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किसानों के हित में बजट पेश करे सरकार

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Published : Jan 30, 2021, 3:06 PM IST

एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट को लेकर यूपी के मेरठ में ETV BHARAT ने किसानों से बातचीत की. इस दौरान किसानों को बजट से क्या उम्मीदे हैं, इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

बजट पर किसानों की प्रतिक्रिया.
बजट पर किसानों की प्रतिक्रिया.

मेरठ: केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करने जारी जा रही हैं. इस बार कोरोना वायरस की वजह से देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, जिसकी वजह से आम बजट से देशवासियों को बहुत उम्मीदें है. सोमवार को जारी होने वाले बजट 2021-22 को लेकर हर वर्ग की निगाहें टिकी हुई है. बजट को लेकर मेरठ के किसानों को बहुत उम्मीदें हैं.

बजट पर किसानों की प्रतिक्रिया.
किसान ने केंद्र सरकार प्रति जताई नाराजगी
ETV BHARAT ने मेरठ में किसानों से बजट को लेकर बातचीत की. किसानों ने न सिर्फ केंद्र सरकार से नाराजगी जताई है बल्कि बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. किसानों ने कहा कि उन्हें केंद्र की मोदी एवं राज्य में योगी सरकार से बहुत सारी उम्मीदे थीं. लेकिन सरकार उनकी उमीदों पर खरी नहीं उतरी. हर साल बजट पेश किए जाते हैं, लेकिन किसानों के हाथ खाली ही रहते हैं.
किसान हित में नहीं होता बजट
किसान गजब सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ज्यादातर किसान गन्ने की फसल पर निर्भर है. 70 फीसदी भूमि पर किसान गन्ने की बुवाई करते हैं. ज्यादातर चीनी मिल ऐसी हैं, जिन पर गन्ने का बकाया चल रहा है. जबकि सरकार 14 दिन में भुगतान करने के दावे कर रही है. अगर सरकार किसानों के गन्ने का भुगतान कर रही है तो हजारों करोड़ो रुपया कहां जा रहा है. किसानों के पास तो पिछले पेराई सत्र का भी भुगतान नही पहुंचा है. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा बजट पेश करे जो किसानो के लिए फायदेमंद हो.
खाद-बीज, पेस्टिसाइड्स के दाम हो कम
किसान आयुष कुमार ने कहा कि आये दिन कृषि उपकरण, खाद-बीज, पेस्टिसाइड्स, डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं. जिससे किसानों का बजट बिगड़ता जा रहा है और फसलों के दाम स्थिर बने हुए हैं. अगर सरकार कृषि में इस्तेमाल किये जाने वाले सामान के दाम बढ़ाती है तो किसानों की फसलों के भी दाम बढ़ने चाहिए. खाद-बीज और डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन किसानों की फसलों का अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित नहीं किया गया. इसिलए सरकार बजट में खाद-बीजों के दाम कम करे.
महंगाई पर लगे अंकुश
किसान परमजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाला बजट किसान हित में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिन रात की मेहनत से खेतों में उत्पादन तो बढ़ रहा है लेकिन वाजिब दाम नहीं मिलने से आमदनी नही बढ़ पा रही है. जिसकी मुख्य वजह फसल की पैदावार में ज्यादा लागत है. अगर सरकार बढ़ती मंहगाई पर अंकुश लगा दे तो उनकी आय दोगुनी हो सकती है. किसान ऋण लेकर कर्जदार बनता जा रहा है.
उम्मीद लगाए बैठे किसान
किसानों ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि 1 फरवरी को संसद में पेश होने वाले बजट से उन्हें बहुत उम्मीद है. किसानों को उम्मीद है कि इस बजट में कृषि कानूनों को वापस लेकर MSP निर्धारित कर नया कानून लागू करेगी. लगातार बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगेगा. किसानों का ऋण माफ किया जाएगा. सरकार किसानों की उम्मीद पर कितना खरा उतरती है यह तो सोमवार को ही पता चल पाएगा.

मेरठ: केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करने जारी जा रही हैं. इस बार कोरोना वायरस की वजह से देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, जिसकी वजह से आम बजट से देशवासियों को बहुत उम्मीदें है. सोमवार को जारी होने वाले बजट 2021-22 को लेकर हर वर्ग की निगाहें टिकी हुई है. बजट को लेकर मेरठ के किसानों को बहुत उम्मीदें हैं.

बजट पर किसानों की प्रतिक्रिया.
किसान ने केंद्र सरकार प्रति जताई नाराजगी
ETV BHARAT ने मेरठ में किसानों से बजट को लेकर बातचीत की. किसानों ने न सिर्फ केंद्र सरकार से नाराजगी जताई है बल्कि बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. किसानों ने कहा कि उन्हें केंद्र की मोदी एवं राज्य में योगी सरकार से बहुत सारी उम्मीदे थीं. लेकिन सरकार उनकी उमीदों पर खरी नहीं उतरी. हर साल बजट पेश किए जाते हैं, लेकिन किसानों के हाथ खाली ही रहते हैं.
किसान हित में नहीं होता बजट
किसान गजब सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ज्यादातर किसान गन्ने की फसल पर निर्भर है. 70 फीसदी भूमि पर किसान गन्ने की बुवाई करते हैं. ज्यादातर चीनी मिल ऐसी हैं, जिन पर गन्ने का बकाया चल रहा है. जबकि सरकार 14 दिन में भुगतान करने के दावे कर रही है. अगर सरकार किसानों के गन्ने का भुगतान कर रही है तो हजारों करोड़ो रुपया कहां जा रहा है. किसानों के पास तो पिछले पेराई सत्र का भी भुगतान नही पहुंचा है. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा बजट पेश करे जो किसानो के लिए फायदेमंद हो.
खाद-बीज, पेस्टिसाइड्स के दाम हो कम
किसान आयुष कुमार ने कहा कि आये दिन कृषि उपकरण, खाद-बीज, पेस्टिसाइड्स, डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं. जिससे किसानों का बजट बिगड़ता जा रहा है और फसलों के दाम स्थिर बने हुए हैं. अगर सरकार कृषि में इस्तेमाल किये जाने वाले सामान के दाम बढ़ाती है तो किसानों की फसलों के भी दाम बढ़ने चाहिए. खाद-बीज और डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन किसानों की फसलों का अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित नहीं किया गया. इसिलए सरकार बजट में खाद-बीजों के दाम कम करे.
महंगाई पर लगे अंकुश
किसान परमजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाला बजट किसान हित में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिन रात की मेहनत से खेतों में उत्पादन तो बढ़ रहा है लेकिन वाजिब दाम नहीं मिलने से आमदनी नही बढ़ पा रही है. जिसकी मुख्य वजह फसल की पैदावार में ज्यादा लागत है. अगर सरकार बढ़ती मंहगाई पर अंकुश लगा दे तो उनकी आय दोगुनी हो सकती है. किसान ऋण लेकर कर्जदार बनता जा रहा है.
उम्मीद लगाए बैठे किसान
किसानों ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि 1 फरवरी को संसद में पेश होने वाले बजट से उन्हें बहुत उम्मीद है. किसानों को उम्मीद है कि इस बजट में कृषि कानूनों को वापस लेकर MSP निर्धारित कर नया कानून लागू करेगी. लगातार बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगेगा. किसानों का ऋण माफ किया जाएगा. सरकार किसानों की उम्मीद पर कितना खरा उतरती है यह तो सोमवार को ही पता चल पाएगा.
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