मेरठ: खतरनाक कोरोना वायरस देश भर में अपना आतंक मचाए हुए है. बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं. वहीं हजारों लोग अकाल ही मौत के अघोष में शमा चुके हैं. हैरत की बात ये है कि कोरोना काल मे हुए पंचायत चुनाव ने प्रदेश वासियों की चिंता बढ़ाई हुई है. अब तक प्रदेश में दो हजार से ज्यादा शिक्षकों की कोरोना से मौत हो चुकी है. मेरठ जिले की बात करें तो यहां चुनाव ड्यूटी के दौरान 20 शिक्षक संक्रमित होकर मौत का निवाला बने हैं. कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षकों को सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है. जल्द ही सभी शिक्षकों के परिजनों को मुआवजे की राशि भेजी जाएगी.
20 शिक्षकों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
बता दें कि कोरोना के कहर से लाखों लोग पीड़ित हो चुके हैं. हजारों लोग इस संक्रमण के शिकार बनकर मौत की नींद सो चुके हैं. ऐसे में कोरोना काल में शिक्षकों की भी मौत हुई है. राज्य सरकार ने परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया है. योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. बीएसए सतेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना काल में जिले में 20 शिक्षकों की मौत हुई है. जिनकी सूची शासन को भेजी जा रही है. ताकि मृतक शिक्षकों के परिजनों को मुआवजे की धनराशि जल्द से जल्द दी जा सके.
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शिक्षकों को हो रहा वैक्सिनेशन
कोरोना से बचाव के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े अध्यापक और अन्य कर्मचारियों के लिए भी अलग से टीकाकरण केंद्र बनाया गया है. जहां पर शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले अध्यापक और कर्मचारियों को टीकाकरण किया जा रहा है. इसके लिए जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को टीकाकरण के लिए सख्त निर्देश दिए हैं. विभाग की ओर से अधीनस्थ के लिए वैक्सीनेशन की व्यवस्था की गई है. जहां 18 से 44 वर्ष की आयु के 100 और 44 से ऊपर की आयु के 100 लोगों को टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है.