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मेरठ: हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने उठाई सुरक्षा कानून की मांग - देश भर में हड़ताल पर डॉक्टर

सोमवार को देश भर के साथ ही जिले के डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं. दरअसल यह हड़ताल कोलकाता में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के विरोध में की जा रही है. इस दौरान डॉक्टरों ने सुरक्षा को देखते हुए अलग से कानून बनाने को लेकर मांग की.

डॉक्टर्स की हड़ताल.
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Published : Jun 17, 2019, 4:38 PM IST

Updated : Jun 17, 2019, 4:44 PM IST

मेरठ: कोलकाता के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के मामले में सोमवार को जिले के डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं. हांलाकि आपात कालीन सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है. बताया जा रहा है कि यह हड़ताल 18 जून सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी.

डॉक्टरों ने की देशव्यापी हड़ताल.

डॉक्टरों ने देश भर में की हड़ताल

  • सोमवार को सुबह 10 बजे आईएमए हॉल में सभी डॉक्टरों ने एक सभा का आयोजन किया.
  • आयोजन के बाद विरोध मोर्चा निकाला गया.
  • 1300 चिकित्सक हड़ताल पर हैं, वहीं 272 अस्पताल बंद हैं.
  • हड़ताल के दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखी जाएंगी.
  • 18 जून सुबह 6 बजे तक इमरजेंसी सेवा छोड़कर चिकित्सा सेवा पूर्णतया बंद है.
  • विरोध मोर्चा में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय कानून की मांग की गई.

हम डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग कर रहे हैं. सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए और हमारी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए, ताकि हम भयमुक्त होकर काम कर सकें.
विरुप्पम तोमर, डॉक्टर

मेरठ: कोलकाता के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के मामले में सोमवार को जिले के डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं. हांलाकि आपात कालीन सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है. बताया जा रहा है कि यह हड़ताल 18 जून सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी.

डॉक्टरों ने की देशव्यापी हड़ताल.

डॉक्टरों ने देश भर में की हड़ताल

  • सोमवार को सुबह 10 बजे आईएमए हॉल में सभी डॉक्टरों ने एक सभा का आयोजन किया.
  • आयोजन के बाद विरोध मोर्चा निकाला गया.
  • 1300 चिकित्सक हड़ताल पर हैं, वहीं 272 अस्पताल बंद हैं.
  • हड़ताल के दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखी जाएंगी.
  • 18 जून सुबह 6 बजे तक इमरजेंसी सेवा छोड़कर चिकित्सा सेवा पूर्णतया बंद है.
  • विरोध मोर्चा में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय कानून की मांग की गई.

हम डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग कर रहे हैं. सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए और हमारी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए, ताकि हम भयमुक्त होकर काम कर सकें.
विरुप्पम तोमर, डॉक्टर

Intro:डॉक्टरों की सुरक्षा और कोलकाता के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के मामले में आज देश भर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं जिसके चलते हैं मेरठ में भी डॉक्टर हड़ताल कर सड़कों पर उतरे आपको बता दें कि आपात सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल पर नहीं है... जिस चलते सोमवार को 

समस्त डॉक्टर सुबह 10:00 बजे आज आईएमए हॉल में एकत्रित हुए और एक सभा का आयोजन कर विरोध मोर्चा निकाला आपको सारे डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय कानून की मांग की जा रही है.... आपको बता दें मेरठ में हड़ताल के चलते 12 जून तक निजी स्वास्थ्य सेवाएं अप रहेंगी और केवल इमरजेंसी सेवाएं चलते रहेंगे...





Body:स्टोरी-हड़ताल पर डॉक्टर्स, चिकित्सा सेवाएं ठप 



पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में आज मेरठ जनपद के करीब 1300 चिकित्सक हड़ताल पर है,इससे 272 अस्पताल बंद है, डॉक्टर्स ने साफ कर दिया है कि सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखी जाएंगी ।ऐसे में मरीजों को परेशानी होना लाजमी है हालांकि सरकारी अस्पताल खुले रहेंगे 

आईएमए  के चिकित्सकों ने निर्णय लिया है कि आज से सुबह 6 बजे से लेकर 18 जून सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए इमरजेंसी सेवा छोड़कर चिकित्सा सेवा पूर्णता बंद है,  राष्ट्रीय आईएमए द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में मेरठ आईएमए पूर्ण रूप से भागीदारी कर रही है । न्याय न मिलने तक चिकित्सको आंदोलन जारी रहेगा वहीं चिकित्सकों की मांग है कि केंद्र सरकार चिकित्सकों व अस्पतालों पर हिंसा के विरुद्ध सख्त कानून बनाएं,  हिंसा करने पर तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान हो, पश्चिम बंगाल में दोषी व्यक्तियों पर त्वरित कार्रवाई कर शांति व्यवस्था बहाल हो!

डॉक्टरों ने आईएमए मेरठ इकाई के दफ्तर से कमिश्नरी चौराहे तक पैदल मार्च निकाला ।



बाइट - विरुप्पम तोमर डॉक्टर


पारस गोयल मेरठ
9412785769




Conclusion:
Last Updated : Jun 17, 2019, 4:44 PM IST
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