मेरठ : जिला पंचायत चुनाव की मतगणना मंगलवार शाम को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गई. मेरठ जिले में हुए जिला पंचायत चुनाव में 2022 से पहले ही बीजेपी को करारा झटका लगा है. 33 वार्डों में से बीजेपी के केवल 6 प्रत्याशी ही जीत पाए हैं. बहुजन समाज पार्टी के 9, समाजवादी पार्टी के 7 और राष्ट्रीय लोकदल समर्थित 6 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. जबकि 5 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी है. दो मई की सुबह आठ बजे से शुरू हुई मतगणना 4 मई तक चलती रही. इस दौरान कई दिग्गजों को झटका लगा है तो कई की प्रतिष्ठा मामूली अंतर से बची है.
असफल रहे बीजेपी नेता
बता दें कि उत्तर प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सत्तारूढ़ भाजपा से लेकर सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानकर चल रही थीं. आगामी विधानसभा चुनाव पर फोकस बनाकर भाजपा ने जिला पंचायत चुनाव प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव प्रचार एवं शोरगुल नहीं हो पाया. बावजूद इसके सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने मैनेजमेंट में विपक्षी दलों को पटकनी देने के लिए अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इस चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरने के लिए प्लान दिया था. लेकिन जनता जनार्दन के बीच पहुंचे बीजेपी नेता पूरी तरफ असफल रहे. नतीजतन बीजेपी नेता 33 वार्डों में से केवल 6 वार्डों के प्रत्याशियों को ही जिताने में सफल हो पाए. पांच साल पहले हुए जिला पंचायत चुनाव में दहाई का आंकड़ा छूने वाली भाजपा 6 सीटों पर ही सिमट कर रह गई.
बसपा बनी जिले की नंबर 1 पार्टी
दूसरी तरफ, बहुजन समाज पार्टी सबसे ज्यादा 9 जिला पंचायत वार्डों में जीत हासिल कर जिले में नंबर वन पार्टी बन गई है. जबकि समाजवादी पार्टी के 7 प्रत्याशी, राष्ट्रीय लोकदल के 6 प्रत्याशी और आम आदमी पार्टी के एक प्रत्याशी जीत कर आए हैं. हैरत की बात ये रही कि कांग्रेस पार्टी का मेरठ जिला पंचायत चुनाव में पूरी तरह सफाया हो गया है. इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गजों को बड़ा झटका लगा है.
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कृषि कानून बने बीजेपी की हार का कारण
बीजेपी की हार को कहीं किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है तो कहीं बढ़ती महंगाई का असर माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत एवं किसान संगठनों की अपील पर किसानों ने बीजेपी को नकार दिया है. यही वजह रही कि अपनी राजनीतिक जमीन खो चुकी रालोद को बढ़त मिली है. किसानों ने बीजेपी के खिलाफ मतदान कर मिशन 2022 के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
ब्लॉक स्तर पर विजयी जिला पंचायत प्रत्याशी
हस्तिनापुर
वार्ड 1 - कुसुम सिद्धार्थ- सपा
वार्ड 2 - मुनेश- सपा
मवाना
वार्ड 3 - ईशा चौधरी- रालोद
वार्ड 4 - जोगिन्द्र- रालोद
वार्ड 5 - अजित प्रताप- रालोद
दौराला
वार्ड 6 - सलोनी- बसपा
वार्ड 7 - सुमन दुल्हैड़ा- बसपा
वार्ड 8 - अरुणा भारती- रालोद
सरधना
वार्ड 9 - अंकित मोतला- निर्दलीय
वार्ड 10 - अश्विनी शर्मा- बसपा
वार्ड 11 - सुनील प्रधान- भाजपा
सरूरपुर
वार्ड 12 - आशिया बेगम- निर्दलीय
वार्ड 13 - अनिकेत भारद्वाज- रालोद
रोहटा
वार्ड 14 - सम्राट मलिक- सपा
वार्ड 15 - मितन कुमार- बसपा
वार्ड 16 - नवाजिश चौहान- सपा
जानीखुर्द
वार्ड 17 - अतुल पूनिया- बसपा
वार्ड 18 - गौरव चौधरी- भाजपा
वार्ड 19 - दीपक गून- रालोद
मेरठ
वार्ड 20 - प्रदीप कुमार उर्फ गुड्डू गगोल- भाजपा
खरखौदा
वार्ड 21 - ऋषि त्यागी- भाजपा
वार्ड 22 - भोपाल प्रधान- बसपा
राजपुरा
वार्ड 23 - अनीता तोमर- भाजपा
वार्ड 24 - सुनील प्रधान- बसपा
वार्ड 25 - अरुण प्रधान- बसपा
वार्ड 26 - नाजिम- सपा
माछरा
वार्ड 27 - रजनी त्यागी-भाजपा
वार्ड 28 - पूनम शर्मा- आप
वार्ड 29 - अमित फौजी- बसपा
परीक्षितगढ़
वार्ड 30 - जब्बार- निर्दलीय
वार्ड 31 - डाक्टर विनेश- सपा
वार्ड 32 - विकास उपाध्याय- निर्दलीय
वार्ड 33 - सोनम भड़ाना- सपा