मेरठ: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार मंगलवार को 29 साल के हो गए. इंडिया के इस तेज गेंदबाज ने खेल जगत में यूपी के छोटे से शहर मेरठ को नई पहचान दे दी है. . भारत का यह तेज गेंदबाज पूरी दुनिया में अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवा चुका है. मेरठ ने भारत क्रिकेट टीम को कई बड़े सितारे दिए हैं जिनमें भुवनेश्वर कुमार प्रवीण कुमार शामिल है.
अपनी स्विंग से बल्लेबाजों को नाकों तले चने चबवाने वाले भुवनेश्वर भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल है जिनका जन्म तब हुआ जब सचिन तेंदुलकर भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू कर चुके थे. भुवनेश्वर कुमार ने 17 साल की उम्र में अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी. वहीं 2009 में क्रिकेट जगत के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर तेंदुलकर को भुवनेश्वर ने हैदराबाद में हुए रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहले तो 12 गेंदों तक लगातार परेशान किया और फिर जीरो पर आउट कर तहलका मचा दिया था.
ऐसा माना जाता है कि मन में जज्बा हो और कुछ कर दिखाने की लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. ऐसा ही कुछ भुवनेश्वर ने किया था. दरअसल अंडर 15 में भुवनेश्वर को काफी तेज बुखार था. डॉक्टर ने भुवनेश्वर को पूरी तरह से बेड रेस्ट बताया था, लेकिन क्रिकेट का जुनून उन पर इस कदर सवार था कि उन्होंने अपने पिता को मनाया और मैच खेलने के लिए चले गए.
भुवनेश्वर ने भामाशाह भारत क्रिकेट अकेडमी से क्रिकेट के गुर सीखे है. वहीं यहां पर क्रिकेट खेलने वालों से बात की तो उनका कहना था कि हम अक्सर भूवी भैया को क्रिकेट खेलते हुए देखते थे और हमारा मानना है कि वह बहुत ज्यादा डिसिप्लिन और हार्ड वर्क करते थे. यही चीज हम आज तक फॉलो करते है और आगे जाकर भूवी भैया जैसे बनना चाहते हैं.