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अगर आपके आसपास है कोई जर्जर बिजली की लाइन तो करें ये काम, मिलेगा छुटकारा... - Electricity Department Meerut

मेरठ में जर्जर लाइनों की मरम्मत जल्द होगी. इसके लिए 1 करोड़ 85 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है.

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जर्जर लाइनों का बदलेगा स्वरूप
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Published : Oct 21, 2022, 2:44 PM IST

मेरठ: जिले में विद्युत विभाग नवीन जिला विद्युत विकास निधि योजना के अंतर्गत खास कार्ययोजना लेकर आया है. अब जिले में जर्जर विद्युत लाइन को विभाग बदलेगा. जो लोग ऐसी जर्जर विद्युत लाइनों के इर्द-गिर्द रह रहे हैं, वे क्या करें? विद्युत विभाग वहां कैसे पहुंचेगा? जानिए ईटीवी भारत की इस खास खबर में.

आमतौर पर विद्युत लाइन की चपेट में आने से कई दुर्घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है. ऐसी घटनाओं में कई बार जनहानि भी होती है. साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. इन हादसों और दुर्घटनाओं पर ब्रेक लग सकें, इसको लेकर मेरठ के सांसद और जिले के विधायकों ने विद्युत विभाग के साथ मिलकर कदम बढ़ाया है. जिले की ऐसी जर्जर लाइनें जो कि बदहाल अवस्था में हैं, जर्जर हैं या फिर उनसे विद्युत आपूर्ति बांस बल्लियों के सहारे हो रही है, उनसे अब छुटकारा मिलेगा.

अधीक्षण अभियंता राजेन्द्र बहादुर सिंह ने दी जानकारी


इस बारे में अधीक्षण अभियंता राजेन्द्र बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि यह प्रकरण हाल ही में जिले के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने जिला विद्युत समिति की बैठक में उठाया था. इस पर निर्णय लिया गया था कि जिले में ऐसी विद्युत लाइनों का सर्वे कराया जाए और ऐसी जर्जर लाइनों को बदला जाए. उन्होंने कहा कि इस बारे में सर्वे करा लिया है. सेंकड़ों ऐसी जर्जर लाइन जिले में हैं, जिन्हें अब जल्द दुरुस्त कराया जा सकेगा.

इसे भी पढ़े-मेरठ में पुलिस महकमे पर सबसे ज्यादा बिजली का बिल बकाया, जानिए कई अन्य विभागों की देनदारी

राजेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि इसके लिए जिले के सांसद सभी विधायकों के साथ हुई विद्युत समिति की बैठक के बाद कार्ययोजना बनाई है. इसके लिए धनराशि जिलाधिकारी की तरफ से दी जाएगी. उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग का आरसी का जो पैसा आता है, उसमे से 15 फीसदी रकम इन जर्जर लाइनों के स्वरूप को बदलने के लिए मिलेगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक करोड़ 85 लाख रुपये की कार्ययोजना बनाई गई है.

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर जिले में कहीं ऐसी कोई भी जर्जर लाइन के बारे में आम जनमानस भी आगे आकर सूचना देना चाहे तो विभाग को दे सकते हैं. 1912 नबंर के माध्यम से इसकी सूचना दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि पूरे जिले का सर्वे कराया जा रहा हैं. साथ ही सांसद और विधायकों को भी इसे लेकर अवगत कराया जा रहा है. जब वे फाइनल कर देंगे तो इसको अनुमोदन करके कार्य शुरू करा दिया जाएगा. राजेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि मकसद यही है कि जब लाइन दुरुस्त रहेंगी तो बेहतर विद्युत आपूर्ति होगी. साथ ही दुर्घनाओं को भी रोका जा सकेगा.

यह भी पढ़े-बिजली उपभोक्ताओं की घर बैठे दूर होंगी समस्याएं, इस ऐप और WhatsApp से होगा समाधान

मेरठ: जिले में विद्युत विभाग नवीन जिला विद्युत विकास निधि योजना के अंतर्गत खास कार्ययोजना लेकर आया है. अब जिले में जर्जर विद्युत लाइन को विभाग बदलेगा. जो लोग ऐसी जर्जर विद्युत लाइनों के इर्द-गिर्द रह रहे हैं, वे क्या करें? विद्युत विभाग वहां कैसे पहुंचेगा? जानिए ईटीवी भारत की इस खास खबर में.

आमतौर पर विद्युत लाइन की चपेट में आने से कई दुर्घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है. ऐसी घटनाओं में कई बार जनहानि भी होती है. साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. इन हादसों और दुर्घटनाओं पर ब्रेक लग सकें, इसको लेकर मेरठ के सांसद और जिले के विधायकों ने विद्युत विभाग के साथ मिलकर कदम बढ़ाया है. जिले की ऐसी जर्जर लाइनें जो कि बदहाल अवस्था में हैं, जर्जर हैं या फिर उनसे विद्युत आपूर्ति बांस बल्लियों के सहारे हो रही है, उनसे अब छुटकारा मिलेगा.

अधीक्षण अभियंता राजेन्द्र बहादुर सिंह ने दी जानकारी


इस बारे में अधीक्षण अभियंता राजेन्द्र बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि यह प्रकरण हाल ही में जिले के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने जिला विद्युत समिति की बैठक में उठाया था. इस पर निर्णय लिया गया था कि जिले में ऐसी विद्युत लाइनों का सर्वे कराया जाए और ऐसी जर्जर लाइनों को बदला जाए. उन्होंने कहा कि इस बारे में सर्वे करा लिया है. सेंकड़ों ऐसी जर्जर लाइन जिले में हैं, जिन्हें अब जल्द दुरुस्त कराया जा सकेगा.

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राजेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि इसके लिए जिले के सांसद सभी विधायकों के साथ हुई विद्युत समिति की बैठक के बाद कार्ययोजना बनाई है. इसके लिए धनराशि जिलाधिकारी की तरफ से दी जाएगी. उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग का आरसी का जो पैसा आता है, उसमे से 15 फीसदी रकम इन जर्जर लाइनों के स्वरूप को बदलने के लिए मिलेगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक करोड़ 85 लाख रुपये की कार्ययोजना बनाई गई है.

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर जिले में कहीं ऐसी कोई भी जर्जर लाइन के बारे में आम जनमानस भी आगे आकर सूचना देना चाहे तो विभाग को दे सकते हैं. 1912 नबंर के माध्यम से इसकी सूचना दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि पूरे जिले का सर्वे कराया जा रहा हैं. साथ ही सांसद और विधायकों को भी इसे लेकर अवगत कराया जा रहा है. जब वे फाइनल कर देंगे तो इसको अनुमोदन करके कार्य शुरू करा दिया जाएगा. राजेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि मकसद यही है कि जब लाइन दुरुस्त रहेंगी तो बेहतर विद्युत आपूर्ति होगी. साथ ही दुर्घनाओं को भी रोका जा सकेगा.

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