मेरठ: लॉकडाउन-3 के बीच चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी (सीसीएस) 10 जून से परीक्षा कराने की तैयारी में जुट गया है. वहीं इन परीक्षाओं की समय सीमा भी कम कर दी गई है.
परीक्षा को लेकर की गई बैठक
कोविड-19 महामारी के चलते प्रभावित हो रहे यूनिवर्सिटी की परीक्षा और मूल्यांकन कार्य को लेकर मंगलवार को परीक्षा समिति की बैठक की गई. कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा की अध्यक्षता में यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई. इस बैठक में मुख्य परीक्षा वर्ष-2020 के संपादन मूल्यांकन कार्य में परिवर्तन समेत अन्य कई निर्णय लिए गए.
ग्रीन और आरेंज जोन में समन्वयक होंगे नियुक्त
परीक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिलों के ग्रीन और आरेंज जोन में मूल्यांकन कार्य कराया जाएगा. यूनिवर्सिटी स्तर पर मूल्यांकन नियंत्रक तथा कॉलेज स्तर पर समन्वयक नियुक्त किए जाएंगे. यूनिवर्सिटी उत्तर पुस्तिकाओं और ओएमआर शीट पर बारकोडिंग कराकर कॉलेजों को उपलब्ध कराई जाएंगी. मूल्यांकन होने पर यूनिवर्सिटी स्तर पर ओएमआर शीट से मिलान कराया जाएगा. मूल्यांकन के लिए जिन शिक्षकों और कर्मचारियों की डयूटी रहेगी, उनके लिए पास जारी करने के लिए यूनिवर्सिटी ने मेरठ और सहारनपुर मंडल के कमिश्नर को पत्र लिखा है.
10 जून से परीक्षा के लिए शासन से ली जाएगी अनुमति
यूनिवर्सिटी ने अपनी शेष परीक्षाओं को 10 जून से कराने का निर्णय लिया है. परीक्षा समिति की बैठक में तय किया गया कि परीक्षा कराए जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा. यदि शासन अनुमति प्रदान करता है, तो 10 जून से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इस वर्ष की शेष परीक्षाएं कराई जाएंगी. इस वर्ष की शेष परीक्षाओं में समय सीमा को कम किया जाएगा और छात्र-छात्राओं को प्रश्नपत्र में अधिक विकल्प दिए जाएंगे. प्रश्नपत्रों के अंक पहले की ही भांति रहेंगे और प्रश्नों की संख्या भी समय के अनुपात में रहेगी.
रिटायर्ड परीक्षकों से भी करा सकेंगे प्रैक्टिकल
परीक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य अपने स्तर से अपने कॉलेज को छोड़कर किसी दूसरे कॉलेज से परीक्षक और रिटायर्ड परीक्षक बुलाकर प्रयोगात्मक परीक्षाएं संपन्न करा सकते हैं. परीक्षा समिति की बैठक में प्रति कुलपति प्रोफेसेर वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ अश्वनी कुमार, प्रोफेसर जयमाला, प्रोफेसर वीरपाल समेत परीक्षा समिति के अन्य सभी सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल रहे.