मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रविवार की सुबह साल की पहली बारिश हुई. अचानक बेमौसम बारिश के साथ झमाझम ओलावृष्टि भी हुई. सर्दी के मौसम में ओलावृष्टि से तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण ठिठुरन बढ़ गई है, वहीं वायु प्रदूषण से भी राहत मिली है. बारिश से प्रदूषित कण धुलने से पर्यावरण शुद्ध हुआ है. वहीं शहर का AQI घट कर 184 पर आ गया है.
ओलावृष्टि से किसानों के खेतों में खड़ी सब्जियों सरसों, मटर, चना, गोभी, पालक, मेथी आदि को नुकसान हुआ है. हालांकि बारिश का होना गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है. बारिश होने से गेहूं की फसल के लिए अब सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं होगी. वहीं बारिश और ओलावृष्टि के बाद तापमान निचले पायदान पर पहुंच गया है.
जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. सर्दी के इस मौसम में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बारिश के बाद तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई, जिससे ठंड बढ़ गई है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कई दिनों तक अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक रहने के आसार है. शनिवार की रात को न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री, सामान्य से 4 डिग्री अधिक रहा है.
अमरोहा में हुई ओलावृष्टि
वहीं, अमरोहा जनपद में भी सुबह तड़के से लगातार हो रही बारिश और उसके साथ ओलावृष्टि से ठंड का प्रकोप बढ़ता गया है. जिले के डिडौली, सैदनगली समेत कई इलाकों में हुई ओलावृष्टि से मौसम ठंडा हो गया है. बारिश के साथ ही जिले में जमकर ओलावृष्टि भी हुई है.
बिजनौर में भी हाड़ कपाने वाली ठंड
जनपद बिजनौर में सुबह से ही रुक-रुक कर लगातार बारिश हो रही है. इस वजह से हाड़ कपा देने वाली सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव जला रहे हैं. मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक बारिश का अनुमान जताया है. बिजनौर शहर में बारिश की वजह से बिजली भी गुल है. ऐसे में बारिश का मौसम गरीब परिवारों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. वहीं किसानों की मानें तो यह बारिश फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी. गेहूं की फसल से लेकर गन्ने की फसल को इस बार इससे काफी फायदा होगा.