मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण के दफ्तर में एक महिला लिपिक को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों एंटीकरप्शन की टीम ने शनिवार को पकड़ लिया. एंटीकरप्शन की टीम पहले रिश्वतखोर महिला लिपिक को सिविल लाइन थाने ले गई. पूछताछ के उपरांत उसे कोर्ट में पेश किया और जेल भेज दिया गया.
बता दें कि शहर की लोहिया नगर योजना से संबंधित भूखंड के नामांतरण से जुड़ा मामला था. इसके एवज में मेरठ विकास प्राधिकरण की क्लर्क अनीता शर्मा ने रिश्वत की मांग की थी. रिश्वत मांगने की शिकायत अधिवक्ता राहुल भड़ाना निवासी ग्राम जुर्रानपुर थाना परतापुर ने एंटी करप्शन टीम से की थी. इस बारे में मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव चंद्रपाल सिंह तिवारी ने बताया कि क्लर्क अनीता शर्मा लोहिया नगर योजना की क्लर्क हैं.
अधिवक्ता राहुल भड़ाना ने बताया कि क्लर्क अनीता शर्मा ने कहा था कि जब तक पांच हजार रुपये नहीं मिलेंगे, तब तक वह कुछ भी नहीं करेगी. एडवोकेट ने बताया कि उनकी माताजी के नाम एक प्लाट था, जिसका नामांतरण होना था. उन्होंने बताया कि नामांतरण के लिए जो भी ऑनलाइन प्रोसेस था, उसे भी पूरा कर लिया गया था. उन्होंने बताया कि उनकी फाइल क्लर्क अनीता शर्मा के पास थी. वह करीब 15 दिनों से फाइल को रोके हुए थी.
शिकायकर्ता एडवोकेट राहुल भड़ाना ने बताया कि उसने क्लर्क अनीता से फाइल आगे बढ़ाने के लिए कहा तो उन्होंने दफ्तर में आकर मिलने को कहा था. उसके बाद वह जब मिलने गया तो क्लर्क ने 5 हजार रुपये मांगे. अधिवक्ता का कहना है कि उसने निवेदन भी किया कि वह अधिवक्ता है कृपया रहम करें. उसके बावजूद भी महिला क्लर्क ने सिर्फ दो टूक यही कहा कि 5 हजार रुपये नहीं दोगे तो फाइल फारवर्ड नहीं की जाएगी.
अधिवक्ता ने कहा कि इसके बाद उसने एंटी करप्शन टीम से सम्पर्क किया और शिकायत की. शनिवार को जब वह मेडा दफ्तर पहुंचा तो महिला क्लर्क ने 5 हजार रुपये की मांग की. उसने महिला को पैसे दिए और तभी रंगे हाथों एंटीकरप्शन को टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. एसपी सिटी पीयूष सिंह ने बताया कि महिला क्लर्क को एंटीकरप्शन की टीम पूछताछ के लिए सिविल लाइंस थाना लेकर गई थी. पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया.
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