ETV Bharat / state

साइबर हमले के बाद बढ़ी यूपी रोडवेज की मुसीबत मगर मैन्युअल टिकट ने बढ़ाई इनकम

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की वेबसाइट पर हुए साइबर अटैक के बाद से सभी ऑनलाइन सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं. कंडक्टर पैसेंजरों के लिए मैनुअल टिकट बना रहे हैं. मेरठ रीजन में यूपी रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा ने बताया कि ऐसे हालात में जो भी कंडक्टर ड्यूटी से कन्नी काटेंगे, उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी. उन्होंने दावा किया है कि मैन्युअल टिकट से विभाग की इनकम बढ़ी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 28, 2023, 1:09 PM IST

Updated : Apr 28, 2023, 2:32 PM IST

ईटीवी भारत से बातचीत करते क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा


मेरठ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की वेबसाइट पर साइबर हमले के बाद से रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं पिछले कई दिन से ध्वस्त हैं. यूपी रोडवेज के कंडक्टरों को पुराने ढर्रे पर मैन्युअल टिकट बनाना पड़ रहा है. यात्रियों की प्रॉब्लम दूर करने के लिए अफसरों की फौज खुद सड़कों पर है. मेरठ रीजन में यूपी रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक के के शर्मा ने दावा किया है कि इस हालात को विभाग चुनौती के तौर पर ले रहा है. फर्क सिर्फ इतना आया है कि कंडक्टर बसों में पैसेंजरों को टिकट दे रहे हैं. शिड्यूल के हिसाब से बसों का संचालन हो रहा है.

ईटीवी भारत से बातचीत में क्षेत्रीय प्रबंधक के के शर्मा ने कहा कि वक्त के साथ रोडवेज भी लगातार बदल रहा है. ऑनलाइन टिकट नहीं कटने के कारण कंडक्टरों को समस्या आ रही है. उन्होंने बताया कि कुछ कंडक्टरों ने इस स्थिति से बचने के लिए छुट्टी लेने की कोशिश की. कई परिचालकों ने ड्यूटी से भागने की कोशिश की. ऐसे परिचालकों को चेतावनी दी गई कि अगर इस अवधि में वे गैरहाजिर होते हैं तो उन्हें बर्खास्तगी की सजा दी जाएगी.

क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि सभी एआरएम और अन्य अधिकारी परिचालकों को मोटिवेट और सहयोग कर रहे हैं. वह इस मुश्किल वक्त में धैर्य रखना जरूरी है. उन्होंने बताया कि मेरठ परिक्षेत्र में कुल पांच डिपो हैं, जिनमें मेरठ, बागपत, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर शामिल है. इन सभी रूट्स पर बसों की रैंडम चेकिंग जारी है. यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम यह सुनिश्चित कर रहा है कि यात्रियों को कहीं भी असुविधा न हो.

उन्होंने बताया पांच डिपो में 668 बसें हैं, इनका शेड्यूल बनाया हुआ है, जिससे 338 बसें प्रतिदिन चलती हैं. 22 से 23 अप्रैल तक रोडवेज के डिपो से प्रतिदिन 312 से 315 बसें सड़क पर निकल रही थीं. अब 333 से 335 बसें निकल रही हैं. आरएम ने बताया कि 23 अप्रैल तक मेरठ रीजन से हर दिन लगभग 92 लाख रुपये का कलेक्शन आ रहा था, लेकिन अब इसमें बढोत्तरी हुई है. इस वक्त प्रतिदिन का कलेक्शन है एक करोड़ रुपये से ऊपर है.

उनका कहना है कि अभी 20 से 30 दिन के मैनुअल टिकट विभाग के पास हैं. उम्मीद है कि सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा क्योंकि 10 से 12 टीमें इस तकनीकी दिक्कत को सुधारने में जुटी हैं. गौरतलब है रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ठप होने से रोडवेज कर्मचारियों के साथ यात्रियों को भी समस्याएं हो रही हैं. एसी व जनरथ बसों के लिए पहले घर बैठकर टिकट बुक हो जाती थी अब ऑनलाइन टिकट नहीं मिलने की वजह से बस अड्डों पर ऐसे यात्रियों को टिकट बुकिंग के लिए जाना पड़ रहा है.

पढ़ें : यात्रा में होने वाली असुविधा होने पर यात्री अधिकारियों से कर सकेंगे संपर्क, सीयूजी नंबर जारी

ईटीवी भारत से बातचीत करते क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा


मेरठ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की वेबसाइट पर साइबर हमले के बाद से रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं पिछले कई दिन से ध्वस्त हैं. यूपी रोडवेज के कंडक्टरों को पुराने ढर्रे पर मैन्युअल टिकट बनाना पड़ रहा है. यात्रियों की प्रॉब्लम दूर करने के लिए अफसरों की फौज खुद सड़कों पर है. मेरठ रीजन में यूपी रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक के के शर्मा ने दावा किया है कि इस हालात को विभाग चुनौती के तौर पर ले रहा है. फर्क सिर्फ इतना आया है कि कंडक्टर बसों में पैसेंजरों को टिकट दे रहे हैं. शिड्यूल के हिसाब से बसों का संचालन हो रहा है.

ईटीवी भारत से बातचीत में क्षेत्रीय प्रबंधक के के शर्मा ने कहा कि वक्त के साथ रोडवेज भी लगातार बदल रहा है. ऑनलाइन टिकट नहीं कटने के कारण कंडक्टरों को समस्या आ रही है. उन्होंने बताया कि कुछ कंडक्टरों ने इस स्थिति से बचने के लिए छुट्टी लेने की कोशिश की. कई परिचालकों ने ड्यूटी से भागने की कोशिश की. ऐसे परिचालकों को चेतावनी दी गई कि अगर इस अवधि में वे गैरहाजिर होते हैं तो उन्हें बर्खास्तगी की सजा दी जाएगी.

क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि सभी एआरएम और अन्य अधिकारी परिचालकों को मोटिवेट और सहयोग कर रहे हैं. वह इस मुश्किल वक्त में धैर्य रखना जरूरी है. उन्होंने बताया कि मेरठ परिक्षेत्र में कुल पांच डिपो हैं, जिनमें मेरठ, बागपत, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर शामिल है. इन सभी रूट्स पर बसों की रैंडम चेकिंग जारी है. यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम यह सुनिश्चित कर रहा है कि यात्रियों को कहीं भी असुविधा न हो.

उन्होंने बताया पांच डिपो में 668 बसें हैं, इनका शेड्यूल बनाया हुआ है, जिससे 338 बसें प्रतिदिन चलती हैं. 22 से 23 अप्रैल तक रोडवेज के डिपो से प्रतिदिन 312 से 315 बसें सड़क पर निकल रही थीं. अब 333 से 335 बसें निकल रही हैं. आरएम ने बताया कि 23 अप्रैल तक मेरठ रीजन से हर दिन लगभग 92 लाख रुपये का कलेक्शन आ रहा था, लेकिन अब इसमें बढोत्तरी हुई है. इस वक्त प्रतिदिन का कलेक्शन है एक करोड़ रुपये से ऊपर है.

उनका कहना है कि अभी 20 से 30 दिन के मैनुअल टिकट विभाग के पास हैं. उम्मीद है कि सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा क्योंकि 10 से 12 टीमें इस तकनीकी दिक्कत को सुधारने में जुटी हैं. गौरतलब है रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ठप होने से रोडवेज कर्मचारियों के साथ यात्रियों को भी समस्याएं हो रही हैं. एसी व जनरथ बसों के लिए पहले घर बैठकर टिकट बुक हो जाती थी अब ऑनलाइन टिकट नहीं मिलने की वजह से बस अड्डों पर ऐसे यात्रियों को टिकट बुकिंग के लिए जाना पड़ रहा है.

पढ़ें : यात्रा में होने वाली असुविधा होने पर यात्री अधिकारियों से कर सकेंगे संपर्क, सीयूजी नंबर जारी

Last Updated : Apr 28, 2023, 2:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.