजरात में बेटी पढ़ाओ और बेटी बढ़ाओ अभियान चलाया था.

गवर्नर ने कहा कि इसी वजह से बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का बड़ा कार्यक्रम आज भी चलता है. हर महिला में कौशल है. लेकिन जब तक हमारे पीएम देश के पीएम नहीं बने महिलाओं को एहसास नहीं हुआ था की वह अपने पति से ज्यादा कमा सकती हैं. महिलाओं से संवाद में गवर्नर ने कहा कि आप सबको में बता दूं कि गांव में पली और बड़ी हुई हूं. खुले में शौच को जाती थी, जब तक पीएम मोदी नहीं बने तक तक महिलाओं को शौचालय नहीं मिला. आज 11 करोड़ शौचालय गांव-गांव बन चुके हैं. ये सिर्फ शौचालय नहीं हैं. इनसे महिलाओं कि इज्जत बड़ी है.

यह भी पढ़ें- मेरठ के कृषि संगम में 5000 विशेष किसानों से संवाद करेंगे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

संबोधित करते हुए गर्वनर आनन्दी बेन पटेल

मेरठ: जनपद में सरदार बल्लभभाई कृषि विश्वविद्यालय में रविवार को प्रदेश की गर्वनर आनन्दी बेन पटेल पहुंचीं. इस दौरान हुनर से रोजगार कार्यक्रम में पहुंचकर उन्होंने महिला किसानों को सम्मानित किया. कहा कि पहले यूपी और एमपी में बेटी का पता चलने पर डॉक्टर दो हजार रुपये में गर्भपात कर देते थे. लेकिन आज वक्त बदला है. इतना ही नहीं आने वाले समय में और भी ज्यादा परिवर्तन किया जाएगा.

प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि देश भर में बड़ा बदलाव हुआ है. बीते 10 से 15 साल से महिलाएं घर से निकलकर आत्मनिर्भर बन रही हैं.
2003 में गुजरात में स्वयं सहायता समूहों का नाम बदलकर हमने सखी ग्रुप बनाए थे. आज घर में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है. एक समय ऐसा था कि हमारे घर की बेटी और बहु बाहर नहीं जा सकती थी. पहले लोग घबराते थे. जबकि आज वही महिलाएं अपनी बहुओं बेटियों के साथ काम कर रही है.

यूपी और एमपी का नाम लेकर गवर्नर ने कहा कि बेटियां को गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ाना और बेटे को प्राइवेट स्कूल में अधिक पैसा खर्च करके पढ़ाना यह असमानता मेंने यूपी और एमपी में देखा है. कहा कि यूपी में 32 यूनिवर्सिटी हैं, लेकिन जब दीक्षांत समारोह में जाती हूं तो 80 प्रतिशत गोल्ड मेडल लड़कियां ले जाती हैं. बेटे 20 प्रतिशत भी नहीं रह जाते. जिससे साफ पता चलता है कि 80 प्रतिशत लड़कियां और 20 प्रतिशत लड़के आगे बढ़ रहे हैं.

आत्मनिर्भर बन रही महिला समूहों से संवाद स्थापित करते हुए गवर्नर ने कहा कि वह किसान की बेटी हैं. 25 साल तक खेतों के काम किया है. बेटी को खेती के काम में मत लगाईए. राज्यपाल ने बताया कि जब वह 2003 में गुजरात सरकार में थीं, तब आबादी का सर्वे हुआ तो उसमें यह सब सर्वे हुए थे कि बेटे कितने हैं बेटी कितनी हैं , तो जो सर्वे रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि पूर्व के गुजरात में 59 प्रतिशत महिला पढ़ी लिखी थीं. आज महिलाएं अधिक शिक्षित हुई हैं. हमारा सबका दायित्व ये था कि बेटियां पढ़ें और आगे बढ़ें. उन्होंने बताया कि उस वक्त एक हजार बेटों के सामने 804 बेटियां थीं. मतलब ये हुआ कि 5 साल की बेटी या बेटे जब बड़े होंगे तो 200 बेटों को तो बेटियां मिलने वाली नहीं हैं. तब सीएम योगी ने गुजरात में बेटी पढ़ाओ और बेटी बढ़ाओ अभियान चलाया था.

गवर्नर ने कहा कि इसी वजह से बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का बड़ा कार्यक्रम आज भी चलता है. हर महिला में कौशल है. लेकिन जब तक हमारे पीएम देश के पीएम नहीं बने महिलाओं को एहसास नहीं हुआ था की वह अपने पति से ज्यादा कमा सकती हैं. महिलाओं से संवाद में गवर्नर ने कहा कि आप सबको में बता दूं कि गांव में पली और बड़ी हुई हूं. खुले में शौच को जाती थी, जब तक पीएम मोदी नहीं बने तक तक महिलाओं को शौचालय नहीं मिला. आज 11 करोड़ शौचालय गांव-गांव बन चुके हैं. ये सिर्फ शौचालय नहीं हैं. इनसे महिलाओं कि इज्जत बड़ी है.

यह भी पढ़ें- मेरठ के कृषि संगम में 5000 विशेष किसानों से संवाद करेंगे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

Last Updated : Mar 19, 2023, 4:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.