मेरठ: जनपद के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आयुर्वेद महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. इसका शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे. इस मौके पर प्रदेश की गवर्नर भी मौजूद रहेंगी. कार्यक्रम के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. देश में हर साल ऐसे 5 आयोजन होते है, उनमें से ये चौथा महाकुंभ आयोजन है. तीन दिवसीय राष्ट्रीय आयुर्वेद महाकुंभ का 13 मार्च को समापन होगा. जिसमें केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में देश भर से 300 से ज्यादा आयुर्वेदाचार्य जुड़ेगे, इसी के साथ आयुष से जुड़े चिकित्सक और आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य करने वाली प्रमुख कंपनी भी पहुंच रही हैं.
इस बारे में राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेई ने बताया कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के द्वारा आयुर्वेद महासम्मेलन दिल्ली और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयुर्वेद पर्व का आयोजन होने जा रहा है. सांसद ने आयुर्वेद पर्व के 4 आयामों के बारे में बताया. महाकुंभ में आए मरीजों को देखने के लिए ख्याति प्राप्त विद्वान चिकित्सक मौजूद रहेंगे. जो सुबह से शाम तक मरीजों को देखेंगे भी और उनको औषधी भी देंगे. इसके साथ-साथ साइंटिफिक सेशन भी होगा जो कि 12 मार्च की दोपहर से शुरू होकर 13 मार्च की शाम तक चलेगा.इस साइंटिफिक सेशन में आयुर्वेद के रिसर्च पेपर लोगों के द्वारा पढ़े जाएंगे.
इसी के साथ आयुर्वेद पर लोगों का क्या मत है उसको स्पष्ट किया जाएगा. जो भी कंपनिया आयुर्वेदिक औषाधियां बनाती है उनके बारे में जनता को जानकारी दी जाएगी. इसके लिए देश भर की कंपनी आ रही हैं. देशभर के रिसर्च स्कॉलर आ भी आ रहे हैं. इसी के साथ देश भर के विद्वान सम्मेलन में भाग लेकर अपने अनुभव के आधार पर अपनी बात रखेंगे. इस आयोजन में पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद रहेंगे. पूरे प्रदेश से जो भी आएगा उनको पथ्य के बारे में जानकारी दी जाएगी और उनकी समस्याओं का निदान भी किया जाएगा.
कार्यक्रम के आयोजक डा. ब्रज भूषण शर्मा ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में पांच आयुर्वेद पर्व होते हैं. इन पांचों पर्व को अखिल भारतीय आयुर्वेद सम्मेलन ही आयोजित करता है. पहला पर्व महाराष्ट्र के शिरडी में, दूसरा हरियाणा के रोहतक में और तीसरा उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में हो चुका है. जबकि चौथा यूपी के मेरठ में हो रहा है. इसके बाद इस साल का आखिरी और पांचवा पर्व पंजाब के मोहाली में होगा. उन्होंने आगे बताया कि पहले यह पर्व पहले दिल्ली में होना था, लेकिन हम इसे छीन लाए और यूपी के मेरठ में इसका आयोजन कर रहे हैं. इसकी तैयारी अक्टूबर माह से की जा रही है.
इस महाकुंभ में करीब 54 आयुर्वेद से जुड़ी कंपनी आकर यहां अपने प्रोडक्ट को प्रदर्शित करेंगी. कोलकाता से आए आयुर्वेद निर्मित औषधियों के निर्माता गौतम कुमार विश्वास ने कहा कि देश में पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार आयुर्वेद को बढ़ावा मिल रहा है. वहीं, आयोजन टीम के सदस्य तुलसी भाटिया ने बताया कि आयुर्वेद में उपचार और बचाव दोनों हैं. एलोपैथी की तर्ज पर ही आयुर्वेद के बढ़ावे के लिए सरकार के प्रयास सराहनीय हैं. बस जरूरत है कि इसका व्यापक प्रचार प्रसार हो. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह, पद्मश्री और पद्मभूषण राष्ट्रपति और राज वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा भी मौजूद रहेंगे.
वहीं, राजस्थान की आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जयपुर के वाइस चांसलर प्रोफेसर प्रदीप प्रजापति, गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जामनगर के वाइस चांसलर मुकुल पटेल, बीएचयू के प्रोफेसर मनोरंजन साहू भी शिरकत करेंगे. शल्य तंत्र विशेषज्ञ प्रोफेसर बीआर त्रिपाठी और यूनानी विशेषज्ञ डॉक्टर मुनीर अजमत दिल्ली से आएंगे. वैज्ञानिक सत्र में नदियाद आयुर्वेद विश्वविद्यालय गुजरात के प्रोफेसर एसएन गुप्ता, अखिल भारतीय आयुर्वेद शिक्षण संस्थान के डीन प्रोफेसर महेश व्यास भी शिरकत करने वाले हैं. शनिवार को दिनभर इस भव्य आयोजन की तैयारियों को लेकर एडीजी, कमिश्नर, आईजी, डीएम, एसएसपी समेत तमाम पुलिस और प्रशासन के अधिकारी ने स्वयं जायजा लिया.
यह भी पढ़ें:MEERUT NEWS : तेल-घी में मिलावट की भरमार, बदलें रवैया नहीं तो हो जाएंगे बीमार