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कुत्ते के काटने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत, परिजनों ने लगवाया था रेबीज के बजाए टिटनेस का इंजेक्शन - child died due to dog bite in meerut

मेरठ में एक 12 वर्षीय बच्चे की कुत्ते के काटने (Dog Bite Child in Meerut) से मौत हो गई. परिजनों ने बच्चे को रेबीज का इंजेक्शन न लगवा कर टिटनेस का इंजेक्शन लगवा दिया था. इस कारण उसकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई और उसकी मौत हो गई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 7, 2023, 10:27 PM IST

मेरठ में कुत्ते के काटने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत

मेरठ: जिले के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के रहने वाले एक बच्चे की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है. 12 वर्षीय बच्चे को दो माह पूर्व एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. परिजनों ने तब उसे रेबीज का इंजेक्शन न लगवा कर सिर्फ टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया था. धीरे-धीरे बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई. आखिरकार उसकी तड़प-तड़प कर दर्दनाक मौत हो गई.

ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के सूर्यापुरम कॉलोनी के रहने वाले 12 वर्षीय दुष्यंत को रक्षाबंधन के दिन गली में घूम रहे एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. इसके बाद उसके परिजन उसे नजदीक के ही एक चिकित्सक के पास ले गए थे. लोगों के कहने पर परिजन उसे सिर्फ टिटनेस का इंजेक्शन लगवा कर घर आ गए थे. परिजनों की लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि धीरे-धीरे दुष्यन्त में रेबीज इंफेक्शन फैलता चला गया. इसके बाद एक नवंबर को बच्चे की हालत गंभीर हो गई.

इस बीच दुष्यन्त के परिजन उसे दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में उपचार के लिए लेकर गए. लेकिन, डॉक्टरों ने जवाब दे दिया. 6 नवंबर को दुष्यंत ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. शव को परिजन ब्रजघाट लेकर चले गए, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस घटना को लेकर सीएमओ अखिलेश मोहन ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में रेबीज का इंजेक्शन मौजूद है. ऐसे में वह यही कहेंगे कि किसी भी तरह की सुनी सुनाई बातों पर यकीन नहीं करना चाहिए. खुद से डॉक्टर न बनें.

मासूम को जिस कुत्ते ने काटा था, उस कुत्ते की कुछ दिन बाद ही मौत हो गई थी. जिला अस्पताल की सीएमएस डॉक्टर ईश्वर देवी बत्रा ने बताया कि बच्चे को परिजन 4 नवंबर को लेकर आए थे, तब उन्हें परिजनों ने बताया था कि उन्होंने रेबीज से बचाव के लिए वैक्सीन नहीं लगवाई थी. सीएमएस ने कहा कि उसके बाद परिजन बच्चे को दिल्ली लेकर चले गए थे.

बच्चे के ताऊ दीपक कुमार ने बताया कि क्षेत्र में काफी संख्या में आवारा कुत्ते हैं, जोकि अक्सर किसी न किसी पर अचानक हमला बोल देते हैं. उन्होंने कहा कि जैसा उनके भतीजे के साथ हुआ, ऐसा किसी के साथ न हो. जागरूकता की कमी से दुष्यन्त की मौत हुई है. इस बारे में नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉक्टर हरपाल सिंह ने बताया कि वह यही कहेंगे कि अगर कभी भी किसी को कोई कुत्ता, बिल्ली या बंदर काटे तो लापरवाही नहीं करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि इस मामले में परिजनों ने एंटी रेबीज न लगवाकर सिर्फ टिटनेस इंजेक्शन लगवाया था. उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए कार्यक्रम चल रहा है.

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मेरठ में कुत्ते के काटने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत

मेरठ: जिले के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के रहने वाले एक बच्चे की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है. 12 वर्षीय बच्चे को दो माह पूर्व एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. परिजनों ने तब उसे रेबीज का इंजेक्शन न लगवा कर सिर्फ टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया था. धीरे-धीरे बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई. आखिरकार उसकी तड़प-तड़प कर दर्दनाक मौत हो गई.

ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के सूर्यापुरम कॉलोनी के रहने वाले 12 वर्षीय दुष्यंत को रक्षाबंधन के दिन गली में घूम रहे एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. इसके बाद उसके परिजन उसे नजदीक के ही एक चिकित्सक के पास ले गए थे. लोगों के कहने पर परिजन उसे सिर्फ टिटनेस का इंजेक्शन लगवा कर घर आ गए थे. परिजनों की लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि धीरे-धीरे दुष्यन्त में रेबीज इंफेक्शन फैलता चला गया. इसके बाद एक नवंबर को बच्चे की हालत गंभीर हो गई.

इस बीच दुष्यन्त के परिजन उसे दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में उपचार के लिए लेकर गए. लेकिन, डॉक्टरों ने जवाब दे दिया. 6 नवंबर को दुष्यंत ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. शव को परिजन ब्रजघाट लेकर चले गए, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस घटना को लेकर सीएमओ अखिलेश मोहन ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में रेबीज का इंजेक्शन मौजूद है. ऐसे में वह यही कहेंगे कि किसी भी तरह की सुनी सुनाई बातों पर यकीन नहीं करना चाहिए. खुद से डॉक्टर न बनें.

मासूम को जिस कुत्ते ने काटा था, उस कुत्ते की कुछ दिन बाद ही मौत हो गई थी. जिला अस्पताल की सीएमएस डॉक्टर ईश्वर देवी बत्रा ने बताया कि बच्चे को परिजन 4 नवंबर को लेकर आए थे, तब उन्हें परिजनों ने बताया था कि उन्होंने रेबीज से बचाव के लिए वैक्सीन नहीं लगवाई थी. सीएमएस ने कहा कि उसके बाद परिजन बच्चे को दिल्ली लेकर चले गए थे.

बच्चे के ताऊ दीपक कुमार ने बताया कि क्षेत्र में काफी संख्या में आवारा कुत्ते हैं, जोकि अक्सर किसी न किसी पर अचानक हमला बोल देते हैं. उन्होंने कहा कि जैसा उनके भतीजे के साथ हुआ, ऐसा किसी के साथ न हो. जागरूकता की कमी से दुष्यन्त की मौत हुई है. इस बारे में नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉक्टर हरपाल सिंह ने बताया कि वह यही कहेंगे कि अगर कभी भी किसी को कोई कुत्ता, बिल्ली या बंदर काटे तो लापरवाही नहीं करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि इस मामले में परिजनों ने एंटी रेबीज न लगवाकर सिर्फ टिटनेस इंजेक्शन लगवाया था. उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए कार्यक्रम चल रहा है.

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