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सचिन को जीरो पर आउट कर मेरठ के इस खिलाड़ी ने मचाया था तहलका

तेज गेंदबाज मंगलवार को 29 साल के हो गए. मेरठ में जन्में भारत के इस तेज गेंदबाज ने खेल जगत में खूब नाम कमाया है.

भुवनेश्वर कुमार.
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Published : Feb 5, 2019, 11:43 PM IST

मेरठ: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार मंगलवार को 29 साल के हो गए. इंडिया के इस तेज गेंदबाज ने खेल जगत में यूपी के छोटे से शहर मेरठ को नई पहचान दे दी है. . भारत का यह तेज गेंदबाज पूरी दुनिया में अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवा चुका है. मेरठ ने भारत क्रिकेट टीम को कई बड़े सितारे दिए हैं जिनमें भुवनेश्वर कुमार प्रवीण कुमार शामिल है.

भुवनेश्वर कुमार.
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अपनी स्विंग से बल्लेबाजों को नाकों तले चने चबवाने वाले भुवनेश्वर भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल है जिनका जन्म तब हुआ जब सचिन तेंदुलकर भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू कर चुके थे. भुवनेश्वर कुमार ने 17 साल की उम्र में अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी. वहीं 2009 में क्रिकेट जगत के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर तेंदुलकर को भुवनेश्वर ने हैदराबाद में हुए रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहले तो 12 गेंदों तक लगातार परेशान किया और फिर जीरो पर आउट कर तहलका मचा दिया था.

ऐसा माना जाता है कि मन में जज्बा हो और कुछ कर दिखाने की लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. ऐसा ही कुछ भुवनेश्वर ने किया था. दरअसल अंडर 15 में भुवनेश्वर को काफी तेज बुखार था. डॉक्टर ने भुवनेश्वर को पूरी तरह से बेड रेस्ट बताया था, लेकिन क्रिकेट का जुनून उन पर इस कदर सवार था कि उन्होंने अपने पिता को मनाया और मैच खेलने के लिए चले गए.

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भुवनेश्वर ने भामाशाह भारत क्रिकेट अकेडमी से क्रिकेट के गुर सीखे है. वहीं यहां पर क्रिकेट खेलने वालों से बात की तो उनका कहना था कि हम अक्सर भूवी भैया को क्रिकेट खेलते हुए देखते थे और हमारा मानना है कि वह बहुत ज्यादा डिसिप्लिन और हार्ड वर्क करते थे. यही चीज हम आज तक फॉलो करते है और आगे जाकर भूवी भैया जैसे बनना चाहते हैं.




मेरठ: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार मंगलवार को 29 साल के हो गए. इंडिया के इस तेज गेंदबाज ने खेल जगत में यूपी के छोटे से शहर मेरठ को नई पहचान दे दी है. . भारत का यह तेज गेंदबाज पूरी दुनिया में अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवा चुका है. मेरठ ने भारत क्रिकेट टीम को कई बड़े सितारे दिए हैं जिनमें भुवनेश्वर कुमार प्रवीण कुमार शामिल है.

भुवनेश्वर कुमार.
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अपनी स्विंग से बल्लेबाजों को नाकों तले चने चबवाने वाले भुवनेश्वर भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल है जिनका जन्म तब हुआ जब सचिन तेंदुलकर भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू कर चुके थे. भुवनेश्वर कुमार ने 17 साल की उम्र में अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी. वहीं 2009 में क्रिकेट जगत के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर तेंदुलकर को भुवनेश्वर ने हैदराबाद में हुए रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहले तो 12 गेंदों तक लगातार परेशान किया और फिर जीरो पर आउट कर तहलका मचा दिया था.

ऐसा माना जाता है कि मन में जज्बा हो और कुछ कर दिखाने की लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. ऐसा ही कुछ भुवनेश्वर ने किया था. दरअसल अंडर 15 में भुवनेश्वर को काफी तेज बुखार था. डॉक्टर ने भुवनेश्वर को पूरी तरह से बेड रेस्ट बताया था, लेकिन क्रिकेट का जुनून उन पर इस कदर सवार था कि उन्होंने अपने पिता को मनाया और मैच खेलने के लिए चले गए.

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भुवनेश्वर ने भामाशाह भारत क्रिकेट अकेडमी से क्रिकेट के गुर सीखे है. वहीं यहां पर क्रिकेट खेलने वालों से बात की तो उनका कहना था कि हम अक्सर भूवी भैया को क्रिकेट खेलते हुए देखते थे और हमारा मानना है कि वह बहुत ज्यादा डिसिप्लिन और हार्ड वर्क करते थे. यही चीज हम आज तक फॉलो करते है और आगे जाकर भूवी भैया जैसे बनना चाहते हैं.




Intro:टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार आज 29 साल के हो गए हैं इंडिया के स्पिन गेंदबाज ने खेल की दुनिया में यूपी के छोटे से शहर मेरठ को नई पहचान दे दी है। यू तू मेरठ भारत के खेल उद्योग में बड़ी भूमिका रखता है मेरठ में भारत क्रिकेट टीम को कई बड़े सितारे दिए हैं जिनमें भुवनेश्वर कुमार प्रवीण कुमार शामिल है।


Body:भारत क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार आज 29 साल के हुए हैं और भुवनेश्वर भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल है जिन का जन्म तब हुआ जब सचिन तेंदुलकर भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू कर चुके थे।
बात अगर भुवनेश्वर कुमार के क्रिकेट करियर की जाए तो उन्होंने 17 साल की उम्र में पहला फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी।
यह बात तो सच है कि अगर मन में जज्बा हो और कुछ कर दिखाने की लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है जिसे साकार मेरठ के भुवनेश्वर ने भी सच करके दिखाया था दरअसल अंडर 15 में भुवनेश्वर को काफी तेज बुखार हो आया था डॉक्टर ने भुवनेश्वर को पूरी तरह से बेड रेस्ट बताया था लेकिन क्रिकेट का जुनून उन पर इस कदर सवार था कि उन्होंने अपने पिता को मनाया और मैच खेलने के लिए चले गए।

क्रिकेट जगत के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर तेंदुलकर को भी भुवनेश्वर ने 2009 में हैदराबाद में हुए रणजी ट्रॉफी फाइनल में तेंदुलकर को पहले तो 12 गेंदों तक परेशान किया और जीरो पर आउट कर दिया।

आज हमने भामाशाह भारत जाकर जहां से भुवनेश्वर ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी वह कुछ क्रिकेट खेलने वालों से बात की तो उनका कहना था कि हम अक्सर भूवी भैया को क्रिकेट खेलते हुए देखते थे और हमारा मानना है कि वह बहुत ज्यादा डिसिप्लिन और हार्ड वर्क करते थे यही चीज हम आज तक फॉलो करता है और आगे जाकर भूवी भैया जैसे बनना चाहते हैं।
पार्क में खेल रहे लोगों के अनुसार भूवी भैया से जब भी हम बात करते थे तो उनका यही कहना था कि हमेशा अनुशासन में रहो और खूब मेहनत करते रहो।

बाइट संजय कुमार
भुवनेश्वर कोच


बाइट क्रिकेट अभ्यास करता
भामाशाह पार्क


वॉइस ओवर


पारस गोयल मेरठ
9412785769



Conclusion:
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